वाकाटक साम्राज्य एवं शासक Vakataka Empire and Rulers
प्रवरसेन प्रथम- विंध्यशक्ति के पश्चात् उसका पुत्र प्रवीर (प्रवरसेन) शक्तिशाली शासक बना। वह अपने वंश का प्रतापी शासक था जिसने
Read moreप्रवरसेन प्रथम- विंध्यशक्ति के पश्चात् उसका पुत्र प्रवीर (प्रवरसेन) शक्तिशाली शासक बना। वह अपने वंश का प्रतापी शासक था जिसने
Read moreवाकाटक वंश गुप्तों के अभ्युदय से पूर्व ही अपनी शक्ति स्थापित कर चुका था। सातवाहन साम्राज्य के पतन के बाद
Read moreस्कन्दगुप्त कुमारगुप्त का पुत्र था। स्कन्दगुप्त एक वीर व पराक्रमी योद्धा था। इसने सम्भवतः कुमारगुप्त के पश्चात् शासक बनने की
Read moreचन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के पश्चात् कुमारगुप्त शासक बना। उसकी मुद्राओं पर उसके लिए कई प्रकार की उपाधियाँ मिलती हैं। जैसेश्री मेहन्द्र,
Read moreफाह्यान का यात्रा-विवरण चीनी यात्री फाह्यान ने चन्द्रगुप्त द्वितीय के राज्यकाल में सन् 400-411 ई. के बीच भारत का भ्रमण
Read moreचन्द्रगुप्त विक्रमादित्य को भारत के महानतम सम्राटों में से एक माना जाता है। उसकी महानता की अभिव्यक्ति कई क्षेत्रों में
Read moreचन्द्रगुप्त प्रथम के बाद उसका पुत्र समुद्रगुप्त सिंहासनारुढ़ हुआ। वह अपने पिता द्वारा उत्तराधिकारी मनोनीत था। प्रयाग प्रशस्ति से ज्ञात
Read moreश्री गुप्त (240-280 ई.)- गुप्तों के कुल और उद्भव भूमि के साथ ही यह प्रश्न भी विवादास्पद है कि गुप्त
Read moreमौर्यकाल के बाद की शताब्दियों में अनेक राज्यों के उत्थान-पतन के बावजूद साम्राज्यवादी महत्त्वकांक्षा का अंत नहीं हुआ। कुषाण साम्राज्य
Read moreसामाजिक व्यवस्था प्राचीन तमिल समाज का स्वरूप मूलत: जनजातीय था। परन्तु कृषि क्षेत्र धीरे-धीरे परिवर्तन हो रहा था। धीरे-धीरे पुरानी
Read moreराज्य एक प्रकार के कुल राज्य संघ थे। इस प्रकार के राज्य का उल्लेख अर्थशास्त्र में भी हुआ है। संगमयुगीन
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