वर्ष 2014 के नोबेल पुरस्कार Nobel Prize For 2014
वर्ष 2014 में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कारों की घोषणा कर दी गयी है| इस पुरस्कार के विजेता इस प्रकार हैं-
1.चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार Nobel Prize for Physiology
वर्ष 2014 का चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार शरीर के सबसे जटिल हिस्से मस्तिष्क पर शोध करने वाले तीन वैज्ञानिकों ब्रिटेन के जॉन ओ कीफ(John O’Keefe) और नार्वे के मे-ब्रिट मोजर(May-Britt Moser) और इनके पति एडवर्ड मोजर (Edvard Moser) को संयुक्त रूप से दिया गया है| इन वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया क़ि हमारा मस्तिष्क कैसे पता लगता है कि हम कहाँ है और हम कहाँ जा रहे है| इसलिए इन वैज्ञानिकों ने इसे मस्तिष्क का जी. पी. एस. सिस्टम भी कहा है| जॉन ओ कीफ जो कि यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में प्रोफेसोर भी हैं, इन्होने 1971 में चूहों पर अपने शोध में दिमाग़ के इस पोज़िशॉनिंग सिस्टम का पता लगा लिया था| अपने शोध उन्हे पता चला कि कैसे चूहों के उसी कमरे में होने पर और दूसरे कमरे में होने पर दिमाग़ की कुछ खास तरह की अलग-अलग प्लेस कोशिकाएँ सक्रिय होती हैं| कीफ के अनुसार ये कोशिकाएँ एक मानचित्र तैयार करके हमे ये पता लगाने में मदद करती हैं की हम कहाँ है|
सन 2005 में मे-ब्रिट मोजर और एडवर्ड मोजर ने मस्तिष्क में एक खास तरह की ग्रिड कोशिकाओं का पता लगाया जो अक्षांश और देशांतर की रेखाओं को समझ सकती हैं, इस प्रकार ये मस्तिष्क को आवागमन के लिए दूरी की गणना करने में मदद करती हैं|
नोबेल समिति के अनुसार ये ग्रिड और प्लेस कोशिकाएँ मस्तिष्क का जी. पी. एस. सिस्टम तैयार करती हैं|इस खोज से मस्तिष्क के कई रोगों जैसे अल्ज़ाइमर, डिमेन्शिया के इलाज में मदद मिल सकेगी| क्योंकि इन रोगों में दिमाग का यह हिस्सा प्रभावित हो जाता है|
2. भौतिकी का नोबेल पुरस्कार Nobel Prize For Physics
वर्ष 2014 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जापान और अमेरिका के तीन वैज्ञानिकों इसामु अकासाकी (Isamu Akasaki,Japan), हिरोशी अमानो (Hiroshi Amano, Japan) और शुजी नाकामुरा (Shuji Nakamura, U.S.) को संयुक्त रूप से नीली एल.ई.डी. लाइट्स के अविष्कार के लिए संयुक्त रूप से दिया गया| इन नीली एल. ई . डी. लाइट्स की वजह से सफेद रोशनी वाले एल.ई.डी लाइट्स बनाना संभव हुआ| ये एल.ई.डी लाइट्स बहुत ही कम उर्जा की खपत करते हैं| लाल और हरी रंग की एल.ई.डी का आविष्कार पहले ही हो चुका था परंतु बिना नीली एल.ई.डी के सफ़ेद रौशनी के लैंप बनाना संभव नहीं था| नीली एल.ई.डी बनाना इन वैज्ञानिको के लिए काफी चुनौती पूर्ण था परंतु लगातार असफलताओं के बाद इन्हें 1990 में सफलता मिल गयी| एल.ई.डी लैंप काफी कम उर्जा की खपत करते हैं और इनके व्यापक उपयोग हैं|
3. साहित्य का नोबेल Nobel Prize For Literature
वर्ष 2014 के लिए साहित्य का नोबेल फ्रांसीसी लेखक पैट्रिक मोदियानो (Patrick Modiano) को दिया गया है| पैट्रिक मोदियानो फ्रेंच भाषा में लिखते हैं| उनके उपन्यासों का अनुवाद स्वीडिश और अँग्रेज़ी भाषाओं में भी हुआ है|
नोबेल समिति के अनुसार उनको यह पुरस्कार उनके उपन्यासों के लिए दिया गया है, जिसमे उन्होने नाजी कब्जे के बारे में उनकी आजीवन अध्ययन और अपने देश पर उसके प्रभाव और अपनी स्मृतियों के बारे में लिखा है| उनके 40 से ज़्यादा लेखों में उन्हें उनके उपन्यास “मिसिंग पर्सन (Missing Person)” के लिए प्रिक्स गोंकोर्ट (Prix Goncourt) पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है| मोदियानो प्रशंसित फिल्म “लकोम्बे, लूसीयन (Lacombe, Lucien)” के सह लेखक भी हैं|
4. रसायन विज्ञान का नोबेल Nobel Prize For Chemistry
इस वर्ष का रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी शोधकर्ता एरिक बेतज़िग(Eric Betzig) और विलियम मोेर्नेर(William Moerner) एवं जर्मनी के स्टेफन हेल ( Stefan Hell) को संयुक्त रूप से दिया गया है| इन्होने उन तरीक़ो की खोज की जिससे सूक्ष्मदर्शी अधिक शक्तिशाली बनाने में मदद मिली, जबकि पहले यह सोचा जा रहा था कि अब शायद सूक्ष्मदर्शी को अधिक शक्तिशाली बनाना शायद संभव नहीं होगा| उनकी इस खोज से वैज्ञानिक सूक्ष्म कोशिकाओं के अंदर भी रोगों को विकसित होते हुए देख सकते हैं|
5. शांति का नोबेल Nobel prize For Peace
2014 के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार बाल-अधिकारों मुख्यतः उनकी शिक्षा के लिए संघर्ष करने वाले भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफज़ई को संयुक्त रूप से दिया गया है| कैलाश सत्यार्थी ‘बचपन बचाओ’ नमक एक गैर सरकारी संगठन चलाते हैं जो बाल मज़दूरी के को समाप्त करने लिए काम कर रहा है|
नोबेल पुरस्कार से पहले उन्हें 1994 में जर्मनी का ‘द एयकनर इंटरनेशनल पीस अवॉर्ड’, 1995 में अमरीका का ‘रॉबर्ट एफ़ कैनेडी ह्यूमन राइट्स अवॉर्ड’, 2007 में ‘मेडल ऑफ़ इटेलियन सीनेट’ और 2009 में अमरीका के ‘डिफ़ेंडर्स ऑफ़ डेमोक्रेसी अवॉर्ड’ सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड मिल चुके हैं.
मलाला यूसुफज़ई को पाकिस्तान के क़बायली इलाकों में लड़कियों की शिक्षा के लिए उनके संघर्ष के लिए दिया गया है| 17 वर्ष की मलाला यूसुफज़ई अब तक की सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता हैं| इससे पहले यह रिकॉर्ड आस्ट्रेलिया में जन्मे, बाद में ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी विलियम लॉरेन्स ब्रॅग (William Lawrence Bragg) नाम था, जिन्होने 1915 में 25 वर्ष की उम्र में यह पुरस्कार जीता था|
मध्य प्रदेश के विदिशा में 11 जनवरी 1954 को पैदा हुए कैलाश सत्यार्थी इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर थे, परंतु उन्होने 26 वर्ष की उम्र से ही अपनी नौकरी छोड़कर बाल अधिकारों के अपना संघर्ष शुरू कर दिया| अपने संघर्ष के दौरान सत्यार्थी पर कई बार हमले भी हुए और उनके दो साथियों की हत्या भी कर दी गयी थी|इस समय वे बाल श्रम के ख़िलाफ़ वैश्विक अभियान (Global March Against Child Labor) के अध्यक्ष भी हैं|
वहीं पाकिस्तान की मलाला युसुफ़ज़ई ने जब लड़कियों के शिक्षा के लिए अपनी आवाज़ उठाई तो उन्हें पाकिस्तान तालिबान ने गोली मार दी थी|
6. आर्थिक विज्ञान का नोबेल Nobel Prize For Economic Science
अल्फ्रेड नोबेल 2014 के स्मृति में आर्थिक विज्ञान में स्वेरिग्स रिस्क्बैंक पुरस्कार “बाजार शक्ति और विनियमन के अपने विश्लेषण के लिए” फ़्रांसीसी अर्थशास्त्री जीन तिरोल (Jean Tirole) को सम्मानित किया गया| जीन तिरोल फ़्रांस के जाने-माने टूलोज़ स्कूल ऑफ़ इकॉनॉमिक्स (Toulouse School of Economics) में शिक्षक हैं|
अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में इस पुरस्कार का जिक्र नहीं किया था| अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में उनकी 300 जन्म शताब्दी
पर स्वेरिग्स रिस्क्बैंक (Sveriges Riksbank ) ने कुछ राशि जमा करायी और अगले वर्ष सं 1969 से आर्थिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार दिए जाने लगे|