भारतीय चिकित्सा परिषद् Medical Council of India – MCI
चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान क्रियाविधि प्रशिक्षण प्रोत्साहन के मानक की निगरानी हेतु केंद्र ने नियामकीय निकाय की स्थापना की है। भारतीय चिकित्सा परिषद् की स्थापना एक विधायी संस्था के रूप में भारतीय चिकित्सा परिषद् अधिनियम, 1933 के अंतर्गत की गई, जिसे बाद में निरस्तकर भारतीय चिकित्सा परिषद् अधिनियम, 1956 (1956का 102) लाया गया। इसे 1964, 1993 और 2001 में पुनः संशोधित किया गया।
परिषद् का संगठन
- संघ क्षेत्र के अलावा प्रत्येक राज्य से एक सदस्य जिसे केंद्र सरकार सम्बद्ध राज्य सरकार से परामर्श कर नामित करती है।
- प्रत्येक विश्वविद्यालय से एक सदस्य।
- प्रत्येक राज्य से एक सदस्य जहां एक राज्य चिकित्सा रजिस्टर की व्यवस्था हो।
- उन व्यक्तियों में से जो किसी राज्य चिकित्सा रजिस्टर में नामांकित ही, सात सदस्यों का चयन किया जाएगा।
- केंद्र सरकार द्वारा आठ सदस्य नामित किए जाएंगे।
चिकित्सा परिषद् के कृत्य एवं उद्देश्य
- परास्नातक और उच्च स्तर पर चिकित्सा शिक्षा के मानक यूनिफॉर्म की देख-रेख
- भारतीय चिकित्सा रजिस्टर की देख-रेख
- चिकित्सा योग्यता के वास्तविक पहचान के मामले में विदेशी राष्ट्रों के साथ परस्पर निर्भरता
- बाहर जाने वाले चिकित्सकों के लिए चिन्हित चिकित्सा योग्यता, अतिरिक्त योग्यता का पंजीकरण तथा बेहतर प्रमाणपत्र के मामले में चिकित्सकों का स्थायी/अस्थायी पंजीकरण
- चिकित्सा शिक्षा चालू रखना
- चिकित्सा कॉलेजों को मान्यता देना
- मान्यता प्राप्त चिकित्सा योग्यता के साथ चिकित्सकों का पंजीकरण करना