द्रव्य Matter
वे सभी वस्तुएं जिसमें भार होता है तथा स्थान घेरती हैं, द्रव्य कहलाती हैं। हमारे चारों ओर जो कुछ दिखाई देता है, सब द्रव्य के अन्तर्गत आता है। किसी वस्तु का द्रव्यमान सदैव निश्चित रहता है। इसे द्रव्य को न तो निर्मित किया जा सकता है और न तो विनष्ट किया जा सकता है। निष्कर्ष के स्वरुप में कहा जा सकता है कि सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड का द्रव्यमान अपरिवर्तित रहता है।
द्रव्य का वर्गीकरण Classification of Matter
द्रव्य की बाह्य संरचना के आधार पर इसे तीन भागों में बाँटा गया है। ठोस, द्रव एवं गैस (चौथी अवस्था प्लाज्मा को माना जाता है, जो अति ताप पर द्रव्य की अवस्था है)।
- ठोस Solid: अणुओं के एक दूसरे के साथ दृढ़ता से बंधे होने के कारण यह कठोर होता है। इसके द्रव्यमान तथा आयतन निश्चित होते हैं। जैसे- लोहा, पत्थर, लकड़ी, नमक आदि।
- द्रव्य Liquid: इनका आयतन निश्चित होता है, परन्तु आकार अनिश्चित होता है। जिस पात्र में रखे जाते हैं, उसका आकार ग्रहण कर लेते हैं। जैसे-जल, दूध, शहद, पेट्रोल आदि।
- गैस (Gas): इनका आकार व आयतन, दोनों अनिश्चित होते हैं। जिस पात्र में रखे जाते हैं उसका आकार व आयतन, दोनों ग्रहण कर लेते हैं। जैसे- वायु, जलवाष्प, धुआँ, आक्सीजन आदि।
जल, गंधक (Sulphur), फास्फोरस तीनों अवस्थाओं में पाया जाता है, जबकि कपूर, नौसादर, आयोडीन ठोस से गैस अवस्था में परिवर्तित होने का गुण रखते हैं।
- प्लाज्मा: द्रव्य की वह अवस्था है, जिसमें उच्च ताप पर परमाणु आयनित अवस्था में रहते हैं। यह अवस्था विद्युत की सुचालक होती है।
रासायनिक वर्गीकरण Chemistry Classification
- विषमांग पदार्थ (Heterogeneous Substances): ऐसे पदार्थ, जिनमें भिन्न-भिन्न पदार्थों के दो या दो से अधिक भाग होते हैं, विषमांग पदार्थ कहलाते हैं। जैसे- दूध, रक्त, धुआँ, बादल, बारुद आदि।
- समांग पदार्थ (Homogeneous Substances): ऐसे पदार्थ, जिसका प्रत्येक भाग समान प्रकार का होता है, समांग पदार्थ कहलाता है। जैसे- लोहा, ताँबा, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन आदि। समांग पदार्थ दो प्रकार के होते हैं-
(i) विलयन (Solution): दो या दो से अधिक पदार्थों के समान मिश्रण को विलयन कहते हैं। इसका कोई निश्चित संघटन नहीं होता है।
(ii) शुद्ध पदार्थ (Pure Substances): जीन समांग पदार्थों का संघटन निश्चित और स्थिर होता है, शुद्ध पदार्थ कहलाते हैं। सभी तत्त्व और यौगिक शुद्ध पदार्थ हैं।