विद्युत् शक्ति संयंत्र Electric Power Plant
विद्युत् शक्ति संयंत्र
विद्युत् शक्ति संयंत्र में टरबाइन (turbine) द्वारा विद्युत् उत्पन्न की जाती है। टरबाइन में ब्लेड (पंखे) लगे होते हैं, जिन्हें घुमाया जाता है। जल विद्युत् संयंत्र (Hydel Electric Power Plant) में टरबाइन को घुमाने के बाँध बनाकर रोके गए जल को टरबाइन के पंखे पर गिराते है। ताप विद्युत् संयंत्र (Thermal Electric Power Plant) में एवं परमाणु विद्युत् संयंत्र (Atomic Electric Power Plant) में भाप द्वारा टरबाइन को घुमाते हैं। वायु शक्ति संयंत्र में वायुदाब द्वारा टरबाइन घुमाया जाता है। ताप विद्युत् संयंत्र में भाप उत्पन्न करने के लिए कोयला (coal) या प्राकृतिक गैस (natural gas) का उपयोग किया जाता है। परमाणु विद्युत् संयंत्र में भाप उत्पन्न करने के लिए नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy) का उपयोग किया जाता है। टरबाइन के अक्ष के साथ एक कुंडली या क्रोड (core) लगी रहती है जो टरबाइन के घुमने पर (किसी स्थायी चुम्बकीय क्षेत्र में) घूमने लगती है और विद्युत् उत्पन्न करती है।
प्राथमिक शक्ति स्टेशनों पर जो विद्युत् उत्पन्न होती है, वह प्रत्यावर्ती धारा होती है तथा उसकी वोल्टता 22,000V या उससे अधिक हो सकती है। विद्युत् धारा को उपभोक्ताओं तक संचरण लाइनों द्वारा भेजा जाता है। ग्रिड उपस्टेशन प्रायः ट्रासफॉर्मरों की सहायता से वोल्टता बढ़ा देते हैं, जो 1,32,000V तक भी हो सकती है। इतनी अधिक वोल्टता पर विद्युत् संचरण में विद्युत् ऊर्जा का क्षय बहुत कम हो जाता है। इसके बाद विभिन्न उपस्टेशनों पर यह वोल्टता धीरे-धीरे कम कर दी जाती है और अन्ततः उपभोक्ताओं को सामान्यत: 220V पर उपलब्ध करायी जाती है। लेकिन इसका उच्च या शीर्ष विभव 310 वोल्ट होता है।