योजना आयोग के कृषि-जलवायविक क्षेत्र Agro-Climatic Zones of Planning Commission
योजना आयोग ने भारत की 15 कृषि जलवायविक क्षेत्रों में वर्गीकृत किया है जिसके अंतर्गत प्रदेशों में व्याप्त सामाजिक-आर्थिक दशाओं
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Read moreकृषि प्रदेश भारत में भौगोलिक विभिन्नताओं ने कृषि फसलों में भी अनेक विभिन्नताओं को जन्म दिया है। वर्षा, तापमान, समुद्र
Read moreभारतीय कृषि को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है: स्थानांतरण कृषि कृषि की इस पद्धति के
Read moreकृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड है। जहां एक ओर यह प्रमुख रोजगार प्रदाता क्षेत्र है। वहीं सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)
Read moreभारत का विशाल एवं विविधतापूर्ण आकार सर्वाधिक महत्वपूर्ण संसाधन है। कुल भूमि का लगभग 43 प्रतिशत मैदानी क्षेत्र खेती के
Read moreमृदा कृषि का आधार है। यह मनुष्य की आधारभूत आवश्यकताओं, यथा- खाद्य, ईंधन तथा चारे की पूर्ति करती है। इतनी
Read moreयद्यपि मिट्टी के निर्माण में चट्टानों का योगदान निर्विवाद रूप से स्वीकृत है, तथापि जलवायु के तत्व, धरातलीय संरचना, जीव-जंतु,
Read moreभूपृष्ठ की वह उपरी सतह, जिसका विकास यांत्रिक एवं रासायनिक अपक्षय, अपरदन एवं जलवायु के तत्वों (तापमान एवं जल) के
Read moreवन्य जीवन भारत की पारिस्थितिक व भौगोलिक दशाओं में विविधता पायी जाती है। इसी विविधता के कारण यहां अनेक प्रकार
Read moreवनाच्छादन Forest Cover वन स्थिति रिपोर्ट (एसएफआर)-2011 पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधीन एक संगठन, भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) समस्त देश
Read moreप्राकृतिक वनस्पति प्राकृतिक वनस्पति से तात्पर्य उन पौधों से है जो मानव की सहायता के बिना स्वयंमेव वन्य अथवा प्राकृतिक
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