मांट्रियल प्रोटोकॉल Montreal Protocol
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) तथा अन्य ओजोन ह्रासक पदार्थो, जैसे-हैलोन तथा कार्बन टेट्राक्लोराइड, पर नियंत्रण करने तथा वर्ष 2000 तक उन्हें पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने के लिये अभूतपूर्व कदम उठाया। ओजोन परत पर विएना अभिसमय तथा उसके बाद ओजोन स्तर का ह्रास करने वाले पदार्थों पर मांट्रियल प्रोटोकॉल, जिसे 1987 में अपनाया गया तथा 1990 में और अधिक मजबूत बनाया गया, ने सीएफसी तथा अन्य ओजोन क्षयकारकों की समाप्त करने के लिये वर्ष 2000 की समय सीमा निर्धारित की थी। प्रोटोकॉल ने ओजोन क्षयकारकों तथा उन पर आधारित पदार्थों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिये नियमों का निर्धारण किया। चूंकि विकासशील देश विकसित देशों की तुलना में तकनीकी और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, वे सीएफसी को नियंत्रित करने में कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अतः मांट्रियल प्रोटोकॉल के प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू करने के लिये इन देशों को दस वर्ष (अर्थात् 2010 तक) की छूट दी गई। 1995 में मॉट्रियल प्रोटोकॉल के हस्ताक्षकर्ता देशों ने ओजोन क्षयकारक पदार्थों को नष्ट करने की समय-सारणी (schedule) की समीक्षा की।
मांट्रियल प्रोटोकॉल में विकासशील देशों को सीएफसी अथवा ओजोन परत के अन्य क्षयकारकों को नष्ट करने हेतु होने वाले व्यय में सहायता देने के लिए एक बहुपक्षीय कोश के गठन का प्रावधान किया गया। दुर्भाग्यवश, विकसित देशों से विकासशील देशों में तकनीक हस्तांतरण को सरल बनाने वाली किसी व्यवस्था पर सहमति नहीं बन सकी।