पेंशन का अधिकार छीना नहीं जा सकता: सर्वोच्च न्यायालय Pension rights can not be taken: Supreme Court
अगस्त, 2013 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि सरकारी कर्मचारी जिसके विरुद्ध विभागीय या आपराधिक कार्रवाही चल रही हो, को पेंशन एवं ग्रेच्युटी अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
न्यायाधीश के.एस. राधाकृष्णन एवं न्यायाधीश ए.के.सीकरी की बेंचने कहा कि यह विदित है कि ग्रेच्युटी और पेंशन इनाम या आनुतोषिक नहीं है। एक कर्मचारी इन लाभों का अर्जन एक लंबे, निरंतर, ईमानदार एवं बेदाग सेवाकाल के तहत् करता है। इस प्रकार ये कठोर मेहनत से अर्जित लाभ है। और संपत्ति की प्रकृति के होते हैं। संपत्ति के इस अधिकार को भारत के संविधान के अनुच्छेद 300ए के प्रावधानों के तहत् उचित विधि के बिना छीना नहीं जा सकता।