जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) Jawaharlal Nehru National Urban Renewal Mission – JNNURM
3 दिसंबर, 2005 को प्रधानमंत्री ने शहरों के विद्यमान सेवास्तरों में, वितीय दृष्टिकोण से निरंतर संभव ढंग से, सुधार करने के लिए कदम उठाने को प्रोत्साहित करने हेतु जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) शुरू किया। इस मिशन के उद्देश्यों में अन्य बातों के साथ-साथ अर्द्धशहरी क्षेत्रों, बाहरी आबादी और शहरी गलियारों सहित अभिज्ञात शहरों का नियोजित विकास और शहरी गरीबों को बेहतर बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराना है। इस मिशन की अवधि 2005-06 से शुरू होकर सात वर्ष होगी। मिशन में मंत्रालय की वर्तमान में चल रही निम्नांकित योजनाएं शामिल की गई हैं-बड़े शहरों में अवसंरचना विकास, छोटे और मध्यम आकारों के कस्बों का समेकित विकास और शहरी जल आपूर्ति में वृद्धि का कार्यक्रम। अभिज्ञात क्षेत्रों के अंतर्गत परियोजनाएं कार्यान्वित करने के लिए शहरों शहरी बस्तियों/अर्द्धशहरी क्षेत्रों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाना अपेक्षित होगा। चिन्हित शहरों के लिए निधि, निर्धारित राज्य केन्द्रक एजेंसी को जारी की जाएगी, जो बदले में जितना संभव हो, वितीय संस्थाओं/निजी क्षेत्र/पूंजी बाजार से अतिरिक्त संसाधन जुटाएगी। शहरी अवसंरचना के विकास, प्रबंधन और वित पोषण में निजी क्षेत्र की भागीदारी स्पष्ट रूप से रेखांकित की जाएगी।
सरकार ने 29 सितंबर, 2006 को पूल्ड फाइनांस डेवलपमेंट फंड (पीएफडीएफ) योजना को अनुमोदित किया है, जिससे शहरी स्यानीय निकायों को बढ़ी हुई ऋण राशि उपलब्ध हो सके और वे राज्य स्तर के पूल्डविततंत्र के माध्यम से अपनी ऋण साख पर आधारित बाजार उधारों को प्राप्त कर सकें।
अनुभव की भागीदारी के माध्यम से क्षमता निर्माण को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता अनुभव हुई है और पीईएआरएल (पल) (पीयर एक्सपीरेंस एंड रिफ्लेक्टिव लर्निंग) नामक एक कार्यक्रम 31 जनवरी, 2007 को चलाया गया है। पर्ल कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी सुधारों के लिए आपस में शिक्षण और ज्ञान की भागीदारी के लिए जेएनएनयूआरएम शहरों के बीच नेटवर्क का निर्माण और नगर शासन शामिल हैं ताकि शहरों को अच्छी प्रकार से रहने योग्य, आर्थिक दृष्टि से व्यवहार्य और पर्यावरण की दृष्टि से वहनीय बनाने के लिए मिशन के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया जा सके।