हर्ष का प्रशासन Administration of Harsha
एक कुशल प्रशासक एवं प्रजापालक राजा के रूप में हर्ष को स्मरण किया जाता है। नागानंद में उल्लेख आया है
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Read moreदक्षिण का सर्वाधिक प्रभावशाली सम्राट् पुलकेशिन द्वितीय था जिसकी उत्तरी सीमा नर्मदा तक विस्तृत थी। दोनों राजाओं की साम्राज्यवादी महत्त्वाकांक्षाओं
Read moreहर्षचरित के अनुसार वर्द्धन वंश का संस्थापक पुष्यभूति था। वह शिव का भक्त था और उसने एक नवीन राजकुल की
Read moreगुप्तोत्तर काल इतिहास के अपना एक चक्र पूरा कर वहीँ आ गया जहाँ मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद की
Read moreगुप्तकाल में समाज, धर्म, कला, साहित्य व विज्ञान के विकास के साथ ही एक मजबूत आर्थिक ढाँचे का गठन हुआ।
Read moreआधुनिक हिन्दू धर्म का जो स्वरूप है, वह बहुत कुछ गुप्तकालीन धर्म पर आधारित है। गुप्तकालीन हिन्दू धर्म में लोक
Read moreगुप्त काल में विज्ञान के विकास का पता चलता है। गुप्तकालीन विज्ञान के अंतर्गत मुख्यत: गणित, ज्योतिष और आयुर्वेद का
Read moreगुप्तकाल में ही अधिकांश पुराणों का संकलन हुआ। प्रारम्भ में पुराण रचना से चारण लोग जुड़े हुए थे। उन चारणों
Read moreगुप्त काल (319-550 ई.) भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग (गोल्डन पीरियड) कहलाता है। इतिहासकारों ने इसे क्लासिकल युग भी कहा
Read moreप्राचीन भारतीय समाज का ढाँचा गुप्त काल में भी स्थिर रहा। गुप्तकालीन समाज व्यवस्था की झांकी पुराणों, स्मृति-ग्रन्थों व अभिलेखों
Read moreराजनैतिक व्यवस्था- गुप्त-साम्राज्य के अन्तर्गत सब प्रदेशों पर गुप्त-सम्राटों का सीधा शासन नहीं था। उनके अधीन अनेक महाराजा, राजा और
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