यूरोपीय अंतरिक्ष अभिकरण European Space Agency – ESA
यह अभिकरण यूरोपीय देशों के मध्य अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीक में सहयोग स्थापित करने के लिए एक मंच का कार्य करता है।
औपचारिक नाम: एजेंसी स्पेटियले युरोपीने (एएसई-फ्रेंच) [Agence Spatiale Europeenne (ASE–French)] i
मुख्यालय: पेरिस (फ्रांस)।
सदस्यता: आस्ट्रिया, बेल्जियम, चेक गणराज्य, डेनमार्क, फ़िनलैंड, फ़्रांस, जर्मनी, यूनान, आयरलैंड, इटली, लक्समबर्ग, नीदरलैंड, नार्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड और यूनाइटेड किंगडम।
सहयोगी सदस्य: कनाडा।
उद्भव एवं विकास
यूरोपीय अन्तरिक्ष अभिकरण (European Space Agency-ESA/ASE) गठित करने के लिये 1979 में ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में आयोजित यूरोपीय अंतरिक्ष सम्मेलन में एक संधि पर हस्ताक्षर किए गए। 1975 से प्रभावी ईएसए ने यूरोपीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ईएसआरओ) तथा यूरोपीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान विकास एवं निर्माण संगठन (European Organisation for the Development and Construction of Space Vehicle Launchers—ELDO) को प्रतिस्थापित किया।
उद्देश्य
ईएसए के उद्देश्य हैं- अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीक में यूरोपीय देशों में सहयोग सिर्फ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए प्रदान और विकसित करना, यूरोपीय राज्यों के मध्य अंतरिक्ष अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग, एक दीर्घकालीन यूरोपीय अंतरिक्ष नीति को विकसित एवं क्रियान्वित करना तथा राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों का क्रमशः यूरोपीयकरण करना।
संरचना
ईएसए में एक परिषद, एक विज्ञान कार्यक्रम समिति, कार्यक्रम बोर्ड तथा एक निदेशालय होता है। परिषद ईएसए का शासी निकाय है। निदेशालय में आठ समूह निदेशक होते हैं। यह अधिशासी कार्य करता है।
ईएसए में अनेक राष्ट्रीय कार्यक्रमों की सुविधा है। इसके अधीन तीन तकनीकी संस्थान कार्यरत हैं-यूरोपीय अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीक केंद्र, नार्डविज्क (नीदरलैंड) यूरोपीय अंतरिक्ष संचालन केंद्र (ईएसओसी) ड्रमस्टैट (जर्मनी) में, और; अंतरिक्ष प्रलेखन केंद्र, फ्रसकेटी (इटली) में। इसके अतिरिक्त, कोलगन (जर्मनी) में एक यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री केंद्र का निर्माण हो रहा है।
इस अभिकरण का वित्तीय पोषण सदस्य देशों के द्वारा होता है।
गतिविधियां
ईएसए ने दूरसंचार, भू-अंतरिक्ष अवलोकन, आदि क्षेत्रों में अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किए हैं। यह अंतरिक्ष के वैज्ञानिक और व्यावसायिक दोहन से जुड़े प्रयोगों को भी प्रोत्साहन देती है। यह उलेसिस (Ulysses) अंतरिक्ष जांच, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रयोगशाला, आदि जैसी अनेक परियोजनाओं में संयुक्त राज्य अमेरिका के नासा के साथ सहयोग स्थापित करती है। ईएसए ने एरियन रॉकेट की एक श्रृंखला विकसित की है, जिनका उपयोग एरियन अंतरिक्ष केंद्र (1980 में यूरोपीय एरोस्पेस इंडस्ट्रीज तथा फ्रेंच अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोगी बैकों द्वारा स्थापित) द्वारा उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिये होता है। 1987 में ईएसए ने अपनी गतिविधियों के विस्तार का अनुमोदन किया और हर्म्स (Hermes),एक मानवयुक्त (manned) अंतरिक्ष यान, कोलंबस; प्रस्तावित संयुक्त राज्य/ईएसए अंतरिक्ष स्टेशन का यूरोपीय घटक, और; एरियन-5, नई क्रायोजनिक प्रणोदन प्रणाली युक्त एक शक्तिशाली रॉकेट, के विकास जैसी परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ किया। उन्नत मौसम पूर्वानुमान प्रदान करने तथा वैश्विक मौसम विज्ञान के विकास के लिए ईएसए ने 1991 में विश्व का पहला यूरोपीय दूर संवेदी उपग्रह (European Remote Sensing—ERS-1) छोड़ा।
1995 में अवरक्त अंतरिक्ष वेधशाला (Infrared Space Observatory–ISO) तथा सौर एवं सूर्य त्रिकोणमिति वेधशाला (Solarand Heliospheric Observatory) की नींव रखी गयी। 1998 में ईएसए, कनाडा, जापान, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना के लिये कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
ईएसए के पास 2,000 से अधिक लोगों का स्टाफ है और इसका वार्षिक बजट लगभग 5. 51 बिलियन यू.एस. डॉलर है (2013)।
ईएलडीओ के उत्तराधिकारी के तौर पर, ईएसए ने मानवरहित वैज्ञानिक एवं वाणिज्यिक पेलोड हेतु रॉकेट का भी निर्माण किया। एरियन 1, जिसे 1979 में प्रस्तुत किया गया, जो 1984 से अधिकतर वाणिज्यिक पेलोड की कक्षा में लाया। एरियन 4, जिसे 1988-2003 के बीच संचालित किया गया और इसने ईएसए की वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रमोचन में विश्व प्रभुत्व के तौर पर स्थापित किया। यद्यपि एरियन 5 को अपनी पहली उड़ान में असफलता मिली, तथापि सितंबर 2011 की स्थिति के अनुसार, इसने तब से स्वयं को 56 सफल प्रमोचनों के साथ दृढ़तापूर्वक वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रमोचन बाजार में स्थापित किया। एरियन 5 का उत्तराधिकारी प्रमोचन यान एरियन 6 पहले ही निर्माण की स्थिति में है और वर्ष 2020 तक इसके सेवा में आ जाने का लक्ष्य है।
ईएसए के स्वयं के बेहद सफल मिशन हैं- स्मार्ट-1, मार्स एक्सप्रेस और वीनस एक्सप्रेस। ईएसए ने विशेष रूप से कोरोट जैसे खगोलीय अंतरिक्ष अभियानों के लिए अपने वैज्ञानिक एवं अनुसंधान परियोजनाओं का प्रबंध किया। कोरोट को 27 दिसंबर, 2006 को प्रक्षेपित किया गया जो सौरमण्डल से इतर ग्रहों की खोज में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
ईएसए 20 सदस्य देशों का एक अंतर्सरकारी संगठन है। सदस्य देश विभिन्न मात्राओं में आवश्यक (2008 में कुल व्यय का 25 प्रतिशत) और वैकल्पिक (2008 में कुल व्यय का 75 प्रतिशत) अंतरिक्ष कार्यक्रमों में हिस्सेदारी करते हैं। 2008 का बजट 3.0 बिलियन पॉड और 2009 का बजट 3.6 बिलियन पौंड था। 2010 में कुल बजट राशि लगभग 3.7 बिलियन पौंड, 2011 में 3.99 बिलियन पौंड, और 2012 में 4.02 बिलियन पोंड थी।
ईएसए ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक ऑटोमेटेड ट्रांसफर हीकल, (एटीवी) विकसित किया। प्रत्येक एटीबी में 7.667 किलोग्राम कार्गों की क्षमता है। प्रथम एटीवी, ज्यूल्स वर्ने, को 9 मार्च, 2008 को प्रमोचित किया गया और 3 अप्रैल, 2008 को सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में सफलतापूर्वक जोड़ा गया।
2013 की स्थिति के अनुसार, रूस के प्रोग्रेस और सोयुज, यूरोपीय एटीवी जापान के कोउनोटोरी (एचटीवी), और संयुक्त राज्य अमेरिका के ड्रेगन और सिग्नस ऐसे अंतरिक्ष यान हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के साथ आपूर्ति लिंक स्थापित किया।