भातीय दंत परिषद् Dental Council of India – DCI
भातीय दंत परिषद् जो एक संविधिक निकाय है, का गठन दांत चिकित्सक, 1948 के अंतर्गत 12 अप्रैल, 1949 को किया गया। परिषद् का वित्त पोषण मुख्यतः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अनुदान द्वारा होता है और परिषद् की आय का अन्य स्रोत विभिन्न राज्य दंत परिषदों की शुल्क में एक-चौथाई हिस्सा है।
परिषद् का संगठन
- एक पंजीकृत दंत चिकित्सक
- भारतीय चिकित्सा परिषद् के सदस्यों में से चुना गया एक सदस्य
- राज्यों के दंत कॉलेजों के प्रिंसिपल, वाइसप्रिंसिपल, निदेशक, डीन में से चुने गए चार से अनधिक सदस्य
- राज्यों के मेडिकल कॉलेजों के दंत विभाग के अध्यक्ष
- प्रत्येक विश्वविद्यालय से एक सदस्य
- एक प्रतिनिधि सदस्य
- केंद्र सरकार द्वारा नामित 6 सदस्य; और
- एक्स ऑफिसियो स्वास्थ्य सेवाओं का महानिदेशक
परिषद् के कृत्य एवं दायित्व
- स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर दंत चिकित्सा के एकसमान मानकों का प्रबंधन करना।
- दंत चिकित्सकों के प्रशिक्षण, दंत स्वच्छता इत्यादि पर मानकों की अनुशंसित करना।
- अधिनियम के अंतर्गत परीक्षण के मानकों एवं अन्य आवश्यकताओं का प्रबंधन करना।