राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड National Dairy Development Board – NDDB
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की स्थापना 1965 में, राष्ट्रीय डेयरी विकास अधिनियम, 1987 के अंतर्गत तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भारत के अन्य हिस्सों में कैश को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर यूनियन (अमूल) की सफलता को पहुंचाने की इच्छा पूर्ति के रूप में हुई। इसकी संस्थापना डॉ. वर्गीज कुरियन द्वारा की गई।
इसका मुख्य कार्यालय आनंद (गुजरात) में है और पूरे देश में इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैं। एनडीडीवी की सब्सिडियरी में मदर डेयरी, दिल्ली शामिल हैं।
राष्ट्रीय डेयरी विकासबोर्ड के निदेशक मण्डल में निम्न शामिल हैं-
- एक अध्यक्ष
- केंद्र सरकार के अधिकारियों में से एक निदेशक
- राज्य को-ऑपरेटिव डेयरी संघ के अध्यक्षों में से दो निदेशक
- पूर्णकालिक निदेशकों, तीन से अनधिक, को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के उच्च स्तरीय कार्यकारियों में से लिया जाएगा
- राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बाहर से, विशेषज्ञ होने के नाते, एक निदेशक।
बोर्ड के कृत्य एवं दायित्व
- डेयरी एवं सम्बद्ध उद्योगों के विकास हेतु योजना एवं कार्यक्रम बनाना।
- अन्य कृषि आधारित उद्योगों हेतु गहन एवं देशव्यापी कार्यक्रम चलाना और ऐसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए सहायता मुहैया कराना।
- गहन एवं देशव्यापी आधार पर बेहद प्रभावपूर्ण तरीके से सहकारिता रणनीति अपनाना।