अमृतसर Amritsar
अमृतसर सिखों के चौथे गुरु राम दास द्वारा सन् 1577 में स्थापित किया गया था| कहा जाता है सिक्खों के 5वें गुरु अर्जुन ने यहाँ सिक्खों की पवित्र पुस्तक आदि ग्रंथ को 1603 में संकलित किया था और इसे केंद्रीय सिक्ख मंदिर ‘हर मंदिर’ मे रख दिया, जो की एक पवित्र कुंड द्वारा घिरा हुआ है| यह मंदिर सिक्ख धर्म की सबसे पवित्र जगह है और इसके गुंबद पर सोना चढ़ाए जाने के बाद से स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है| सिक्खों के दसवें धर्मगुरू गुरु गोविंद सिंह ने यहाँ सिक्खों की सांसारिक सत्ता के प्रतीक एक बुर्ज ‘अकाल तख्त’ का निर्माण कराया| इस टावर ने हर मंदिर की रक्षा के लिए एक गढ़ के रूप में कार्य किया|अमृतसर 13 अप्रैल 1919 को जलियाँवाला बाग में हुए नरसंहार का भी गवाह है| उस समय यहाँ एक राजनीतिक बैठक आयोजित की गई थी जब एक ब्रिटिश ब्रिगेडियर सर रेजिनाल्ड डायर (Sir Reginald Dyer) ने निहत्थे भीड़ पर बिना चेतावनी के अपने सैनिकों को गोलियाँ चलाने का आदेश दे दिया| यह बाग चारों तरफ से दीवारों से घिरा हुआ है और लोग भाग नही सके| इस नरसंहार में 400 से ज़्यादा लोग मारे गये और 1200 से ज़्यादा लोग घायल हुए| रेजिनाल्ड डायर का इरादा पंजाब के क्रांतिकारियों मे आतंक फैलाना था| भारतीय राष्ट्रवादियों ने इस बाग को एक राष्ट्र मंदिर के रूप में अंकित किया और इसे ब्रिटिश राज्य के पतन का प्रतीक बना दिया| महात्मा गाँधी ने नरसंहार की जाँच के लिए नियुक्त एक कांग्रेस समिति की अध्यक्षता की| उनकी तथ्यात्मक रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया कि जलियांवाला बाग जानबूझकर एक क्रूर ब्रिटिश अधिकारी द्वारा बनाया गया एक पूर्व निर्धारित जाल था|
कई साल बाद, अमृतसर एक और राष्ट्रीय त्रासदी से हुईं, जब जरनैल सिंह भिंडरांवाले के नेतृत्व में अलगाववादी सिक्खों ने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया और अकाल तख्त को अपनी अच्छी तरह से अपने बचाव के लिए गढ़ में परिवर्तित कर लिया| प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शुरूआत सिक्ख विपक्ष का शासन कमजोर करने के लिए, जरनैल सिंह भिंडरांवाले का समर्थन किया लेकिन जल्द ही उसने संरक्षण पार कर दी और वह अंत में जून 1984 में स्वर्ण मंदिर में कार्यवाही के लिए भारतीय सेना को आदेश देने पर मजबूर कर दिया| जब टैंकों और सेना ने मंदिर में प्रवेश किया, तब भिंडरांवाले और उनके अनुयायियों की अकाल तख्त में मृत्यु हो गई और अकाल तख्त भी नष्ट हो गया था| बाद में इंदिरा गाँधी के दो सिख अंगरक्षकों ने नई दिल्ली के बगीचे में उनकी हत्या कर दी थी|
अमृतसर का सबसे दर्शनीय स्थल स्वर्ण मंदिर या हरमंदिर साहिब है, ताजमहल के बाद यहाँ सबसे ज़्यादा पर्यटक आते हैं| अमृतसर के अन्य प्रसिद्ध स्थल जलियांवाला बाग, संतोखसर साहब और बिबेसर साहब गुरुद्वारा, हाथी गेट मंदिर, खरउद्दीन मस्जिद, दुर्गियाना मंदिर, बाबा अटल राय स्तंभ, तरन तारन, राम तीर्थ और बाघा बोर्डर आदि है|