संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के नये अस्थायी सदस्य New non-permanent member of the UN Security Council
15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद् के 5 अस्थायी सदस्यों- भारत, दक्षिण अफ्रीका, कोलंबिया, जर्मनी व पुर्तगाल की द्विवार्षिक सदस्यता 31 दिसंबर, 2012 को समाप्त हो गई तथा 1 जनवरी, 2013 से इनका स्थान अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, रवांडा, दक्षिण कोरिया व लक्जेमबर्ग ने लिया है। इनकी सदस्यता 31 दिसंबर, 2014 तक रहेगी। इन पांच नए सदस्यों का चुनाव संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें सत्र में 18 अक्टूबर, 2012 को किया गया।
संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने जार्डन को वर्ष 2014-15 के लिए सुरक्षा परिषद् का अस्थाई सदस्य 7 दिसंबर, 2013 को निर्वाचित किया। जार्डन ने सऊदी अरब का स्थान लिया। सऊदी अरब ने 1 अक्टूबर, 2013 में सुरक्षा परिषद् की अस्थाई सदस्यता अस्वीकार कर दी थी। मतदान के बाद, सऊदी अरब ने जीतने के बावजूद सीरियाई गृह युद्ध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के कथित तौर पर अप्रभावी रहने और दोहरे मापदण्ड’ इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए पद स्वीकार करने से मना कर दिया। सऊदी अरब इस सीट के लिए पहले चुना गया था। सऊदी अरब ने यह निर्णय लेकर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सुरक्षा परिषद् द्वारा किए जा रहे सामूहिक काम से खुद को अलग कर दिया है।
सऊदी अरब का यह भी आरोप है कि संयुक्त राष्ट्र संघ मध्य-पूर्व में नाभिकीय हथियारों सहित जनसंहार के हथियारों की अंधी दौड़ को रोक पाने एवं विगत 65 वर्षों में फिलिस्तीन की समस्या का समाधान खोज पाने में भी असफल रहा है। जॉर्डन को सुरक्षा परिषद् की अस्थाई सदस्यता का पदभार 1 जनवरी, 2014 को ग्रहण करना है। सुरक्षा परिषद् के अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष का होता है।
चाड, चिली, लिथुआनिया, नाइजीरिया और सऊदी अरब को 17 अक्टूबर, 2013 को 15 सदस्यीय (5 स्थायी और 10 अस्थायी) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का अस्थाई सदस्य निर्वाचित किया गया था। वर्ष 2014-15 (दो वर्ष) के लिए सुरक्षा परिषद् के इन पांच अस्थाई सदस्यों का चुनाव 68वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में किया गया। इन निर्वाचित सदस्य देशों ने अजरबैजान, ग्वाटेमाला, मोरक्को, पाकिस्तान तथा टोगो का स्थान लिया।
2014 की स्थिति के अनुसार, सुरक्षा परिषद् में सदस्य के तौर पर कभी निर्वाचित नहीं हुए राष्ट्र |
अफगानिस्तान, अल्बानिया, अंडोरा, एंटीगुआ एंड बारबूडा, आर्मेनिया, बहामास, बारबडोस, बेलीज, भूटान, ब्रूनेई, कम्बोडिया, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, कोमोरोस, साइप्रस, डोमिनिका, डोमोनिकन रिपब्लिक, अल साल्वाडोर, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, एस्टोनिया, फिजी, जार्जिया, ग्रेनाडा, हैती, आइसलैंड, इजरायल, कजाखस्तान, किरबाती, किर्गिस्तान, लाओस लातविया लेसोथो, लिचेंस्टीन, मलावी, मालदीव, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया, मोनाको, मंगोलिया, मोंटेनीग्रो, मोजाम्बिक, म्यांमार, नौरू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, मोल्दोवा, सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट लुसिया, सेंट विसेंट एंड द ग्रेनेडाइन्स, समोआ, सैन मरिनो, साओ टॉम एंड प्रिंसेप, सऊदी अरब (2013 के चुनाव में चयनित लेकिन इसने अपनी अस्थायी सिट को स्वीकार नहीं किया। दक्षिण सूडान, सर्बिया, सेशेल्स, सोलोमन द्वीप, सूरीनाम, स्वाजीलैंड, स्विट्ज़रलैंड, ताजिकिस्तान, मेसिडोनिया, तिमोर-लिस्ते, टोंगा, तुर्कमेनिस्तान, तुवालू, उज्बेकिस्तान, वनुआतु। |