विषाणु Virus
विषाणु
वाइरस शब्द की उत्पत्ति Virum शब्द से हुयी है। 1898 में लोफलर एवं फ्रोस्च ने जानवरों में विषाणु जनित रोगों के संबंध में महत्त्वपूर्ण सफलता प्राप्त की तब इन्हें विषाणु कहा गया। विषाणु, जीवित कोशिकाओं में परजीवी के रुप में पाये जाते हैं तथा अनेक प्रकार की बीमारियां फैलाते हैं।
विषाणुओं के लक्षण
ये केवल जीवित कोशिका में ही वृद्धि एवं जनन कर सकते हैं। ये अपने चारों ओर के वातावरण के प्रति संवेदनशील होते हैं। पोषक कोशिका के बाहर इनमें प्रजनन की क्षमता नहीं पायी जाती है। पौधों में इनका विस्तार, फ्लोएम के माध्यम से एवं जंतुओं के शरीर में, रक्त के माध्यम से होता है। एक विषाणु केवल एक निश्चित जाति को ही संक्रमित करता है।
विषाणुओं की लाभदायक क्रियाएं
- इनमें सजीव एवं निर्जीव, दोनों के गुण पाये जाने के कारण इनका उपयोग जैव विकास के अध्ययन में किया जाता है।
- ये नीले-हरे शैवालों की सफाई करने में सहायक होते हैं।
- इनकी सहायता से पानी को खराब होने से बचाया जाता है। जीवाणुभोजी पानी को सड़ने से रोकता है।
विषाणुओं से हानि
- विषाणु पौधों, जानवरों एवं मनुष्यों में अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न करते है।
विषाणुओं (Virus) द्वारा होने वाले मनुष्य में कुछ प्रमुख रोग
रोग का नाम |
प्रभावित अंग | रोग के लक्षण |
गलसुआ (Mumps) | पेरोटिड लार ग्रंथियां (Paratids Salivary glands) | लार ग्रंथियों में सूजन, अग्न्याशय और वृषण (Testis) में सूजन, ज्वर, सिर-दर्द इस रोग से बंध्यता (Sterility) होने का भय रहता है। |
फ्लू या इन्फ्लुएँजा (Flu or influenza) | श्वसन तन्त्र | ज्वर, शरीर में पीड़ा, सिर दर्द, जुकाम, खाँसी |
रेबीज या हाइड्रोफोबिया (Rabies or Hydrophobia) पागल कुत्ते के काटने से होने वाला रोग | तन्त्रिका तन्त्र | पीड़ा, ज्वर, पानी से अत्यधिक भय, माँसपेशियों तथा श्वसनतन्त्र में लकवा, बेहोशी, बेचैनी, यह घातक रोग है। |
खसरा (Measles) | सम्पूर्ण शरीर | ज्वर, पीड़ा, सम्पूर्ण शरीर में खराश, नेत्रों में जलन, आँख और नाक से द्रव का बहना |
चेचक (Small poх) | सम्पूर्ण शरीर, विशेषकर चेहरा तथा हाथ-पाँव | ज्वर, पीड़ा, जलन व बैचेनी, सम्पूर्ण शरीर पर फफोले |
पोलियो (polio) भोजन व पानी के साथ शरीर में प्रवेश करने वाला विषाणु | तन्त्रिका तन्त्र (स्पाइनल कॉर्ड के मोटर तन्त्रिका की क्षति) | माँसपेशियों के संकुचन में अवरोध तथा हाथ व पैरों में लकवा |
हरपीस (Herpes) | त्वचा, श्लेष्मकला | त्वचा में जलन, बेचैनी, शरीर पर फोड़े |
मस्तिष्क शोथ या एन्सेफलाइटिस (Encephalitis) | तत्रिका तन्त्र | ज्वर, बेचैनी, दृष्टि-दोष, अनिद्रा, बेहोशी यह घातक रोग है। |
रोहे या ट्रेकोमा (Trachoma) | नेत्र | नेत्रों में सूजन, जलन तथा पानी का बहना |
विषाणु जनित पादप रोग Plant Disease Caused by Viruses
फसल का नाम |
(Name of crops) | रोगों का नाम | (Name of disease) |
गन्ना | Sugarcane | घास जैसा वरोह | Grass shoot disease |
चुकन्दर | Beet roof | ऐंठा हुआ सिराभाग | Twisted apex |
टमाटर | Tomato | पत्तियों की ऐंठन | Twisted leave disease |
भिन्डी | Ladyfinger | पीली नाड़ी मोजेक | Yellow vein mosaic |
केला | Banana | मोजेक | Mosaic disease |
पपीता | Papaya | मोजेक | Mosaic |
सिटूल फल | Citrus fruits | ट्रिस्टेजा, नाड़ी का ऊतक क्षयन | Tristeza-yellowing of veins |
बादाम | Almond | रेखा पेटर्न | Streak pattern |
चीनी, सरसों | Sugar, Sarsaon | मोजेक | Mosaic disease |
तिल | Seasamum | फिल्लोडी |
Phyllody |