वाणिज्यिक (नकदी) फसल: कपास Commercial (cash) Crops: Cotton- Gossypium hirsutum
भारत वाणिज्यिक मांग के अनुसार, श्रेष्ठ किस्मों के कपास का उत्पादन करता है, जो गौसिपियम की चार प्रजातियों के अंतर्गत उत्पादित होती हैं- जी. हर्सटम, जी. बारबाडेंस, जी.अरबोरियम और जी. हरबेशियम। इनमें से सबसे ज्यादा उत्पादन जी. हर्सटम प्रजाति का होता है।
वृद्धि की शर्तें: उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में फसल के लिए बीज-वपन करते समय तापमान 15° सेंटीग्रेड या उससे कम उपयुक्त माना जाता है। पौध-विकास के समय 21°सेंटीग्रेड का तापमान होना चाहिए। देश के अधिकांश भागों में कपास की खेती खरीफ के मौसम में होती है। सिंचाई आधारित फसल को मार्च से मई के बीच बोया जाता है, जबकि वर्षा आधारित फसलों को मानसून के आगमन के बाद जून-जुलाई में बोया जाता है। काली और मध्यम काली मिट्टी कपास की खेती के लिए उपयुक्त है। सिंचाई की व्यवस्था होने पर जलोढ़ मिट्टी में भी इसका उत्पादन होता है।
उत्पादन: विगत वर्षों में लगभग 40 प्रतिशत अत्यधिक लम्बे रेशायुक्त कपास के उत्पादन के साथ उत्पादन के प्रारूप में बदलाव आया है जिसके परिणामस्वरूप छोटा रेशा कपास किस्म के उत्पादन में कमी आयी है। गुजरात सर्वाधिक कपास का उत्पादन करता है। अहमदाबाद, महसाना, भड़ौच, खेडा, वडोदरा, साबरकांठा, पंचमहल और अमरेली गुजरात में प्रमुख कपास उत्पादक जिले हैं।
महाराष्ट्र में बलधाना, अकोला, यावतमाल, अमरावती, वर्द्धा, औरंगाबाद, नांदेड़, धूल, जलगांव, नागपुर, प्रभाणी और बीड़ के प्रधान कपास उत्पादक जिले हैं।
मध्य प्रदेश में इन्दौर, उज्जैन, रतलाम, भोपाल, देवास, आदि प्रमुख कपास-उत्पादक जिले हैं।
छत्तीसगढ़ में रायपुर व राजगढ़ में प्रमुख रूप से कपास की खेती की जाती है।
तमिलनाडु में कोयम्बटूर, सलेम, मदुरई, तिरुचिरापल्ली, रामानाथपुरम, तिरूनेवेल्ली, दक्षिणी अर्काट और चिंगलपेट जिले यहाँ के प्रमुख कपास उत्पादक क्षेत्र हैं।
कर्नाटक के प्रमुख कपास उत्पादक क्षेत्रों में जिन जिलों की प्रमुखता है, वे हैं- बेल्लारी, हासन, बीजापुर, गुलबर्ग, मैसूर, शिमोगा, धारवारा, रायचूर, चित्रदुर्ग और चिकमंगलूर।
आंध्र प्रदेश में कुर्नूल, कुडप्पा, आदिलाबाद, अनन्तपुर, गुंटूर और हैदराबाद इस राज्य के प्रमुख कपास उत्पादक जिले हैं।
पंजाब के प्रमुख कपास उत्पादक जिले हैं- पटियाला, लुधियाना, गुरुदासपुर, संगरूर, फिरोजपुर, होशियारपुर और भटिण्डा।
हरियाणा में गुड़गांव, करनाल, रोहतक, अम्बाला और हिसार जिले में कपास का उत्पादन होता है।
उत्तर प्रदेश में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, अलीगढ़, बुलन्दशहर, मथुरा, आगरा, इटावा, मैनपुरी और रामपुर प्रमुख कपास-उत्पादक जिले हैं।
कपास की किस्में: भारत कपास की संकर किस्म की खोज करने वाला प्रथम देश है। यहां विविध प्रकार की जलवायु और भूमि के अनुकूल खेती के लिए विभिन्न प्रकार की किस्मों का विकास किया गया है। विकसित किस्में हैं- कल्याण, विजया, जरीला, लक्ष्मी, प्रताप, मद्रास उगांडा, पश्चिमी बूरी, पंजाब, अमेरिकन, मालवी, इन्दौर-2, एम.सी.यू.-4, एम.सी.यू.-5 और सुजाता। दीर्घकालिक फसल के लिए कपास की किस्में हैं-एच.-4, शंकर-4 और 6, एम.सी. यू-5 और सुविन।