सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल Armed Forces Tribunal
सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल का गठन 8 अगस्त, 2009 में सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल अधिनियम, जिसे वर्ष 2007 में संसद द्वारा पारित किया गया, के तहत् किया गया।
ट्रिब्यूनल में एक अध्यक्ष, और उतनी संख्या में न्यायिक एवं प्रशासनिक सदस्य होते हैं, जैसाकि केंद्र सरकार उचित समझे। ट्रिब्यूनल की सेवा मामलों में प्रथम अधिकार क्षेत्र होगा और कोर्ट मार्शल मामलों में अपीलीय अधिकारिता होगी।
ट्रिब्यूनल को सभी सेवा मामलों के संबंध में सभी न्यायालयों द्वारा कार्यशील (उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय को छोड़कर जो संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के अंतर्गत अधिकार क्षेत्र कार्यान्वित करते हैं) अधिकार क्षेत्र, शक्तियां एवं प्राधिकार रखते हैं।
एक आवेदन पर अधिनिर्णयन के उद्देश्य हेतु, ट्रिब्यूनल को वो सभी शक्तियां होगी, जो सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत् दीवानी न्यायालय में निहित होती हैं।
ट्रिब्यूनल को एक कोर्ट मार्शल द्वारा दी गई सजा, तथ्यों, आदेश या निर्णय के खिलाफ अपील के संबंध में सभी अधिकार क्षेत्र, शक्तियां एवं प्राधिकार होंगे।