मौर्योत्तर साहित्य, व्यापार और वाणिज्य Literature Trade and Commerce in Post-Mauryan Period
साहित्य सातवाहन नरेश कवियों के आश्रयदाता तथा प्राकृत भाषा के परिपोषक थे। उनके शासन-काल में प्राकृत भाषा और साहित्य की
Read moreसाहित्य सातवाहन नरेश कवियों के आश्रयदाता तथा प्राकृत भाषा के परिपोषक थे। उनके शासन-काल में प्राकृत भाषा और साहित्य की
Read moreमौर्य काल के बाद वास्तुकला के क्षेत्र में एक नये युग का सूत्रपात होता है। राजकीय छत्रछाया में विकसित मौर्यकला
Read moreधर्म मौर्य युग बौद्ध धर्म के उत्कर्ष का युग था। मौर्य साम्राज्य के पतन के उपरान्त शुंग और सातवाहन शासकों
Read moreशुंग और सातवाहन वंश के शासक ब्राह्मण थे। अतएव उनके शासन-काल के समय में चार वर्णों पर आधारित सामाजिक व्यवस्था
Read moreशुंग-सातवाहन-शक युगीन सभ्यता के मुख्य पहलू मौर्योत्तर युग में भारत के राजनैतिक परिदृश्य पर तीन राजवंशों का प्रभुत्व दिखलाई पड़ता
Read moreसातवाहन वश का उद्भव दक्षिण भारत है। आन्ध्र से सम्बन्धित होने के नाते इन्हें आन्ध्र या आन्ध्र सातवाहन भी कहा
Read moreकुषाण मौर्योत्तर कालीन बाह्य शासकों में यू-ची प्रजाति महत्त्वपूर्ण है जिसे बाद में कुषाण कहा गया। इस जाति के नरेशों
Read moreशक प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व में उत्तर पश्चिमी भारत में यूनानी राज्य का अन्त हो गया और उसके स्थान पर
Read moreमगध के इस नव स्थापित राजवंश का प्रवर्तक वसुदेव था। कण्व शासक भी शुंगों की भाँति ब्राह्मण ही थे। हर्षचरित
Read moreशुंग वंश (185-73 ई.पू.) सम्राट् अशोक महान् की मृत्यु के उपरान्त मौर्य साम्राज्य विघटन और विनाश के गर्त्त में चला
Read moreमौर्य साम्राज्य का प्रखर सूर्य भारत के राजनैतिक गगन पर एक शताब्दी तक अपने पूर्ण प्रकाश के साथ चमकता रहा,
Read more