अर्थव्यवस्था – वैदिक काल Economy- Vedic period
वन्य प्रदेशों को साफ कर आर्यों ने देश में अपने ग्रामों की स्थापना की थी। इस प्रक्रिया में सम्पूर्ण पंजाब,
Read moreवन्य प्रदेशों को साफ कर आर्यों ने देश में अपने ग्रामों की स्थापना की थी। इस प्रक्रिया में सम्पूर्ण पंजाब,
Read moreचूंकि इस काल की अर्थव्यवस्था एक निर्वाह अर्थव्यवस्था थी, जिसमें अधिशेष के लिए बहुत कम गुंजाइश थी। अत: करारोण प्रणाली
Read moreराजनैतिक अवस्था राजा वैदिक युग के राष्ट्र या जनपद का मुखिया होता था। सामान्यतया, राजा का पुत्र ही पिता की
Read moreसिन्धु सभ्यता के पतन के बाद आर्य सभ्यता का उदय हुआ। आर्यों की सभ्यता वैदिक सभ्यता भी कहलाती है। वैदिक
Read moreलोगों का विविध दिशाओं में पलायन से सैन्धव सभ्यता का विघटन हुआ। अब विद्वान् यह मानने लगे हैं कि सैन्धव
Read moreसैन्धव सभ्यता अपने काल की विकसित नगरीय सभ्यता थी जो बहुत बड़े भू-भाग में फैली हुई थी। विस्तृत क्षेत्र में
Read moreमुहर- सिंधु सभ्यता में लगभग 2500 मुहरें प्राप्त हुई हैं। यह प्रायः आयताकार या वर्गाकार है। पशु के चित्र के
Read moreआर्थिक प्रगति इस सभ्यता की आर्थिक प्रगति के सूचक मृदभांड हैं। लाल चिकनी मिट्टी पर पुष्पाकार ज्यामितीय और प्राकृतिक डिजाइन
Read moreविज्ञान एवं तकनीक सैन्धव लोग तकनीकी के क्षेत्र में काफी विकसित थे। यहाँ बड़े पैमाने पर समानांतर फलकों का निर्माण,
Read moreप्रशासन प्रामाणिक और सुस्पष्ट साक्ष्यों के अभाव में सिन्धु सभ्यता के अन्य पहलुओं के बारे में निश्चित रूप से यह
Read moreसमाज सिंधु सभ्यता में चार प्रजातियों का पता चलता है- भूमध्यसागरीय, प्रोटोआस्ट्रेलियाड, मंगोलाइड, अल्पाइन सबसे जयादा भूमध्यसागरीय प्रजाति के लोग
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