पूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) Total Sanitation Campaign – TSC
सरकार ने विश्व जल दशक 1980 में ग्रामीण स्वच्छता की ओर ध्यान देना शुरू किया। केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता अभियान की शुरुआत 1986 में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करने के लिए की गई। यह एक उच्च सब्सिडी और ढांचोन्मुख कार्यक्रम है। इन खामियों और कम वितीय आवंटन के कारण स्व्छता जैसे कार्यक्रम का विशाल समस्यापर मामूली असर पड़ा। समुदाय आधारित जागरूकता पैदा करने के अभियान पर आधारित कुछ राज्य सरकारों के कार्यक्रमों और मूल्यांकन के आधार पर 1999 में पूर्ण स्वच्छता अभियान तैयार किया गया।
कार्यक्रम के उद्देश्य इस प्रकार हैं-
- ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य जीवन स्तर में सुधार लाना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का दायरा बढ़ाना।
- जागरूकता और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता का एहसास करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों/आंगनवाड़ियों को स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करना और छात्रों में स्वास्थ्य शिक्षा और स्वच्छता आदतों को बढ़ावा देना।
- स्वच्छता के लिए सस्ती और उचित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना।
- पेयजल स्रोतों और भोजन के प्रदूषण जोखिम को कम करने के लिए खुले शौचालय को समाप्त करना।
- सूखे शौचालयों को फ्लश शौचालयों में बदलना और सिर पर मैला ढोने की प्रथा को ग्रामीण क्षेत्रों से समाप्त करना।
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी)
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम जो 15 अगस्त, 1995 से अस्तित्व में आया, संविधान के अनुच्छेद 41 एवं 42 में वर्णित नीति-निदेशक सिद्धांतों को पूरा करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अंतर्गत निर्धन परिवारों को, वृद्धावस्था, प्रमुख जीविको पार्जक की मृत्यु और मातृत्व के मामले में सामाजिक सहायता के लिए एक राष्ट्रीय नीति शुरू की गई है। इस कार्यक्रम के तीन घटक हैं-
- राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
- राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना
- राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना विभिन्न संबंधित निकायों से प्राप्त सुझावों और राज्य सरकारों की प्रतिक्रिया के आधार पर 1998 में इन योजनाओं में आशिक संशोधन किया गया।
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम शत-प्रतिशत केंद्र द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऐसे लाभ के अतिरिक्त सामाजिक सहायता का न्यूनतम मानक सुनिश्चित करना है, जो राज्य पहले से दे रहे हैं अथवा भविष्य में प्रदान करेंगे। यह कार्यक्रम गरीबी उन्मूलन और बुनियादी आवश्यकताओं की व्यवस्था हेतु संचालित योजनाओं के साथ सामाजिक सहायता उपायों को जोड़ने के अवसर प्रदान करता है। विशेष रूप से वृद्धावस्यथा पेंशन को वृद्ध गरीबों के लिए चिकित्सा देखभाल और अन्य लाभों के साथ जोड़ा जा सकता है। ऐसेगरीब परिवारों, जिनका आजीविका कमाने वाला र्नही रहा हो, को परिवार लाभ योजना के अतिरिक्त स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के अंतर्गत भी सहायता दी जा सकती है। मातृत्व सहायता को जच्चा-बच्चा देखभाल कार्यक्रम से जोड़ा गया है।