मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि Intermediate-Range Nuclear Forces Treaty – INF Treaty
संयुक्त राज्य अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ ने मध्यम दूरी के परमाणु प्रक्षेपास्त्रों को समाप्त करने के लिये 8 दिसंबर, 1987 को मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि [Intermediate Range Nuclear Force (IRNF) Treaty] संधि पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता हथियार नियंत्रण पर छह वर्षों तक चली वार्ताओं का परिणाम था। 1989 की घटनाओं (जिनमें वारसा संधि की समाप्ति और सोवियत रूस का विघटन भी सम्मिलित हैं) के बाद आईआरएनएफ का सामरिक महत्व नगण्य हो गया है। वारसा संधि की समाप्ति के कारण मध्य यूरोप से सेनाओं का एकपक्षीय पलायन हो गया। अतः समुद्री प्रक्षेपास्त्रों तथा पेरोलिंग (Peroling) प्रक्षेपास्त्रों के फैलाव का कोई औचित्य नहीं रह गया। आईआरएनएफ का लक्ष्य इन्हीं प्रक्षेपास्त्रों पर नियंत्रण रखना था। फिर भी, गोर्बाचेव काल के तनाव शैथिल्य (detente) में एक संकेतक तथा ऑन-साइट (on-site) निरीक्षण प्रणाली के सुझाव की दिशा में इस संधि का कुछ महत्व है।