विवाचन का स्थायी न्यायालय Permanent Court of Arbitration – PCA
औपचारिक नाम: Cour Permanente d’Abitrage.
मुख्यालयः दि हेग (नीदरलैंड)
सदस्य संख्याः जनवरी 2014 के अनुसार, 115 सदस्य राष्ट्र
उत्पति
विवाचन के स्थायी न्यायालय की स्थापना प्रथम अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन (दि हेग) द्वारा 1899 में की गई।
उद्देश्य
इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय विवादों के विवाचन को सुगम बनाना है।
संरचना
इसमें एक प्रशासनिक परिषद एवं एक अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो शामिल है। यह न्यायालय अपनी प्रकृति में स्थायी नहीं है क्योंकि न्यायालय का निर्वाचन पंचों के एक स्थायी पैनल द्वारा किया जाता है। प्रत्येक सदस्य चार सदस्यों को नामांकित करता है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून में पारंगत होने के अलावा उच्च प्रतिष्ठित एवं कर्तव्य परायण होते हैं। लगभग 225 विवाचकों को छह वर्ष के लिए चुना जाता है। प्रशासनिक परिषद में राजनयिक प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इस परिषद का अध्यक्ष नीदरलैंड का विदेश मंत्री होता है। अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो कार्यकारी अंग है, जो संपर्ककर्ता एवं पंजीयक के रूप में कार्य करता है।
गतिविधियां
विवादों के समाधान में विवाचन के स्थायी न्यायालय की भूमिका काफी सीमित रही है। 1992 में न्यायालय द्वारा अपने संसाधनों को व्यापक लचीलापन एवं उपयोगिता प्रदान करने के लिए वैकल्पिक नियमों का एक नया सैट अंगीकार किया गया। 1993 में सदस्य राष्ट्र एवं गैर-पक्षीय राष्ट्र के मध्य विवादों को सुलझाने के लिए कुछ नये नियम स्वीकार किये गये। नये नियमों के तहत न्यायालय द्वारा अंतरसरकारी संगठनों एवं निजी निगमों के मध्य उपजे विवादों का समाधान किया जा सकता है। न्यायालय ने एक वित्तीय सहायता कोष की स्थापना की है, जो विकासशील देशों को अपने मामले न्यायालय के समक्ष लाने में आने वाली लागत सम्बंधी समस्याओं से निबटने में मदद करेगा।