मानव शरीर से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य Important Facts Related to the Human Body
- मनुष्य में लिंग निर्धारण पुरूष के क्रोमोसोम पर निर्भर होता है, न कि स्त्रियों के क्रोमोसोम पर।
- मानव खोपड़ी में 8 हड्डियां होती हैं।
- इन्सुलिन के अतिस्राव से हाइपोग्लाइसीमिया नामक रोग हो जाता है, जिससे जनन क्षमता और दृष्टि ज्ञान कम होने लगता है।
- मनुष्य का हृदय 1 मिनट में 72 बार धड़कता है।
- हृदय की मांसपेशियों को रक्त पहुंचाने वाली वाहिनी को कोरोनरी धमनी कहते हैं। इसमें किसी प्रकार रुकावट होने पर हृदयाघात होता है।
- सामान्य अवस्था में मनुष्य का हृदय एक मिनट में 72 बार धड़कता है तथा एक धड़कन में 70 मिली रक्त पम्प करता है।
- स्वस्थ मनुष्य की श्वसन दर 16 से 18 बार होती हैं।
- मस्तिष्क का वजन 1350 से 1400 ग्राम होता है।
- थायरॉक्सिम एवं एडीनेलिन स्वतंत्र रूप से हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स हैं।
- मानव शरीर की सबसे बड़ी हड्डी फीमर है जो जांघ में होती हैं।
- मनुष्य का मस्तिष्क अस्तियों के खोल क्रेनियम में बन्द रहता है, जो इसे बाहरी आघातों से बचाता है।
- टीबिया नामक हड्डी पैर में पाई जाती है।
- मानव शरीर की सबसे छोटी हड्डी स्टेपिज है जो कान में होती है।
- मानव शरीर का लगभग 15 प्रतिशत भाग प्रोटीन से निर्मित होता है जोकि 20 अमीनो अम्लों से मिलकर बनता है।
- दातों और हड्डियों की संरचना के लिए कैल्शियम और फॉस्फोरस अति आवश्यक तत्व है।
- मानव शरीर की सबसे मजबूत हड्डी जबड़े की हड्डी होती है।
- मनुष्य के फेफड़े का आन्तरिक क्षेत्रफल 93 वर्ग मीटर होता है, जो शरीर के बाह्य क्षेत्रफल का 40 गुना होता है।
- मानव शरीर का सबसे कठोर तत्व एनामिल है।
- शरीर में उत्तकों का निर्माण प्रोटीन से होता है।
- शरीर के भीतर प्रति सेकेण्ड लगभग 150 लाख कोशिकाएं नष्ट होती हैं।
- प्रमस्तिष्क या सेरेब्रम मष्तिष्क का सबसे बड़ा भाग है।
- मनुष्य के सौंदर्य का अध्ययन केलोलौजी कहलाता है।
- एक बार सांस लेने की क्रिया 5 सेकेण्ड में अर्थात 2 सेकेण्ड के निश्वसन तथा 3 सेकेण्ड के उच्छश्वसन में पूरी होती है।
- सामान्य मनुष्य का रक्तचाप 120/80 मिलीमीटर होता है।
- मनुष्य के शरीर में रुधिर प्रति दिन लगभग 350 लीटर ऑक्सीजन शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाता है। इसमें 97% ऑक्सीजन हीमोग्लोबिन द्वारा ले जाया जाता है तथा शेष 3 प्रतिशत भाग का संचारण रुधिर प्लाज्मा करता है।
- शरीर में रक्त परिभ्रमण में 23 सैकेंड का समय लगता है।
- शरीर में समान क्रिया वाले सहयोगी अंगों के समूह को तंत्र कहा जाता है तथा शरीर की सूक्ष्मतम इकाई कोशिका है।
- पेड़-पौधों की कोशिकायें नियमित आकार की होती हैं, क्योंकि इनकी झिल्ली सेल्यूलोज की बनी होती है।
- मानव शरीर में 65 से 80% तक जल की मात्रा होती हैं।
- शरीर में अमीनो अम्ल की संख्या 20 है।
- शरीर में प्रतिदिन डेढ़ लीटर मूत्र बनता है।
- मुत्र यूरिया के कारण दुर्गंध देता है।
- मानव मुत्र (अम्लीय) का ph मान 6 है।
- कोशिका नाभिक के भीतर सूत्र की आकृति के अवयव युग्मावस्था में पाये जाते है, उन्हें क्रोमोसोम कहा जाता है।
- रक्त की मात्रा शरीर के भार का 7% होता है।
- आनुवांशिक गुणों का संप्रेषण गुणसूत्रों पर निर्भर करता है।
- कोशिका विभाजन की क्रिया सेन्ट्रोसोम से आरम्भ होती है तथा नई कोशिका की उत्पत्ति विभाजन क्रिया द्वारा होती है।
- मनुष्य में रक्त की मात्रा 5 से 6 लीटर होती है।
- जीवन का भौतिक आधार जीवद्रव्य है।
- आनुवांशिकता के जनक का नाम मेण्डल है।
- मानव रक्त का क्षारीय या ph मान 7.4 होता है।
- विशिष्ट प्रकार के जीवाणु वायु की नाइट्रोजन को नाइट्रेट्स में बदल देते हैं।
- मानव शरीर में रक्त को किडनी या वृक्क के द्वारा शुद्ध किया जाता है।
- कोशिकाओं का वह समूह, जो उद्गम एवं कार्य में समान होते हैं, ऊतक कहलाते हैं।
- मानव शरीर में लाल रक्त कण का निर्माण अस्थिमज्जा में होता है।
- एक पीढ़ी के गुण उसकी संतानों में जाने की क्रिया का अध्ययन करने वाली जीव विज्ञान की शाखा को आनुवांशिकी कहते हैं।
- मानव शरीर में लाल रक्त कण का जीवनकाल 20 से 120 दिन होता है।
- आर्कियोप्टेरिस (Archeopteres) सरीसृपों और पक्षियों के बीच योजक कड़ी है।
- जीवात्जीवोत्पत्ति या पुनरावर्तन का सिद्धत हीकेल ने अपस्थापित किया था।
- श्वेत रक्त कणिकाओं का जीवनकाल में दो से 4 दिन होता है।
- प्राकृतिक वरण के सिद्धांत का श्रेय चार्ल्स डार्विन तथा अल्फ्रेड वैलिस रसेल की है।
- श्वेत रक्त कणिकाओं को ल्युकोसाईट कहा जाता है।
- शुक्राणु परिपक्वन के समय एक्रोसोम की उत्पत्ति गॉल्गीकॉय संश्लेषण के द्वारा नियंत्रित होती है।
- लाल रक्त कणिकाओं को एरिथ्रोसाइट कहा जाता है।
- शरीर का ताप नियंत्रक हाइपोथैलेमस ग्रंथि को कहा जाता है।
- सर्वदाता रक्त समूह या यूनिवर्सल डोनर ओ/O होता है।
- शरीर का अधिकतर भाग कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन सभी का बना होता है।
- जीवद्रव्य का मुख्य घटक जल होता है।
- सर्वग्राही रक्त समूह या यूनिवर्सल रिसेप्टर AB/एबी होता है।
- गॉल्गी तंत्र का कार्य स्रावी पदार्थों का संग्रहण, कोशिका के लिए उनका वितरण तथा बाहर निकालना होता है।
- प्लीहा (स्पलीन) ब्लड बैंक कहलाता है।
- भोजन का पाचन मुख से प्रारंभ होता है।
- बचे हुए भोजन का अवशोषण छोटी आंत में होता है।
- विटामिन A यकृत में संचित रहता है।
- जीवित कोशिका में केन्द्रक को सर्वप्रथम 1831 में रॉबर्ट ब्राउन ने देखा था।
- मनुष्यों में द्विगुणित पितृ गुणसूत्रों की संख्या 46 होती है।
- पित्त (Bile) यकृत (लीवर) द्वारा स्रावित होता है।
- उस विज्ञान को, जो आनुवांशिकता के नियमों द्वारा मानव जाति की उन्नति का अध्ययन करती है, यूजेनिक्स कहलाती है।
- नलिकाविहीन ग्रन्थियों का अधययन करने वाली जन्तु विज्ञान की शाखा को एण्डोक्राइनोलॉजी कहते हैं।
- शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत या लीवर होता है।
- शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट या 36 डिग्रीC या 310K होता है।
- सजीव प्राणी का अति महत्वपूर्ण रासायनिक घटक न्यूक्लिक अम्ल तथा प्रोटीन होता है।
- राइबोज तथा डीऑक्सीराइबोज शर्करा में मुख्य अंतर, डी ऑक्सीराइबोज शर्करा में एक ऑक्सीजन परमाणु क्रम होता है।
- शरीर का सबसे बड़ा अंग त्वचा है।
- डी. एन. ए. अणु में थाइमीन और साइटोसीन दो प्रकार के पिरिमिडीन क्षारक होते हैं।
- लेक्रिमल ग्रन्थि से अश्रु का श्रावण होता है।
- शरीर की सबसे छोटी ग्रंथि या मास्टर ग्रंथि पिट्यूटरी ग्रंथि होती है।
- वृषण अंग, लिंग हार्मोनों का श्रवण करता है। जन्तु तथा उसके आस-पास के वातावरण संबंधी कारकों के अध्ययन को पारिस्थितिकी विज्ञान (Ecology) कहते हैं।
- वंशगति के नियमों के अध्ययन को आनुवांशिक विज्ञान कहते हैं।
- आनुवांशिकता के लक्षणों को वहन करने वाली इकाई का नाम जोहेन्सन ने जीन दिया था।
- पैलिऑन्टोलॉजिस्ट वह व्यक्ति होता है, जो जीवाश्मों का विशेषज्ञ होता है।
- मानव के रक्त में लाल रक्त कणिकाओं का जीवन लगभग 120 दिन होता है।
- मनुष्य के शरीर में हाइपोथेलेमस ताप नियंत्रक केन्द्र है।
- विटामिन K की कमी के कारण रक्त स्कन्दन नहीं होता है।
- मनुष्य में 12 जोड़ी पसलियां पाई जाती है।
- शरीर में कुल 206 हड्डियां पाई जाती है।
- एक मानव शरीर में 639 मांसपेशियां पाई जाती है।
- शरीर में गुणसूत्रों या क्रोमोसोम की संख्या 46 होती है।
- शरीर के लिए सबसे अधिक आवश्यक पोषक तत्व, जिसके बिना मनुष्य जीवित नहीं रह सकता, प्रोटीन है।
- यकृत में कार्बोहाइड्रेट ग्लाइकोजन (Glycogen) के रूप में संचित होता है।
- शरीर की सबसे बड़ी कोशिका तंत्रिका तंत्र होती है।
- लार में टायलिन नामक एंजाइम पाया जाता है।
- प्लीहा लाल रक्त कणिकाओं का शमशान कहलाता है।
- मनुष्य का हृदय 4 कोष्ठीय होता है।
- Rh फैक्टर का नाम रीसेस प्रजाति के बन्दर से संबंधित है। वे जन्तु, जिनका तापक्रम निश्चित रहता है, समतापी (Homeotherms) कहलाते हैं। Rh फैक्टर के खोजकर्ता लैंड स्टीनर एवं वीनर थे।
- रक्त लाल है, परन्तु केंचुएं में लाल कणिकाएं नहीं होती है, सभी अकशेरूकी प्राणियों में RBC नहीं पायी जाती है।
- रक्त में ग्लुकोज संतुलन यकृत बनाये रखता है।
- Rh रक्त समूहों का आविष्कार लैण्डस्टीनर एवं वीएनर (Karl Landsteiner and A.S. Weiner) ने किया था।
- आँतों से कैल्शियम अवशोषण की दर में वृद्धि विटामिन-डी के कारण होती है।
- मानव शरीर में मास्टर ग्रन्थि, पीयूष ग्रंथि कहलाती है।
- उस रोग को, जिसमें रक्त नहीं जमता अथवा इसमें अधिक समय लगता है, हीमोफीलिया कहा जाता है।
- रक्त चढ़ाते समय O-ग्रुप का व्यक्ति केवल O रक्त समूह के अतिरिक्त किसी वर्ग का रक्त ग्रहण नहीं करेगा।
- आर. एच. फैक्टर का संबंध मनुष्य के रक्त से है।
- वाटसन और क्रिक प्रसिद्ध हैं- क्योंकि उन्होंने DNA (जीन) की संरचना का पता लगाया है।
- यदि किसी खरगोश के गुर्दे (Kidney) ठीक से काम नहीं कर रहे है तो उसके रक्त में एक खतरनाक अनुपात में यूरिया एकत्रित हो सकती है।
- लक्ष्य-निर्धारण के लिए चमगादड़ में रडार तंत्र पाया जाता है।
- जीवाश्मों के अध्ययन से स्पष्ट है कि कुते एवं बिल्लियों के पूर्वज अधिक भिन्न नहीं थे, बल्कि वे एक ही वंश के सदस्य रहे होंगे।
- कान की अर्द्धवृत्ताकार नलिकाओं का कार्य शरीर का संतुलन बनाए रखना है।
- भोजन का प्रोटीन तत्व यूरिया बनाता है।
- यूरिया का निर्माण यकृत में होता है।
- शुक्राणु का निर्माण वृषण में होता है।
- एडीस और क्यूलेक्स मच्छर डेंगू रोग फैलाता है।
- छोटी आंत में पचित भोजन में रक्त का अवशोषण सबसे अधिक होता है।
- ए बी पाजिटिव (AB) रक्त सर्वग्राही है।
- रक्त में प्लाज्मा की मात्रा 60% होती है।
- संतुलन बनाये रखने का कार्य अनुमस्तिष्क करता है।
- मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत है।
- शरीर में अमीनो अम्लों की संख्या 20 है।
- शरीर को सबसे ज्यादा मात्रा में ऊर्जा प्रदान करने वाला भोजन वसा है।
- मानव शरीर में ऑक्सीजन का हीमोग्लोबिन द्वारा परिवहन होता है।
- श्वसन अंगों का विकास प्रभावी गैसीय विसरण की विभिन्नता हेतु हुआ।
- अधिकांशत: मस्तिष्क में रक्त के स्राव का कारण उच्च रक्तचाप है।
- वर्णान्धता मुख्यतः हरे और लाल रंग के लिए होती है।
- मनुष्य के लिंग का निर्धारण लिंग क्रोमोसोम द्वारा होता है।
- केन्द्रीय तंत्रिका के चारों ओर की झिल्लियां मेनिन्जाइटिस में प्रभावित होती है।
- मल में दुर्गन्ध, इन्डोल एवं स्कैटोल नामक अमीनो अम्ल के कारण होता है।
- इन्सुलिन के अतिस्राव से खून में ग्लूकोज की मात्रा कम होने लगती है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया नामक रोग हो जाता है। इसमें उपवास या शारीरिक परिश्रम के समय कभी-कभी बेहोशी आ जाती है, इसे ही इन्सुलिन आघात कहा जाता है।
- हमारे आहार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा 65 प्रतिशत ऊर्जा का आयोजन करने वाली होनी चाहिए। एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट लगभग 4 कैलोरी ऊर्जा उत्पन्न करती है।
- कार्बोहाइड्रेट की कमी से शरीर का वजन कम हो जाता है, कार्य शक्ति घट जाती है और शरीर में प्रोटीन ऊर्जा उत्पादन के काम में लग जाती है, जिससे यकृत तथा नाड़ी संस्थान के क्रियाकलाप में शिथिलता आ जाती है।
- कैल्सियम हृदय की धड़कन को संचालित करता है तथा नाड़ियों को स्वस्थ्य रखता है।
- ऑक्सीटोसिन हार्मोन- यह प्रसव पीड़ा शुरू कराता है तथा बच्चे के जन्म में सहायता पहुंचाता है, यह स्तन से दूध स्राव में भी सहायक होता है।
- पुरूषों की नसबंदी को वेसेक्टोमी कहा जाता है।
- रक्त ऑक्सीजन को सुचारू रूप से सभी कोशिकाओं में पहुंचाता है और कार्बन डाइ आक्साइड को बाहर निकालता है।
- हृदय चार कक्षों में बंटा होता है। बायीं तरफ ऊपर वाला कक्ष बायां अलिंद, तथा नीचे वाला कक्ष, बायां निलय कहलाता है। ठीक उसी तरह दायीं तरफ ऊपर वाला कक्ष दायां अलिन्द, तथा निचला कक्ष, दायां निलय कहलाता है।
- रक्त दाब स्फिग्नोमेनोमीटर से मापा जाता है।