सीमान्त वेग Terminal velocity
जब कोई वस्तु किसी श्यान द्रव में गिरती है, तो प्रारंभ में उसका वेग बढ़ता जाता है, किन्तु कुछ समय बाद वह नियत वेग से गिरने लगती है।
इस नियत वेग को ही वस्तु का सीमान्त वेग कहते है। सीमान्त वेग की स्थिति में वस्तु का भार, श्यान बल एवं उत्प्लावन बल के योग के बराबर हो जाता है, अतः उस वस्तु पर कार्य करने वाले बलों का बीजीय योग शून्य होता है। अतः वस्तु का त्वरण भी शून्य होता है। यह वेग वस्तु की त्रिज्या के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है, अर्थात् बड़ी वस्तु अधिक वेग से और छोटी वस्तु कम वेग से गिरती है। पैराशूट की सहायता से नीचे उतरता सैनिक सीमान्त वेग से पृथ्वी पर उतरता है। बादल आकाश में तैरते हुए प्रतीत होते हैं, क्योंकि बादल भाप के बहुत छोटे कणों से मिलकर बने हैं। इन कणों का सीमान्त वेग बहुत ही कम होता है, जिससे वे वायु की दिशा में बह जाते है, जिससे उनका समूह तैरता हुआ-सा प्रतीत होता है।