जंगल बाहुल्य गांवों के विकास के लिए कार्यक्रम Programme for the Development of Forest-Dominated Villages
दसवीं पंचवर्षीय योजनान्तर्गत जंगल बाहुल्य गांवों का विकास जनजाति विकास के क्षेत्र में एक अहम हिस्सा है। योजना आयोग ने प्रति गांव र 15 लाख के औसत आबंटन के हिसाब से जंगल बाहुल्य गांवों के विकास के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय को 450 करोड़ आबंटित किए हैं। 12 राज्यों में लगभग 2474 ऐसे जंगल बाहुल्य गांव हैं जिन्हें अभी भी राज्य का वन विभाग देखता है। ऐसा अनुमान है कि इन गांवों में लगभग ५.5 लाख आदिवासी परिवार रहते हैं। इन जंगल बाहुल्य गांवों को राजस्व अर्जित गांवों में बदलने की प्रक्रिया विचाराधीन है। दसवीं योजना के अंत के करीब विचार-विमर्श के उपरांत यह समझा गया कि ग्यारहवीं योजना के तहत् भी इस कार्यक्रम को एक निश्चित अवधि तक के लिए जारी रखा जा सकता है। ऐसा निर्णय करने से पहले इस बात को ध्यान में रखा गया कि राजस्व अर्जित गांवों में अभी भी पर्याप्त विकासात्मक गतिविधियों को चलाया जाना बाकी है। इस बात का भी निर्णय किया कि दसवीं योजना के तहतू पहले चरण में कोष को प्राप्त करने वाले उन सभी जंगल बाहुल्य गांवों को ₹15 लाख तक का अतिरिक्त कोष दिया जाए।