भारत में सिंचाई के साधन Sources of irrigation in India
भारत में सिंचाई के साधन Sources of irrigation in India
भारत में सिंचाई के निम्नलिखित साधन पाए जाते है-
- नहरों द्वारा – 31.4%
- कुँओं द्वारा – 22.1%
- तालाबों द्वारा – 4.7%
- नलकूपों द्वारा – 36.6%
- अन्य साधन – 5.0%
नहरें Canals
भारत में सिंचाई का मुख्य साधन नहरें हैं| समतल भूमि और नदियों से व बाँधों से निरंतर जल की आपूर्ति नहर बनाने के लिए आवश्यक होती है|
उत्तर भारत की नहरें Canals of Nothern India
पश्चिमी यमुना नहर Western Yamuna canal
पश्चिमी यमुना नहर का निर्माण 14वीं शताब्दी में फ़िरोज़ शाह तुगलक द्वारा इस नहर का निर्माण कराया गया था| 1568 में अकबर ने, 1628 में अलीमर्दान ने इसका जीर्णोद्धार करवाया| 1750 में अत्यधिक गाद हो जाने कारण यह नहर जाम हो गयी थी| 1817 में अँग्रेज़ों ने बंगाल ईन्जीनियर्स के जी. आर. ब्लेन को इसके पुरुद्धार का काम सौंपा| 1832, 1833 में सूखे के समय इस नहर पर तजेवाला के निकट एक बाँध बनाया गया| 1889 तथा 1895 के बीच इस नहर से इसकी सबसे बड़ी शाखा सिरसा शाखा निकली गयी| अब तजेवाला बाँध की जगह हथिनी कुंड बैराज ने ली है| पश्चिमी यमुना नहर की लंबाई . किमी है और यह नहर अपनी मुख्य शाखाओं एवं प्रशाखाओं सहित 3200 किमी. लंबी है| इस नहर की . मुख्य शाखाएँ दिल्ली शाखा, हांसी शाखा और सिरसा शाखा है| इस नहर से हरियाणा के अंबाला, कर्नल, रोहतक, हिसार, पंजाब के पटियाला, उत्तरी राजस्थान और दिल्ली के कुछ भाग की सिंचाई होती है|
सरहिंद नहर Sarhind Canal
यह पंजाब और हरियाणा की नहर है| सरहिंद नहर सतलज़ नदी से रोपड़ नामक स्थान (Ropar Barage) से निकाली गयी है| समस्त शाखाओ समेत इसकी कुल लंबाई 6115 किमी है| फ़िरोज़पुर के निकट यह नहर सतलज़ में मिल जाती है| इसे लाभान्वित होने वाले जिले हैं – रोपड़, लुधियाना, संगरूर, भटिंडा, मनसा, मोंगा, पटियाला, फतेहगढ़ साहेब, मुक्तसर, फ़रीदकोट और फ़िरोज़पुर|
उपरी बारी दोआब नहर Upper Bari Doab Canal
इस नहर का निर्माण सन् 1879 में पंजाब में हुआ था| उपरी बारी दोआब नहर रावी नदी से पंजाब के माधवपुर नामक स्थान से निकाली गयी है| पंजाब राज्य के गुरदासपुर और अमृतसर जिले ही इससे लाभान्वित होते हीं| इसकी मुख्य शाखाएँ लाहौर, कसूर और सबरी हैं| पहली दो शाखाएँ पाकिस्तान में हैं| अपनी कुल शाखाओं समेत इसकी लंबाई कुल 4900 किमी है|
नांगल बाँध की विद्युत नहर Hydel Canal Of Nangal Dam
यह नहर नांगल बाँध से सन् 1954 में निकाली गयी थी| यह भाखड़ा बाँध स्थल से नांगल 64 किमी लंबी नहर सीमेंट से बनाई गयी है| इससे बिस्त दोआब, भाखड़ा नहर एवं पूर्वी नहर निकाली गयी है| बिस्त दोआब नहर, भाखड़ा नहर की ही शाखा है जो की सतलज़ नदी से नोवा नमक स्थान से निकाली गयी है| बिस्त दोआब नहर से पंजाब में जालंधर, होशियारपुर, भाखड़ा नहर से हिसार, करनाल और रोहतक, पूर्वी नहर से फ़िरोज़पुर आदि जिले में सिंचाई होती है|
गुड़गाँव नहर परियोजना Gurgaon Canal Project
यह नहर ओखला के निकट यमुना नदी से निकाली गयी है इससे गुड़गाँव जिले में सिंचाई को लाभ मिलता है|
पूर्वी यमुना नहर Western Yamuna Canal
यह नहर यमुना नदी के बाएँ किनारे से निकली गयी है, जो की दिल्ली तक यमुना के समानांतर बहती है| अपनी शाखाओं सहित इसकी कुल लंबाई 1440 किमी है| इस नहर से सहारनपुर, मुज़्ज़फरपुर, मेरठ, बागपत, ग़ाज़ियाबाद और दिल्ली को फायदा मिलता है|
आगरा नहर Agra Canal
यह नहर ओखला के निकट यमुना नदी से निकली गयी है| इस नहर का निर्माण सन् 1873 में हुआ था| अपनी शाखाओं और प्रशाखाओं सहित इसकी कुल लंबाई 1600 किमी. है| इस नहर द्वारा आगरा, मथुरा, गुड़गाँव, दिल्ली और भरतपुर जिलों को सिंचाई का लाभ मिलता है|
उपरी गंगा नहर Upper Ganga Canal
यह नहर हरिद्वार के निकट भीमगौड़ा बैराज़ से निकलती है| इस नहर का निर्माण सन् 1854-1855 में किया गया था| मुख्य नहर की लंबाई 90 किमी. है और शाखाओं सहित इसकी कुल लंबाई 6537 किमी. है| यह नहर आगरा नहर और निचली गंगा नहर को भी जल देती है| इस नहर से सहारनपुर, मुज़्ज़फ़र नगर, बुलंदशहर,, मेरठ, अलीगढ़, मथुरा, एटा, इटावा, कानपुर, मैनपुरी, फ़ारुक्खाबाद व फतेहपुर को सिंचाई का लाभ मिलता है|
निचली गंगा नहर Lower Ganga Canal
यह नहर बुलंदशहर के नरौरा नमक स्थान से निकाली गयी है| इस नहर का निर्माण सन् 1872-1878 में हुआ था| अपनी सभी सख़ाओं समेत इस नहर से मैनपुरी, इटावा, एटा, बुलंदशहर, अलीगढ़, इलाहाबाद, फ़ारुक्खाबाद, कानपुर व फतेहपुर के जिले लाभान्वित होते हैं| कासगंज के निकट उपरी गंगा नहर का इसमें विलय हो जाता है और थोडा आगे जाकर उपरी गंगा नहर इससे पुनः अलग हो जाती है|
शारदा नहर Sharda Canal
यह नहर उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नहर है| यह नहर सन् 1924 से 1928 के बीच बनाई गयी थी| शारदा मुख्य नहर भारत नेपाल सीमा के निका शारदा नदी पर बनवसा बैराज़ से निकाली गयी है| इससे लाभान्वित होने वाले जिले पीलीभीत, नैनीताल, बरेली, शाहजहाँपुर, उन्नाव, रायबरेली, लखीमपुर-खीरी, सीतापुर लखनऊ और बाराबंकी हैं| खटीमा के निकट इस नहर पर 13.8 मेगावाट का विद्युत शक्ति-गृह बनाया गया है| शारदा मुख्य नहर की लंबाई 45 किमी है| इसकी प्रमुख शाखाओं खटीमा चैनल, बिलासपुर शाखा, नैगोही शाखा, खीरी शाखा और हरदोई शाखा सहित कुल लंबाई 12370 किमी है|
बेतवा नहर Betwa Canal
यह नहर झाँसी के निकट परिच्छा नमक स्थान पर बेतवा नदी से निकाली गयी है| इस नहर से झाँसी, जालौन, हमीरपुर, जिलों में सिंचाई होती है| इस नहर का निर्माण सन् 1886 में हुआ था|
इंदिरा गाँधी नहर परियोजना Indira Gandhi Canal Project
यह नहर परियोजना विश्व की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजनाओं में से एक है| इस नहर का निर्माण राजस्थान की शुष्क और बंजर ज़मीन को सींचने के लिए शुरू किया गे था| इस नहर का उदगम पंजाब के फ़िरोज़पुर के निकट सतलज़-व्यास नदियों के संगम पर स्थित हरीके बैराज़ है| मुख्य नहर की लंबाई 650 किमी है| इस नहर को ‘मरुगंगा’ या ‘मरुस्थल की जीवन रेखा’ के नाम से भी जाना जाता है| मार्च 1958 में केंद्रीय गृह मंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने इसका उद्घाटन किया था| इस नहर से हनुमानगढ़, बीकानेर, चुरु, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर आदि जिलों की सिंचाई होती है|