राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) Rashtriya Krishi Vikas Yojana – RKVY
राष्ट्रीय विकास परिषद के प्रयासों के परिणामस्वरूप 16 अगस्त, 2007 को भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी। इस योजना हेतु सरकार द्वारा पांच वर्ष के लिएर 25,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का उद्देश्य कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों का सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित करके, ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान कृषि में 4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि प्राप्त करना है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना राज्य की आयोजना होगी और कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों पर उपगत आधारित व्यय की प्रतिशतता के अतिरिक्त, इस योजना के तहत सहायता के लिए पात्रता कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए बजटों में रखी गयी राशि पर निर्भर होगी। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहतूकेंद्र सरकार द्वारा राज्यों को 100 प्रतिशत अनुदान के रूप में कोष प्रदान किया जायेगा। योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
- राज्यों को प्रोत्साहित करना ताकि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि की जा सके।
- कृषि और संबद्ध क्षेत्र की योजनाओं के आयोजन और कार्यान्वयन की प्रक्रिया में राज्यों को लचीलापन और स्वायत्तता प्रदान करना।
- जिलों और राज्यों के लिए कृषि योजनाओं की तैयारी की उपलब्धता पर सुनिश्चित करना।
- यह सुनिश्चित करना कि स्थानीय जरूरतों/फसलों/प्राथमिकताओं को राज्यों की कृषि योजनाओं में बेहतर ढंग से प्रतिबिम्वित किया जाए।
- मध्यस्थताओं को संकेन्द्रित करके महत्वपूर्ण फसलों में पैदावार के अंतर को कम करने का लक्ष्य प्राप्त करना।
- कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में किसानों को अधिकतम रिटर्न दिलाना।