अपवाह प्रणाली, जलप्रपात एवं झीलेँ Indian Drainage System, Waterfalls and Lakes
- भारत के कुल धरातलीय जल प्रवाह का 90 प्रतिशत से अधिक भाग बंगाल की खाडी मे जाता है, तथा शेष अपवाह अरब सागर मेँ जाता है, केवल राजस्थान के एक छोटे भाग का अपवाह आंतरिक है।
- भारत नदियों का देश है यहां 4000 से भी अधिक छोटी-बड़ी नदियां मिलती हैं, जिन्हें 23 वृहद् एवं 200 लघु स्तरीय नदी बेसिनों मेँ विभाजित किया जा सकता है।
प्रमुख नदियों के उद्गम एवं अपवाह
- सिंधु नदी तिब्बत की मानसरोवर झील के निकट 5,180 मीटर की ऊंचाई से निकलती है। भारत मेँ जम्मू कश्मीर राज्य मेँ प्रवेश करती है तत्पश्चात पाकिस्तान मेँ प्रवाहित होती हुई कराची के निकट अरब सागर मेँ मिलती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं- सतलज, व्यास रावी, चिनाब, झेलम, सिंगी, जास्कर, गरबंग, यू, स्यांग इत्यादि।
- सतलज नदी का उद्गम तिब्बत मेँ मानसरोवर झील के निकट राक्षसताल है, इसे शतद्रु नदी भी कहते हैं। पंजाब मेँ रुपनगर मेँ भाखड़ा=नांगल बांध इसी नदी पर बना हुआ है। नाथपा-झाकड़ी बांध और कोल बांध इसी पर बने हुए हैं। स्पिति तथा वासपा इसकी सहायक नदियां हैं।
- ब्रम्हपुत्र का उद्गम तिब्बत मेँ मानसरोवर झील के दक्षिण पूर्व मेँ स्थित चीमयुंगडंग नामक हिमनद से होता है तथा यह बंगाल की खाड़ी मेँ गिरती है। ब्रम्हपुत्र तिब्बत मेँ सांग्पो असम मेँ दिहांग के नाम से जानी जाती है। ब्रहमपुत्र की प्रमुख सहायक नदियां मानस, मटेली, सुबानसीरी, लोहित, तीस्ता, सुरमा आदि हैं।
- गंगा नदी उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय मेँ केदारनाथ चोटी के उत्तर मेँ 7,010 मी. की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री हिमनद से निकलती है तथा बंगाल की खाड़ी मेँ गिरती है। देवप्रयाग मेँ जब अलकनंदा एवं भागीरथी आपस मेँ संयुक्त होती है तब इस संयुक्त धारा को गंगा के नाम से जाना जाता है। गंगा की प्रमुख सहायक नदियो मेँ रामगंगा, घागरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कोसी, यमुना, सोन आदि हैं। भागीरथी पर टिहरी बांध तथा गंगा पर फरक्का बांध बनाया गया है।
- यमुना नदी बंदरपूंछ के पश्चिमी ढाल पर स्थित यमुनोत्री हिमनद से निकलती है। इसकी सहायक नदियो मेँ चंबल, बेतवा, गिरी तथा केन मुख्य हैं।
- गोमती नदी पीलीभीत जिले से निकलती है। सई, जोमकाई, बर्ना, गच्छाई और चुहा इसकी सहायक नदियां हैं।
- दामोदर नदी पलामू (झारखंड) से निकलती है। इसे बंगाल का शोक भी कहा जाता है। बाशकर इसकी प्रमुख सहायक नदी है। पंचेट, तिलैया, कोनार, अय्यर, बर्गो और मैथन बांध इसी नदी पर स्थित हैं।
- कोसी नदी माउंट एवरेस्ट के पास गोसाईं थान से निकलती है। इसे बिहार का शोक भी कहा जाता है। इसकी प्रमुख सहायक नदियां सूनकोसी, लिक्ष कोसी, तासू कोसी, फूल कोसी, अरुणाकोसी हैं।
- महानदी मध्यप्रदेश मेँ अमरकंटक के दक्षिण मेँ सिहावा के निकट से निकलती है। हीराकुंड, तिरकपाड़ा और बरोज बांध इसी नदी पर बना हुआ है। सियोनाथ, तेल, ओल, मंड इसकी सहायक नदियां हैं।
- गोदावरी नदी महाराष्ट्र के नासिक जिले मेँ स्थित त्रियम्बक गांव से निकलती है। गोदावरी नदी प्रायद्वीपीय पठार की सबसे बड़ी नदी है। इसकी प्रमुख सहायक नदियां, प्राणहिता, इंद्रावती, पेनगंगा, वेनगंगा, वर्धा और मंजीरा हैं।
- कृष्णा नदी महाराष्ट्र मेँ महाबलेश्वर से निकलती है। श्री सलेम, नागार्जुन सागर और धोम बांध इसी नदी पर बनाये गए हैं। कोएना, यरला, वर्णा, पंचगंगा, दूधगंगा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीमा, तुंगभद्रा और मूसी इसकी सहायक नदियां हैं।
- कावेरी नदी पश्चिमी घाट के कुर्ग जिले मेँ ब्रम्हागिरीयाला से निकलती है। इस नदी पर गेरसोप्पा जल प्रपात दर्शनीय है। हेमावती, लोकपावनी, शिमसा, लक्ष्मणतीर्थ, कब्बीरी, स्वर्णवती, भवानी और अमरावती इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं।
- नर्मदा नदी घाट मध्य प्रदेश मेँ अमरकंटक से निकाल कर गुजरात मेँ भड़ौच के निकट अरब सागर मेँ खंभात की खाड़ी मेँ जाकर मिलती है। नर्मदा नदी पर भेड़ाघाट का संगमरमर का कपिलधारा या धुआंधार जल प्रपात बहुत दर्शनीय है।
- ताप्ती नदी का उदगम स्थल बेतूल जिले मेँ मुलताई नमक स्थल है, यह प्रायदीप की पश्चिमी प्रवाह की दूसरी सबसे बडी नदी है। लावदा, पटकी पूर्णा, हरकी, अरुणावती, पंझरा आदि इसकी सहायक नदियां हैं।
- भारत की झीलों मेँ मुख्य रुप से कश्मीर की वूलर झील, कुमाऊँ हिमालय की झीलेँ, विवर्तनिक झील हैं। लूनर ज्वालामुखी क्रिया से निर्मित झील है।
- चिल्का झील (उड़ीसा), पुलीकट झील (तमिलनाडु), कोलेरु झील (आंध्र प्रदेश) प्रमुख लैगून झीलें हैं।
- राक्षसताल, नैनीताल, सातताल, भीमताल, नौ-कुचियाल, खुशपाताल हिमानी द्वारा निर्मित झीलें हैं।
- भारत के जल-प्रपातों मेँ मुख्य शिवसमुद्रम (कर्नाटक) कावेरी नदी पर बना है।
- जोग या गेरसोप्पा या महात्मा गांधी प्रपात शरावती नदी पर बना है, येना जलप्रपात महाबलेश्वर के पास, धुआंधार जलप्रपात नर्मदा नदी पर स्थित है।
- चूलिया जलप्रपात चंबल नदी पर, बिहार जल प्रपात टोंस नदी पर, पायकारा नीलगिरी के पर्वतीय क्षेत्र मेँ, पुनासा जलप्रपात नर्मदा पर पाया गया है।