12वें दक्षिण एशियाई खेलों का शुभारंभ Inauguration Of The 12Th South Asian Games (SAF)
भारत के पूर्वोत्तर की समृद्ध और विविधतापूर्ण संस्कृति की बानगी पेश करते रंगारंग कार्यक्रम के साथ 12वें दक्षिण एशियाई खेलों का शुभारंभ हुआ और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इंदिरा गांधी एथलेटिक्स स्टेडियम पर 12 दिवसीय इन खेलों के आगाज का ऐलान किया।
- गुवाहाटी और शिलांग में हो रहे इन खेलों में भारत के अलावा अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के 2600 खिलाड़ी भाग लेंगे। वर्ष 2017 में भारत में पहली बार गुवाहाटी में फीफा विश्वकप अंडर-17 का आयोजन भी किया जाएगा।
- कई कारणों से बार-बार टले ये खेल चार साल के विलंब के बाद दक्षिण एशियाई ओलंपिक परिषद के तत्वावधान में हो रहे हैं।
- 6-16 फरवरी, 2016 के मध्य गुवाहाटी व शिलांग के सुंदर शहरों में संयुक्त रूप से आयोजित होने वाले 12वें दक्षिण एशियाई खेल के 23 विधाओं में 8 देशों के लगभग 4500 खिलाड़ी व अधिकारी प्रतिभाग करेंगे।
- इन खेलों में 23 विधाओं की 228 स्पर्धाएं होंगी। सभी में पहली बार पुरुष और महिला वर्ग के मुकाबले होंगे। इस बार 228 स्वर्ण, 228 रजत और 308 कांस्य दाव पर लगे होंगे। भारत का 521 सदस्यीय दल इनमें भाग ले रहा है जिनमें 245 महिलाएं हैं।
- इन खेलों के दौरान 23 खेलों में 228 प्रतिस्पर्धाएं होंगी। पदक तालिका के लिए कुल 228 स्वर्ण, 228 रजत और 308 कांस्य पदक दांव पर होंगे। 16 खेल गुवाहाटी में आयोजित किए जाएंगे। इनमें खो-खो, कबड्डी, हैंडबाल, शूटिंग, एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, तैराकी, ट्रायथलन, हॉकी, भारोत्तोलन, कुश्ती, स्क्वाश, साइकिलिंग और टेनिस शामिल हैं। वहीं शिलांग में सात खेलों का आयोजन होगा। इनमें तीरंदाजी, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, जूडो, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो और वुशु शामिल हैं। पुरुष फुटबॉल स्पर्धा गुवाहाटी और महिला फुटबॉल स्पर्धा शिलांग में आयोजित होगी।
- जुलाई 2015 में ओसी-एसएजी द्वारा 12 वें एशियाई खेल के प्रतीक चिन्ह व शुभकर का डिजाइन तैयार करने हेतु आयोजित प्रतियोगिता का पुरस्कार क्रमशः एनआईएफटी पटना के अभिजीत कृष्णा (प्रतीक चिन्ह) व कोल्हापुर के अनंत खसबरदार (शुभंकर) ने जीता।
- इस खेल हेतु चयनित प्रतीक चिन्ह (Logo) में 8 पंखुड़िया है, जो 12वें दक्षिण एशियाई खेल में प्रतिभागी देशों को दर्शाते हैं। ये पंखुड़ियां घड़ी की दिशा में आगे बढ़ती हुई दिखाई देती हैं, जिससे खेल में सकारात्मक भावना प्रदर्शित होती है।
- प्रतीक चिन्ह यूरोप में प्राचीन समय के दौरान खेल विजेताओं के सिर पर पहनाए जाने वाले मुकुट के समान है।
- जबकि शुंभकर (Mascot) का नाम तिखोर (TIKHOR) है, जो 12वें दक्षिण एशियाई खेल-2016 का ब्रांड एबेसडर है।
- पहली बार इसमें लैंगिक समानता भी देखने को मिलेगी क्योंकि इस बार के दक्षिण एशियाई खेलों में महिला एवं पुरुष खिलाड़ी सभी स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे।
- इन खेलों का थीम गीत‘ई पृथ्बी एकोन क्रीडांगन, क्रीडा होल शांतिर प्रांगण’ विश्व प्रसिद्ध दिवंगत संगीतकार भूपेन हजारिका के स्वरों में है। इसका अर्थ है कि ‘यह पूरी दुनिया खेल का एक मैदान है और खेल शांति का प्रतीक हैं।’