सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में: दिल्ली उच्च न्यायालय The post of Chief Justice of Supreme Court under the Right to Information Act: Delhi High Court
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में 12 जनवरी, 2010 को कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में आता है। उच्च न्यायालय ने अपनी 88 पृष्ठों की रिपोर्ट में कहा है कि न्यायिक स्वतंत्रता किसी न्यायाधीश का व्यक्तिगत परमाधिकार या विशेषाधिकार नहीं है अपितु यह निष्पक्षता, सावधानीपूर्वक एवं ईमानदारी से निर्णय करने हेतु प्रत्येक न्यायाधीश पर डाली गई जिम्मेदारी है। उल्लेखनीय है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री के.जी. बालाकृष्णन ने कहा है कि उनका पद पारदर्शिता कानून के दायरे में नहीं आता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि उच्चतर न्यायालय के न्यायाधीशों को अपनी संपत्ति का सार्वजनिक ब्यौरा देना चाहिए, क्योंकि वह निचली अदालतों से कम उत्तरदायी एवं जवाबदेह नहीं है, जिनकी सेवा नियमावली में संपत्ति की घोषणा करना शामिल है। उच्च न्यायालय के अनुसार सूचना का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 19(1) और अनुच्छेद 21 का एक अंग है। सूचना का अधिकार मात्र सूचना के अधिकार कानून से नहीं मिलता अपितु अनुच्छेद 19(1) के अंतर्गत संवैधानिक गारंटी से आता है।