राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् National Council For Teacher Education – NCTE

1973 से अपनी पूर्व स्थिति में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) अध्यापक शिक्षा से संबंधित सभी मामलों में केंद्रीय और राज्य सरकारों के लिए एक सलाहकार निकाय थी जिसका सचिवालय राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) के अध्यापक शिक्षा विभाग में स्थित था। शैक्षणिक क्षेत्रों में इसके प्रशंसनीय कार्य के बावजूद यह अध्यापक शिक्षा में मानकों का पालन सुनिश्चित करने तथा घटिया अध्यापक शिक्षा संस्थानों की बहुलता रोकने के अपने अनिवार्य विनियामक कार्य नहीं कर सकी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई) 1986 और उसके अधीन कार्य योजना ने अध्यापक शिक्षा की प्रणाली में आमूलचूल सुधार लाने की दिशा में पहले उपाय के रूप में एक संविधिक दर्जे और आवश्यक संसाधनों से युक्त राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् की परिकल्पना की गई थी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् अधिनियम 1993 (1993 का 73वां) के अनुसरण में एक संविधिक निकाय के रूप में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् 17 अगस्त, 1995 को स्थापित की गई।

उद्देश्य

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) का मुख्य उद्देश्य समूचे देश के भीतर अध्यापक शिक्षा प्रणाली की नियोजित और समन्वित उन्नति प्राप्त करना, अध्यापक शिक्षा प्रणाली में मानदण्डों और मानकों का विनियमन करना और उन्हें बनाए रखना तथा तत्संबंधी मामलों की देखभाल करना है। एनसीटीई को दिया गया अध्यादेश अत्यंत व्यापक है और वह अध्यापक शिक्षा कार्यक्रमों के समूचे कार्यक्षेत्र को समाहित करता है जिसमें स्कूलों में, पूर्व-प्राथमिक, प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तरों पर तथा गैर-औपचारिक शिक्षा, अंशकालिक शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा तथा दूरस्थ शिक्षा (पत्राचार) शिक्षा पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण शामिल है।

संगठनात्मक ढांचा

एनसीटीई का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है तथा इसके सांविधिक दायित्वों की पूर्ति करने के लिए इसकी चार क्षेत्रीय समितियां हैं, जो बंगलुरू, भोपाल, भुवनेश्वर तथा जयपुर में स्थित हैं। एनसीटीई की नियोजित और समन्वित विकास तथा अध्यापक शिक्षा में नवाचारों की शुरुआत करने सहित अपने आवंटित कार्य निष्पादित करने में समर्थ बनाने के उद्देश्य से दिल्ली स्थित एनसीटीई में और साथ ही इसकी 4 क्षेत्रीय समितियों में वित्त, स्थापना और विधिक मामलों और अनुसन्धान, नीति नियोजन, मानीटरन, पाठ्यचर्चा, नवाचारों, पुस्तकालय तथा प्रलेखन, सेवाकालीन कार्यक्रमों पर कार्रवाई करने के लिए क्रमशः प्रशासनिक और शैक्षणिक स्कन्ध हैं। एनसीटीई मुख्यालय अध्यक्ष की अध्यक्षता में तथा प्रत्येक क्षेत्रीय समिति क्षेत्रीय निदेशक की अध्यक्षता में काम करती है।

क्षेत्रीय समितियां

जैसाकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) अधिनियम के खण्ड 20 में परिकल्पना की गई है पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों में अध्यापक शिक्षा के संबंध में अपने सांविधिक दायित्वों की देखभाल करने के लिए एनसीटीई की 4 क्षेत्रीय समितियां हैं। क्षेत्रीय निदेशक की अध्यक्षता में ये समितियां क्रमशः भुवनेश्वर, भोपाल, जयपुर तथा बंगलुरू में स्थित हैं।


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