प्राचीन भारत में धार्मिक आन्दोलन Religious Movement in Ancient India
लगभग 600 ई.पू. भारत में एक धार्मिक आन्दोलन उठ खड़ा हुआ जिसने भारतीय जनमानस को बौद्धिक रूप से आन्दोलित कर
Read moreलगभग 600 ई.पू. भारत में एक धार्मिक आन्दोलन उठ खड़ा हुआ जिसने भारतीय जनमानस को बौद्धिक रूप से आन्दोलित कर
Read moreअर्थव्यवस्था 700 ई.पू. के आस-पास उत्तर प्रदेश एवं बिहार की जनता की स्थिति में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। पाणिनी की अष्टध्यायी
Read moreभारतीय इतिहास में बुद्ध का आगमन एक क्रान्तिकारी घटना है। उनका जन्म छठी शताब्दी ई.पू. में हुआ था। भारतीय इतिहास
Read moreआर्यों के सम्बन्ध में समस्त ज्ञान वेदों से प्राप्त होता है। वैदिक साहित्य से तात्पर्य उस विपुल साहित्य से है
Read moreउत्तर वैदिक धर्म उत्तर वैदिक काल के प्रारंभ में भी धर्म का वही उद्देश्य था जो ऋग्वैदिक काल में रहा।
Read moreसमाज उत्तर वैदिक काल में, सम्पूर्ण भारत में, जीवन के विभिन्न पक्षों में एक निश्चित दिशा की ओर परिवर्तन हुए।
Read moreउत्तर वैदिक काल में विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन देखे जाते हैं। भारत के उत्तरी भाग में लौह युग का
Read moreइस काल में, राजनैतिक व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन दृष्टि-गोचर होते हैं। राजतंत्र सशक्त ही नहीं हुआ बल्कि बड़े प्रादेशिक राज्यों
Read moreसभ्यता के काल का विभाजन अत्यन्त कठिन है। ऋग्वैदिक काल की सभ्यता, आर्यों के भारत प्रवेश से लेकर ऋग्वेद की
Read moreऋग्वैदिक धर्म जब मनुष्य ने सभ्य जीवन का प्रारम्भ किया, तो उसने अपने को विशाल एवं अपरिचित प्राकृतिक शक्तियों से
Read moreवर्णव्यवस्था ऋग्वेदकालीन समाज की व्यवस्था का प्रमुख आधार थी। इस व्यवस्था के अन्तर्गत प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वाभाविक गुणों के
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