राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति National Policy on Biofuels
जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा तैयार की गई। इसे दिसम्बर, 2009 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई। इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
- 2017 से जैव ईंधन के लिए 20 प्रतिशत मिश्रण के लिए जैव ईथेनॉल और जैव डीजल प्रस्तावित किया है।
- व्यर्थ/डिग्रेडिड/सीमान्त भूमि में होने वाले गैर खाद्य तेल बीजों से जैव डीजल का उत्पादन किया जाएगा।
- जैव डीजल चारे के स्वदेशी उत्पादन पर केन्द्रित होगा और तेल, पाम जैसे वसायुक्त अम्ल रहित (एफएफए) के आयात की अनुमति नहीं होगी।
- उपजाऊ भूमि में पौधारोपण को प्रोत्साहन देने की बजाय समुदाय/सरकारी/जंगली बंजर भूमि पर जैव ईंधन पौधारोपण को बढ़ावा दिया जाएगा।
- इसके उत्पादकों की उचित मूल्य प्रदान करने के लिए जैव ईंधन तेल बीजों के मूल्य को समय-समय पर बदलने के प्रावधान के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया जाएगा। राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति में निहित एमएसपी प्रणाली की विस्तृत जानकारी पर ध्यान दिया जाएगा और जैव-ईंधन संचालन समिति द्वारा विचार किया जाएगा।
- तेल विपणन कपनियों द्वारा जैव-ईथेनॉल की खरीद के लिए न्यूनतम खरीद मूल्य (एमपीपी) उत्पादन की वास्तविक लागत और जैव-ईथेनॉल के आयातित मूल्य पर आधारित होगा। बायो डीजल के मामले में एमपीपी वर्तमान रिटेल डीजल मूल्य से संबंधित होगा।
- राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति में परिकल्पना की गई है कि जैव ईंधन यानी बायोडीजल और जैव ईथेनॉल की घोषित उत्पादों के तहत रखा जाए ताकि जैव ईंधन के अप्रतिबंधित परिवहन को राज्य के भीतर और बाहर सुनिश्चित किया जा सके।
- नीति में बताया गया है कि कोई कर और कोई शुल्क जैव डीजल पर नहीं लगाया जाना चाहिए।
- राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जाएगी।
- जैव ईंधन संचालन समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव द्वारा की जाएगी।
- जैव ईंधन के क्षेत्र में शोध के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग, कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय और नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के नेतृत्व में संचालन समिति के अधीन एक उप-समिति का गठन किया जाएगा।
- शोध, विकास और प्रदर्शन पर विशेष जोर दिया जाएगा जिसके केंद्र में रोपण, प्रसंस्करण और उत्पादन प्रौद्योगिकी समेत दूसरी पीढ़ी के सेलुलोज से बने जैव-ईंधन शामिल होगे।