कैल्सियम Calcium
प्राप्ति (Occurrence): कैल्सियम प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। परन्तु कार्बोनेट, सल्फेट, फॉस्फेट, फ्लोराइड, सिलिकेट आदि यौगिकों के रूप में यह प्रकृति में विस्तृत रूप से पाया जाता है। कैल्सियम के यौगिक पृथ्वी की परत में 3.5% मात्रा में उपस्थित है। कैल्सियम हड्डियों, अण्डे के छिलके एवं शंख (मोलस्का समुदाय का प्राणी) का मुख्य अवयव है। दूध (Milk) में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व कैल्सियम है।
कैल्सियम का निष्कर्षण: कैल्सियम धातु का निष्कर्षण द्रवित कैल्सियम क्लोराइड एवं कैल्सियम फ्लोराइड मिश्रण के वैद्युत् अपघटन से किया जाता है। कैल्सियम फ्लोराइड कैल्सियम क्लोराइड को विद्युत् अपघट्य बनाता है।
कैल्सियम के भौतिक गुण: कैल्सियम चाँदी की तरह उजली धातु है। अन्य सामान्य धातुओं की अपेक्षा मुलायम परन्तु सीसे की अपेक्षा कड़ी है। इसका द्रवणांक 851°C, क्वथनांक 1439°C तथा आपेक्षिक घनत्व 1.55 होता है। यह नम्य और तन्य होता है। यह ऊष्मा और विद्युत् का सुचालक होता है।
कैल्सियम के रासायनिक गुण: अम्लों से प्रतिक्रिया कर यह हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है। यह जल को अपघटित कर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है। क्षारों के साथ यह कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है। इसे हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, सल्फर, कार्बन, फॉस्फोरस, क्लोरीन, ब्रोमीन आदि अधातुओं के साथ गर्म करने पर क्रमशः, हाइड्राइड, ऑक्साइड, नाइट्राइड, सल्फाइड, काबाइड, फॉस्फाइड, क्लोराइड, ब्रोमाइड आदि यौगिक बनते हैं।
कैल्सियम के उपयोग: (i) ऐल्कोहॉल में सूक्ष्म मात्रा में उपस्थित जल को हटाने में, (ii) धातुओं के निष्कर्षण में उनमें सूक्ष्म मात्रा में उपस्थित नाइट्रोजन, सल्फर, ऑक्सीजन आदि को हटाने में।
कैल्सियम के यौगिक
- कैल्शियम ऑक्साइड (Calcium Oxide): कैल्शियम ऑक्साइड को क्विक लाइम (Quick Lime) कहा जाता है। यह उजला छिद्रयुक्त ठोस पदार्थ है। यह दुर्गलनीय पदार्थ है। यह जल के साथ तीव्र गति से प्रतिक्रिया करता है तथा कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड में परिणत हो जाता है। इसका उपयोग शुष्ककारक के रूप में, निर्माण कार्यों में गारे के रूप में, लाइम प्रकाश उत्पन्न करने तथा अनेक रसायनों के निर्माण में होता है।
- कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (Calcium Hydroxide): कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड को बुझा हुआ चूना कहते हैं। कली चूना की प्रतिक्रिया जल से कराने पर बुझा हुआ चूना प्राप्त होता है। यह एक उजला चूर्ण है, जो जल में बहुत कम घुलनशील होता है। शुष्क बुझे हुए चूने के ऊपर पर क्लोरीन गैस प्रवाहित करने पर ब्लीचिंग पाउडर प्राप्त होता है। इसका उपयोग कोल गैस को शुद्ध करने में, शीशा, ब्लोचिंग पाउडर, कास्टिक सोडा, गारा, सीमेन्ट इत्यादि बनाने में तथा मकानों में सफेदी करने के काम में होता है।
- कैल्सियम क्लोराइड (Calcium Chloride): कैल्सियम क्लोराइड थोड़ी मात्रा में समुद्री जल में पाया जाता है। यह एक रंगहीन, रवेदार ठोस पदार्थ है जिसके एक अणु में जल के छः अणु रवाकरण जल के रूप में उपस्थित रहते है। यह जल एवं ऐल्कोहॉल में घुलनशील होता है। यह deliquescent होता है। कैल्सियम क्लोराइड का उपयोग जलशोषक पदार्थ या Dehydrating Agent के रूप में होता है। इसका उपयोग हिम मिश्रण में भी होता है।
- विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder): यह कैल्सियम का ऑक्सीक्लोराइड है। औद्योगिक पैमाने पर विरंजक चूर्ण का उत्पादन हेसेन क्लेवर विधि (Hasenclever’s Process) द्वारा किया जाता है। यह ठोस बुझे हुए चूने में क्लोरीन गैस प्रवाहित कर बनाया जाता है। यह सफेद चूर्ण होता है, जिससे क्लोरीन जैसी गंध निकलती रहती है। यह एक अत्यंत ही अस्थायी यौगिक है। इसका उपयोग कागज एवं कपड़ों के विरंजन में होता है। यह कीटाणुनाशक की तरह भी काम में लाया जाता है। अतः इसका उपयोग जल को संक्रमणरहित बनाने हेतु भी किया जाता है।
- जिप्सम (Gypsum): कैल्सियम सल्फेट (CaSO4.2H2O) को जिप्सम कहा जाता है। यह एक श्वेत रवादार ठोस पदार्थ है। इसके एक अणु में जल के दो अणु रवाकरण के रूप में रहते हैं। 120°C तक गर्म करने पर यह प्लास्टर ऑफ पेरिस में बदल जाता है । जिप्सम का उपयोग पेरिस प्लास्टर तथा अमोनियम सल्फेट खाद बनाने में होता है।
- प्लास्टर ऑफ पेरिस (Plaster of Paris): अर्द्धजलयोजित कैल्सियम सल्फेट को सामान्यतः पेरिस प्लास्टर कहते हैं। यह एक सफेद चूर्ण है। यह जल के साथ तीव्रता से संयोग करता है और प्रतिक्रिया के फलस्वरूप ताप उत्पन्न होता है। पेरिस प्लास्टर का उपयोग शल्य क्रिया में पट्टियों के रूप में होता है। पेरिस प्लास्टर से मूर्तियाँ एवं मूर्तियों के साँचे बनाये जाते हैं।
- सुपरफॉस्फेट ऑफ़ लाइम (Superphosphate of Lime): मोनो कैल्शियम हाइड्रोजन फॉस्फेट तथा सल्फेट के मिश्रण को सपुरफॉस्फेट कहते हैं। इसे फॉस्फोराइट नामक खनिज पदार्थ तथा जानवरों की हड्डियों से बनाया जाता है। यह जल में घुलनशील होता है। अतः इसे पौधे आसानी से ग्रहण करते हैं। इस कारण यह एक अच्छा उर्वरक है।
- कैल्सियम कार्बाइड (Calcium Carbide): यह एक स्लेटी रंग का ठोस पदार्थ है | इसे नाइट्रोजन गैस की उपस्थिति में 1200°C पर गर्म करने पर कैल्सियम सायनामाइड बनता है। कैल्सियम कार्बाइड पर जल की प्रतिक्रिया से एसीटिलीन गैस उत्पन्न होती है।
- नाइट्रोलिम (Nitrolim): कैल्सियम सायनामाइड को नाइट्रोलिम कहा जाता है। इसका उपयोग खाद के रूप में होता है।
- हाइड्रोलिथ (Hydrolith): कैल्सियम हाइड्राइड को हाइड्रोलिथ कहते हैं। कैल्सियम धातु को हाइड्रोजन के साथ गर्म करने पर कैल्सियम हाइड्राइड या हाइड्रोलिथ बनता है।
- कैल्सियम कार्बोनेट (Calcium Carbonate): यह प्रकृति में चूने के पत्थर, संगमरमर, खड़िया आदि के रूप में काफी मात्रा में पाया जाता है। मैग्नीशियम कार्बोनेट के साथ यह डोलोमाइट के रूप में भी पाया जाता है। यह एक उजला ठोस पदार्थ है। यह जल में अघुलनशील होता है। कैल्सियम कार्बोनेट (CaCO3) का प्रयोग दंत मंजन, पाउडर तथा पेस्ट बनाने में किया जाता है। यह दीवारों पर सफेदी करने के काम आता है। इसका उपयोग सीमेण्ट उद्योग में भी होता है।
- कैल्सियम फॉस्फेट (Calcium Phosphate): कैल्सियम फॉस्फेट [Ca3(PO4)2] ot प्रयोग टूथ-पेस्ट (Tooth Paste) बनाने में होता है।