काला सागर आर्थिक सहयोग Black Sea Economic Cooperation – BSEC
इस संगठन का उद्देश्य है- काला सागर क्षेत्र के देशों के मध्य आर्थिक और तकनीकी सहयोग में वृद्धि लाना।
मुख्यालय: इस्तानबुल (तुर्की)।
सदस्यता: अल्बानिया, आर्मीनिया, अजरबैजान, बुल्गारिया, जार्जिया, यूनान, माल्डोवा, रोमानिया, रूस, सर्बिया, तुर्की और यूक्रेन।
पर्यवेक्षक सदस्य: आस्ट्रिया, मिस्र फ़्रांस, बेलारूस, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली, पोलैण्ड, स्लोवाकिया और ट्यूनीशिया।
उद्भव एवं विकास
1980 के दशक के अन्त में तुर्की के राष्ट्रपति तुर्गट ओजाल ने काला सागर क्षेत्र के देशों का एक आर्थिक समूह गठित करने का प्रस्ताव रखा। 24-25 जून, 1992 को इस्तानबुल में 11 देशों ने काला सागर आर्थिक सहयोग (बीएसईसी) घोषणा-पत्र, जिसमें संगठन के मौलिक उद्देश्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है, पर हस्ताक्षर किये और इस प्रकार बीएसईसी अस्तित्व में आ गया।
उद्देश्य
बीएसईसी का प्रमुख उद्देश्य, सदस्य देशों के बीच द्वि-पक्षीय और बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग, विशेषकर परिवहन, संचार, ऊर्जा, कृषि, पर्यावरण, संरक्षण, व्यापार एवं उद्योग, स्वास्थ्य तथा औषधि के क्षेत्रों में, को प्रोत्साहन देना है।
संरचना
विदेश मामलों के मंत्रियों की बैठक (एमएमएफए) संसदीय सभा तथा सचिवालय बीएसईसी के प्रमुख संरचनात्मक अंग हैं।
एमएमएफए, बीएसईसी का प्रधान नीति निर्धारक अंग है। वर्ष में कम से कम एक बार इसकी बैठक आवश्यक रूप से आयोजित की जाती है। सदस्य देश चक्र क्रम में इसके अध्यक्ष होते हैं। संसदीय सभा में एक अंतर्राष्ट्रीय सचिवालय और तीन समितियां होती हैं। ये तीन समितियां हैं-
- आर्थिक, व्यापारिक, तकनीकी और पर्यावरण मामलों की समिति;
- सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सामाजिक मामलों की समिति, तथा;
- कानूनी एवं राजनीतिक मामलों की समिति।
सचिवालय का प्रधान अधिकारी निदेशक होता है।
गतिविधियां
1993 में थेसालोनिकी (यूनान) में एक काला सागर व्यापार एवं विकास बैंक की स्थापना की गई तथा ईबीआरडी ने बीएसईसी परियोजनाओं के लिये 3.75 बिलियन डॉलर देने का वचन दिया । 1995 में रोमानिया के बुखारेस्ट शहर में आयोजित शिखर सम्मेलन में ऊर्जा, संचार और परिवहन जैसे क्षेत्रों में बेहतर सहयोग स्थापित करने के लिये एक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
इससे पहले मई 1994 में सदस्यों ने क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिये अन्तर-संसदीय विधिक एवं राजनीतिक मामलों की समिति के तत्वावधान में एक तंत्र सृजित करने का निर्णय लिया। यद्यपि, सदस्य देशों के मध्य विवादों (जैसे-रूसी सेनाओं को हटाने की मॉल्डोवा की मांग, आदि) ने अवरोधक का कार्य किया है, तथापि, यह संगठन मुक्त व्यापार क्षेत्र सृजित करने के लिये हर संभव प्रयास कर रहा है। 1996 के शिखर सम्मेलन में बीएसईसी ने बीएसईसी सहयोग को लागू करने के लिये एक विज्ञप्ति का अनुमोदन किया।
1 मई, 1999 से इसके चार्टर के प्रवृत्त होने के साथ, बीएसईसी ने अंतरराष्ट्रीय कानूनी पहचान हासिल की और एक पूर्ण क्षेत्रीय संगठन बन गया-कला सागर आर्थिक सहयोग (बीएसईसी)।