रसायन विज्ञान Chemistry
विज्ञान की वह शाखा जो पर्दार्थों के विभिन्न प्रकार के गुणों, उनका वर्गीकरण, उनकी संरचना, विभिन्न प्रकार की उर्जाओं के प्रभाव से उनमें होने वाली क्रियाओं एवं पारस्परिक अभिक्रियाओं के अध्ययन से सम्बन्ध रखती है, रसायन विज्ञान कहलाती है।
दैनिक जीवन में रसायन विज्ञान का महत्व
हमारे दैनिक जीवन में रसायन विज्ञान का बहुत महत्व है। हम रसायनों द्वारा निर्मित वस्तुओं का उपयोग करते हैं। जिस शक्ति से हम प्रतिदिन काम करते हैं, वह शरीर में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं के कारण ही है। धातुकर्म (metallurgy) पर किये गए प्रयोगों के परिणामस्वरूप सोना, चांदी, एल्युमिनियम, जस्ता आदि धातु तथा इनके मिश्रधातु प्राप्त किये गए हैं। ये धातु और इनके मिश्रधातु हमारे प्रतिदिन जीवन में प्रयुक्त होते हैं। रसायनों के कारण ही कृषि में क्रान्तिकारी प्रगति हो रही है। अनेक प्रकार के उर्वरकों आदि जिनसे खेतों की उर्वरा शक्ति बढती है और फसलों का विनाश करने वाले कीटाणुओं को नष्ट करने वाले बहुत से कीटनाशी बने हैं।
कला तथा उद्योग धंधों में विकास लाने के लिए रसायनों के आधुनिक ज्ञान का उपयोग बहुत क्षमता से किया जा रहा है। फोटोग्राफी का सामान, कांच कृत्रिम रबड़, प्लास्टिक, सीमेंट आदि का निर्माण हुआ है। खनिज तेल से अनेक उपोत्पाद (byproducts) प्राप्त किये जा रहे हैं।
हमें स्वस्थ और निरोग रखने के लिए हारमोनों, विटामिनों एवं अनेक बलवर्धक औषधियों का निर्माण (Tonics) हुआ है।
परमाणु उर्जा से चलने वाले जलयानों का युग आरम्भ हो गया है। आज उच्चकोटि का ईंधन (fuel) तैयार कर लिया गया है। इसी के फलस्वरूप पृथ्वी से भेजे गए उपग्रह अन्तरिक्ष में चक्कर लगा रहे हैं। यह सब रसायन विज्ञान के विकास तथा खोजों के परिणामस्वरूप ही संभव हो सका है।
रसायन विज्ञान की शाखाएं
रसायनशास्त्र के विकास के साथ-साथ इसके विशाल क्षेत्र को अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से कई शाखाओं में विभाजित कर दिया गया है।
भौतिक रसायन Physical Chemistry
रसायन विज्ञान की प्रत्येक शाखा से सम्बंधित विभिन्न नियमों और सिद्धांतों, पदार्थों का परिवर्तन तथा उर्जा और पदार्थ के संबंधों का अध्ययन इसके अंतर्गत करते हैं।
कार्बन रसायन Organic Chemistry
इसके अंतर्गत कार्बनिक यौगिकों का अध्ययन किया जाता है।
अकार्बनिक रसायन Inorganic Chemistry
कार्बन और उसके यौगिकों के अतिरिक्त अन्य सब तत्वों और यौगिकों का अध्ययन इस शाखा के अंतर्गत किया जाता है।
जीव रसायन Bio Chesmistry
जीव जंतुओं और पेड़-पौधों में होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं के अध्ययन का विषय जीव-रसायन (Biochemistry) है।
नाभिकीय रसायन Nuclear Chemistry
इसमें परमाणु के नाभिक का संगठन, नाभिकीय अभिक्रियाएं समस्थानिकों व रेडियोधर्मी पदार्थों का ध्ययान किया जाता है।
वैश्लेषिक रसायन Analytical Chemistry
इसके अंतर्गत पदार्थों की पहचान और उसके गुणात्मक व मात्रात्मक विश्लेषणों का अध्ययन किया जाता है।
औद्योगिक रसायन Industrial Chemistry
इसमें वस्तुओं की वृहद् मात्रा में औद्योगिक निर्माण की विधियों एवं नियमों का पालन किया जाता है।
कृषि रसायन Agricultural Chemistry
कृषि तथा उसके उपयोगी पदार्थों, उर्वरकों, खनिज लवणों आदि का अध्ययन इसके अंतर्गत किया जाता है।
रसायन विज्ञान – कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- दुनिया की कोई भी वस्तुजो स्थान घेरती हो,जिसका द्रव्यमान होता हो और जो अपनी संरचना में परिवर्तन का विरोध करती हो, ‘पदार्थ’ कहलाती है। उदाहरण- हवा और जल,चीनी और बालू, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन, तांबा, लोहा, लकड़ी, खनिज इत्यादि
- पदार्थ संरक्षित है, अर्थात् उसे न तो उत्पन्न किया जा सकता है, न ही नष्ट किया जा सकता है। उसके एक रूप को दूसरे रूप में केवल बदला जा सकता है।
- भारतीयों और यूनानियों का अनुमान था कि प्रकृति के मूल तत्व हैं- क्षितिज, जल, पावक, गगन, समीर। सांख्य दर्शक में यह मत दिया गया है कि प्रकृति ही इन पंच तत्वों की जननी है, परंतु यह केवल एक रहस्यमय विचार ही रहा। भारत के महान ऋषि कणाद के अनुसार सभी पदार्थ अत्यंत सूक्ष्म कणों से बने होते हैं। उन्होने इन कणों को परमाणु बताया था।
- पदार्थ की संरचना के संबंध में आदिकाल से ही दार्शनिकों का यह मत था कि प्रत्येक पदार्थ का निर्माण सूक्ष्म तथा अविभाज्य कणों से होता है। इस सिद्धान्त की पुष्टि के लिए कोई प्रायोगिक प्रमाण उपलब्ध नहीं था।
- सर्वाधिक प्रतिक्रियाशील ठोस तत्व– लीथियम
- सर्वाधिक प्रतिक्रियाशील तरल तत्व- सीजियम
- सर्वाधिक प्रतिक्रियाशील गैसीय तत्व- फ्लोरीन
- सर्वाधिक विद्युत ऋणात्मकता- फ्लोरीन
- सर्वाधिक आयनीकरण क्षमता- हीलियम
- रेडियो सक्रियता प्रकृति वाला तरल तत्व- पेंसियम
- आवर्त सारणी में रेडियो सक्रिय तत्वों की कुल संख्या- 25
- पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में पाये जाने वाले तत्व- ऑक्सीजन
- पृथ्वी का सर्वाधिक दुर्लभ तत्व– एस्टेटीन
- पृथ्वी पर पाया जाने वाला प्रचुर मात्रा में धातु- एल्युमिनियम
- वह तत्व जिसमें (श्रृंखला बनाने की) की सर्वाधिक चेष्टा होती है- कार्बन
- सर्वाधिक हल्का तत्व- हाइड्रोजन
- प्राकृतिक रुप में सबसे भारी पाया जाने वाला तत्व- U238
- विद्युत का न्यूनतम सुचालक- सीसा (धातु), सल्फर (अधातु)
- Amphoteric आधातु तत्व– सिलिकॉन
- अधातु जो देखने में धातु सदृश हैं- आयोडीन, ग्रेफाइट
- पदार्थ जो गर्म करने पर उर्ध्वपतित हो जाते हैं- आयोडीन, कपूर, नैफ्थलीन, गंधक।
- अक्रिय धातु- प्लैटिनम, सोना
- उच्च गलनांक एवं उच्च क्वथनांक वाला अधातु- हीरा
- अत्यधिक फैलाव क्षमता वाला तत्व- बोरॉन
- नाभिकीय संयंत्र में प्रशीतक- D2O (भारी जल)
- सबसे नवीन खोजा गया तत्व- Hahnium (Ha, atomic no-105) Eka (Eka mercury atomic no. 112)
- पानी में रखा जाने वाला तत्व- पीला फॉस्फोरस
- किरोसिन तेल में रखा जाने वाला तत्व- सोडियम, पोटेशियम, आयोडीन, सीजियम (Cs)
- शुष्क बर्फ- ठोस कार्बन डाइऑक्साइड
- कृत्रिम विस्फोटक– डायनामाइट
- रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार पाने वाले प्रथम वैज्ञानिक- वांट होफ
- साधारण ताप पर पारा, गेलियम और सीजियम धातुएं द्रव हैं और शेष धातुएं ठोस हैं।
- साधारण ताप पर अधातुओं में ब्रोमीन द्रव है तथा शेष अधातुएं ठोस या गैस हैं।
- धातुओं में चांदी सबसे अच्छी सुचालक और सीसा कुचालक होता है।
- कार्बन को छोड़कर अधातुएं नरम होती हैं।
- हीरा सभी प्राकृतिक वस्तुओं में सबसे अधिक कठोर होता है।