फाह्यान Fa-Hien
फाह्यान का यात्रा-विवरण चीनी यात्री फाह्यान ने चन्द्रगुप्त द्वितीय के राज्यकाल में सन् 400-411 ई. के बीच भारत का भ्रमण
Read moreफाह्यान का यात्रा-विवरण चीनी यात्री फाह्यान ने चन्द्रगुप्त द्वितीय के राज्यकाल में सन् 400-411 ई. के बीच भारत का भ्रमण
Read moreचन्द्रगुप्त विक्रमादित्य को भारत के महानतम सम्राटों में से एक माना जाता है। उसकी महानता की अभिव्यक्ति कई क्षेत्रों में
Read moreचन्द्रगुप्त प्रथम के बाद उसका पुत्र समुद्रगुप्त सिंहासनारुढ़ हुआ। वह अपने पिता द्वारा उत्तराधिकारी मनोनीत था। प्रयाग प्रशस्ति से ज्ञात
Read moreश्री गुप्त (240-280 ई.)- गुप्तों के कुल और उद्भव भूमि के साथ ही यह प्रश्न भी विवादास्पद है कि गुप्त
Read moreमौर्यकाल के बाद की शताब्दियों में अनेक राज्यों के उत्थान-पतन के बावजूद साम्राज्यवादी महत्त्वकांक्षा का अंत नहीं हुआ। कुषाण साम्राज्य
Read moreसामाजिक व्यवस्था प्राचीन तमिल समाज का स्वरूप मूलत: जनजातीय था। परन्तु कृषि क्षेत्र धीरे-धीरे परिवर्तन हो रहा था। धीरे-धीरे पुरानी
Read moreराज्य एक प्रकार के कुल राज्य संघ थे। इस प्रकार के राज्य का उल्लेख अर्थशास्त्र में भी हुआ है। संगमयुगीन
Read moreचेर शासक संगम साहित्य से चेर शासकों पर विशेष प्रकाश पड़ता है। प्राचीन चेर राज्य में मूल रूप से उतरी
Read moreमदुरा मंडल अथवा सम्मेलन में तमिल कवियों के सम्मेलन की चर्चा है। इसका प्रथम उल्लेख इरैयनार अगप्पोरूल (8वीं सदी) के
Read moreईसा पूर्व दूसरी सदी में सुदुर दक्षिण के लोग उच्च भागों में बसते थे, जो महापाषाण निर्माता कहलाते थे, उनका
Read moreप्रायद्वीपीय भारत का धुर दक्षिणी भाग जिसे तमिलकम् प्रदेश कहा जाता था कृष्णा एवं तुगभद्रा नदियों के मध्य स्थित था।
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