दिल्ली विकास प्राधिकरण Delhi Development Authority
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की स्थापना दिल्ली के विकास को सुनिश्चित एवं प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली विकास अधिनियम 1957 के प्रावधानों के तहत् 1957 में की गई।
प्राधिकरण में एक अध्यक्ष (दिल्ली का उपराज्यपाल एक्सऑफिसियो अध्यक्ष होता है), केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक उपाध्यक्ष, एक वित्त एवं लेखा सदस्य, एक इंजीनियर, दिल्ली नगर निगम के दो चयनित प्रतिनिधि, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधानसभा के 3 प्रतिनिधि एवं केंद्र सरकार द्वारा नामित तीन अन्य सदस्य होते हैं।
प्राधिकरण का उद्देश्य योजनानुसार दिल्ली के विकास को सुनिश्चित एवं प्रोत्साहित करना है। इसके कार्य के लिए प्राधिकरण को किसी भूमि एवं संपत्ति को अधिगृहीत, रखने, रख-रखाव करने की शक्ति, भवन निर्माण, इंजीनियरिंग, खनन एवं कार्य करने की शक्ति, जलापूर्ति एवं विद्युत के संबंध में कार्य करने की शक्ति, सीवेज एवं अन्य सेवाओं एवं सुविधाओं को प्रदान करने की शक्ति एवं आमतौर पर कुछ भी जरूरी या महत्वपूर्ण कार्य करने की शक्ति जिससे दिल्ली के विकास का उद्देश्य पूरा होता है।