पश्चिम अफ्रीकी राज्य आर्थिक समुद्राय Economic Community Of West African States – ECOWAS
यह समुदाय मूलतः सोलह पश्चिम अफ्रीकी देशों का एक क्षेत्रीय आर्थिक समूह है।
मुख्यालय: अबूजा (नाइजीरिया)।
सदस्यता: बेनिन, बुर्किना फासो, केप वडें, कोट डी आइवरी, गैम्बिया, घाना, गिनी, गिनी-बिसाऊ, लाइबेरिया, माली, मारिटानिया, नाइजर, नाइजीरिया, सेनेगल, सिएरा लियोन और टोगो। (सत्ता पलट के बाद गिनी को 2008 में निलम्बित और नाइजर को 2009 में निलम्वित किया गया। मॉरिटानिया ने 1999 में इसकी सदस्यता छोड़ दी)
उद्भव एवं विकास
1975 में लागोस (नाइजीरिया) में बेनिन, बुर्किना फासो, कोट डी आइवरी, गैम्बिया, घाना, गिनी, गिनी-बिसाऊ, लाइबेरिया, माली, मारिटानिया, नाइजर, नाइजीरिया, सेनेगल, सिएरा लियोन और टोगो द्वारा एक संधि पर हस्ताक्षर के साथ पश्चिम अफ्रीकी राज्य आर्थिक समुदाय (इकोवास) एक क्षेत्रीय साझा बाजार के रूप में अस्तित्व में आया। केप वर्ड ने 1977 में इसकी सदस्यता ग्रहण की। इस समुदाय के लिये एक संशोधित संधि पर कोटोनू (बेनिन) में 1993 में हस्ताक्षर हुए तथा संशोधित संधि 1995 में प्रभाव में आई। नई संधि, जो विकास, शांति और सुरक्षा के मध्य अन्योन्य संबंध का सम्मान करती है, के अंतर्गत इकोवास क्षेत्रीय सशस्त्र मुद्दों के समाधान का उत्तरदायित्व भी धारण करता है। ईसीओडब्ल्यूएएस अफ्रीकन इकोनॉमिक कम्युनिटी का एक स्तंभ है।
उद्देश्य
इकोवास के प्रमुख उद्देश्य हैं- आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में विकास और सहयोग को प्रोत्साहन देना; सभी सदस्य देशों के लोगों की जीवन-दशा में सुधार लाना; आर्थिक स्थिरता को बढ़ाना तथा बनाए रखना; सदस्य देशों के मध्य संबंध में सुधार लाना, और, अफ्रीका के विकास और प्रगति में योगदान देना।
इकोवास का उद्देश्य सदस्य देशों की राष्ट्रीय अर्थव्यवृत्र्यंौओं का आर्थिक एवं मौद्रिक संघ की स्थापना के माध्यम से सम्पूर्ण एकीकरण करना है। 1993 की संशोधित संधि, जिसने सदस्यों के बीच आर्थिक एवं राजनीतिक सहयोग को बढ़ाया, ने साझा बाजार और एकल मुद्रा की उपलब्धियों को पदस्थापित करने की आर्थिक उद्देश्य के तौर पर उल्लिखित किया, जबकि राजनीतिक क्षेत्र में इसने पश्चिमी अफ़्रीकी संसद, एक आर्थिक और साजिक परिषद् और मौजूदा ट्रिब्यूनल को प्रतिस्थापित करने हेतु इकोवास न्यायालय की व्यवस्था की और कम्म्युनिटी के निर्णयों के प्रवर्तन का मार्ग प्रशस्त किया। संधि ने औपचारिक तौर पर क्षेत्रीय संघर्षों को रोकने एक समाधान कराने की जिम्मेदारी भी कम्युनिटी को सौंपी।
संरचना
इकोवास के संरचनात्मक ढांचे में राज्य एवं शासनाध्यक्ष सत्ता, मंत्रिपरिषद और सचिवालय सम्मिलित हैं। राज्य एवं शासनाध्यक्ष सत्ता सर्वोच्च निर्णयकारी अंग है। इसकी वर्ष में दो बार बैठक होती है। यह समुदाय की गतिविधियों के समन्वय और विश्लेषण के माध्यम से इकोवास के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कार्य करता है। मंत्रिपरिषद में प्रत्येक सदस्य देश के दो प्रतिनिधि सम्मिलित होते हैं। इसकी भी वर्ष में दो बार बैठक होती है। सचिवालय में एक कार्यकारी सचिव होता है, जिसका कार्यकाल चार वर्ष का होता है।
सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों एवं राज्याध्यक्षों का प्राधिकार सर्वोच्च है। प्राधिकारी कम्युनिटी के सामान्य निर्देश एवं नियंत्रण के लिए जिम्मेदार हैं और इसके प्रगतिशील विकास और उद्देश्यों के साकार होने को सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करता है। प्राधिकारी ओडॉनरी सत्र में वर्ष में एक बार मिलते हैं। अध्यक्ष की सहमति पर या जरूरत होने पर एक्सट्रा-ओडॉनरी सत्र भी बुलाया जाता है।
अक्टूबर 1999 में, इकोवास ने एक न्यायालय की स्थापना का निर्णय लिया। न्यायालय सदस्य देशों की शिकायतों को सुनेगा और साथ ही डिफाल्ट राष्ट्रों के मामलों को भी देखेगा। न्यायालय में एक राष्ट्रपति, एक मुख्य रजिस्ट्रार और सात न्यायाधीश होते हैं। इकोवास संसद मई 2002 में प्रारंभ हुई, जिसमें कोट डी आइवरी को छोड़कर सभी सदस्य देशों के 115 एमपी थे। इकोवास संसद अबुजा, नाइजीरिया में अवस्थित है और वर्तमान में केवल परामर्शकारी और सलाहकारी क्षमता से कार्य करती है।
गतिविधियां
सहयोग, क्षतिपूर्ति और विकास के लिये इकोवास कोष का गठन किया गया। 1980 में समुदाय ने हस्तशिल्प और असंसाधित कृषि पदार्थों के लिए एक मुक्त व्यापार क्षेत्र स्थापित करने का निर्णय लिया। 1990 में इकोवास 2004 तक एकल मुद्रा क्षेत्र अपनाने के लिये सहमत हुआ।
वर्तमान में इकोवास अनेक पुराने राजनीतिक और सुरक्षा विवादों, जिन्होंने समुदाय के मूल उद्देश्यों की प्राप्ति में अनेक अवरोध उत्पन्न कर दिये हैं, को सुलझाने में व्यस्त है। अनेक सुरक्षा समझौते हुये हैं, लेकिन वे मोटे तार पर असफल ही सिद्ध हुये हैं। 1978 में एक गैर-आक्रमण प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए; 1981 में पारस्परिक सुरक्षा पर एक संधि हुई, और; गृह युद्धों में मध्यस्थता करने के लिये 1991 में एक संयुक्त सैनिक दल के रूप में इकोवास विश्लेषक समूह का गठन किया गया। 1993 की कोटोनू संधि ने राजनीतिक सहयोग और सुरक्षा समस्याओं के निदान को विधिवत रूप से इकोवास के कार्यक्षेत्र में ला दिया। हल्के अस्त्रों और युद्धोपकरण के गठन किया गया है। परिषद औषधि (drugs) दुरुपयोग और उनके अवैध व्यापार के विरुद्ध संघर्ष का निरीक्षण भी करती है।
1991 में राजनीतिक सिद्धांतों पर इकोवास घोषणा ने मानवाधिकारों, लोकतंत्र और कानून का शासन बनाए रखने पर सदस्य देशों की प्रतिबद्धता को निर्धारित किया। आगे दिसंबर 2001 में बाल अधिकारों एवं मानव व्यापार पर घोषणा और, बेहद महत्वपूर्ण रूप से, लोकतंत्र तथा सुशासन पर प्रोटोकाल लाया गया, जिसने भ्रस्थाचार एवं अस्थिरता जैसे संघर्षों के मूलभूत कारणों को मंच दिया। यह संघर्ष रोकथाम हेतु तंत्र, प्रबंधन एवं प्रस्ताव, शांति एवं सुरक्षा और मुख एवं स्वच्छ चुनाव, सेना पर नागरिक नियंत्रण एवं सरकार का असंवैधानिक परिवर्तन पर प्रोटोकॉल का पूरक है।