शक एवं पार्थियन Shaka and Parthians
शक प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व में उत्तर पश्चिमी भारत में यूनानी राज्य का अन्त हो गया और उसके स्थान पर
Read moreशक प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व में उत्तर पश्चिमी भारत में यूनानी राज्य का अन्त हो गया और उसके स्थान पर
Read moreमगध के इस नव स्थापित राजवंश का प्रवर्तक वसुदेव था। कण्व शासक भी शुंगों की भाँति ब्राह्मण ही थे। हर्षचरित
Read moreशुंग वंश (185-73 ई.पू.) सम्राट् अशोक महान् की मृत्यु के उपरान्त मौर्य साम्राज्य विघटन और विनाश के गर्त्त में चला
Read moreमौर्य साम्राज्य का प्रखर सूर्य भारत के राजनैतिक गगन पर एक शताब्दी तक अपने पूर्ण प्रकाश के साथ चमकता रहा,
Read moreअशोक के उत्तराधिकारी अशोक की मृत्यु के उपरांत मौर्य साम्राज्य का इतिहास अत्यंत तिमिरावृत्त हो जाता है। उसके उत्तराधिकारियों का
Read moreशिक्षा, भाषा और साहित्य मौर्य काल में शिक्षा, भाषा और साहित्य के क्षेत्र में अच्छी उन्नति हुई। मौर्य कालीन शासकों
Read moreकौटिल्य ने भारत के प्राचीन धर्म को त्रयी धर्म कहा है। इस काल में ऐसे धार्मिक सम्प्रदायों की सत्ता थी
Read moreवस्तुत: बुद्ध युग में पशुचारण अर्थव्यवस्था एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ढल चुकी थी। इस काल में वाणिज्य और व्यापार का
Read moreआर्थिक दृष्टि से मौर्य काल को बहुमुखी प्रगति का युग कह सकते हैं। इस काल में न केवल कृषि उत्पादन
Read moreकौटिल्य अर्थशास्त्र में अध्ययन से मौर्य-साम्राज्य के केन्द्रीय संगठन के सम्बन्ध में भली-भाँति परिचय मिलता है। इस काल में शासन
Read moreमौर्य शासकों ने देवानामपिय्य की उपाधि लेकर मध्यस्थों की भूमिका कम करने की कोशिश की। धर्मशास्त्र के अनुसार राजा केवल
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