बाबर: 1526-1530 ई. Babur: 1526-1530 AD.
1526 ई. से लेकर 1556 ई. तक का भारत का इतिहास मुख्यतः इस भूमि पर प्रभुता स्थापित करने के लिए
Read more1526 ई. से लेकर 1556 ई. तक का भारत का इतिहास मुख्यतः इस भूमि पर प्रभुता स्थापित करने के लिए
Read moreभारतीय इतिहास में मुग़ल साम्राज्य एक युग के समान है। सल्तनतकाल की समाप्ति के साथ भारतीय इतिहास में इस नए
Read moreराजा का पद सवाँच्च था। वह दिग्विजय की उपाधि धारण करता था। विजयनगर-साम्राज्य में धीरे-धीरे एक केन्द्रमुखी शासन का विकास
Read moreविजयनगर-साम्राज्य को देदीप्यमान सांस्कृतिक एवं कलात्मक कायों का श्रेय प्राप्त है। सम्राट् संस्कृत, तेलुगु, तमिल एवं कन्नड़ सभी भाषाओं के
Read moreविदेशी यात्रियों के विवरणों, अभिलेखों तथा साहित्य में विजयनगर-साम्राज्य के लोगों के सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं के संकेत प्रचुर
Read moreभू-राजस्व प्रशासन- राजस्व नगद और उपज दोनों में वसूल किया जाता था। नगद राजस्व को सिद्धदाय कहा जाता था। भू-राजस्व
Read moreपन्द्रहवीं तथा सोलहवीं सदियों में भारत का भ्रमण करने वाले विदेशी यात्रियों ने विजयनगर साम्राज्य के विषय में देदीप्यमान विवरण
Read moreलगभग 1570 ई. में अपने राज्यकाल के अन्त में तिरुमल ने नाममात्र के शासक सदाशिव को हटा दिया तथा आरवीडु
Read moreसन् 1505 ई. में जब वह स्वयं मर गया, तब उसके पुत्र वीर नरसिंह ने अन्तिम सालुव शासक को सिंहासनाच्युत
Read moreराज्य को इन खतरों से बचाने के लिए नरसिंह सालुव ने अपने अयोग्य स्वामी को सिंहासन-च्युत कर दिया और 1486
Read moreविजयनगर के प्रथम वंश का नाम संगम के नाम पर रखा गया है। हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम के समय
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