विस्फोटक Explosive
विस्फोटक ऐसे पदार्थ होते हैं, जिनके दहन पर अत्यधिक ऊष्मा और तीव्र ध्वनि पैदा होती है। कुछ प्रमुख विस्फोटक निम्नलिखित हैं-
- आर० डी० एक्स० (R.D.X.): आर० डी० एक्स० का पूरा नाम रिसर्च एण्ड डेवलप्ड एक्सप्लोसिव (Research and Developed Explosive) है। इसका रासायनिक नाम साइक्लो ट्राइ मिथाइलीन ट्राईनाइट्रामाइन है। इसे प्लास्टिक विस्फोटक भी कहा जाता है। इस विस्फोटक को सं० रा० अ० में साइक्लोनाइट; जर्मनी में हेक्सीजन तथा इटली में टी-4 के नाम से जाना जाता है। इसमें प्लास्टिक पदार्थ जैसे पॉली ब्यूटाइन एक्रिलिक अम्ल या पॉलियूरेथेन की मिलाकर प्लास्टिक बान्डेड एक्सप्लोसिव (Plastic Bonded Explosive) बनाया जाता है। इसके एक रूप को सी-4 भी कहते हैं। यह एक प्रचंड विस्फोटक है तथा इसके तापमान व आग फैलाने की गति को बढ़ाने के लिये इसमें एल्युमिनियम चूर्ण मिलाया जाता है। प्लास्टिक विस्फोटक का प्रयोग अधिकांशतः आंतकवादी गिरोह किया करते हैं। आर० डी० एक्स० की विस्फोटक ऊष्मा 1510 किलो कैलोरी प्रति किग्रा० होती है। इस विस्फोटक की खोज 1899 में जर्मनी के हैनिंग ने शुद्ध सफेद दानेदार पाउडर के रूप में किया था।
- टी० एन० जी० (T.N.G.): ट्राइनाइट्रो ग्लिसरीन एक रंगहीन तैलीय द्रव है, जो डायनामाइट (dynamite) बनाने के काम आता है। इसे नोबल का तेल (Nobel’s oil) भी कहा जाता है। यह सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल व सान्द्र नाइट्रिक अम्ल की ग्लिसरीन के साथ क्रिया करके बनायी जाती है। इस विस्फोटक की खोज 1846 ई० में की गई थी।
- टी० एन० टी० (T.N.T.): इसका पूरा नाम ट्राइनाइट्रो टॉल्वीन (TrinitroToluene) है, जो कि सर्वाधिक प्रयोग में आने वाला एक विस्फोटक है। यह टॉल्वीन (C6H5CH3) के साथ सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल व सान्द्र नाइट्रिक अम्ल की क्रिया से बनाया जाता है। इस विस्फोटक की खोज 1863 में की गई थी, जबकि ब्रिटिश सेना में इसका प्रयोग 1914 में प्रारम्भ हुआ।
- डायनामाइट (Dynamite): डायनामाइट एक प्रकार का विस्फोटक है, जिसका आविष्कार अल्फ्रेड नोबेल ने 1863 ई० में किया था। यह नाइट्रोग्लिसरीन को किसी अक्रिय पदार्थ जैसे लकड़ी के बुरादे या कीजेलगूर (Kieselguhr) में अवशोषित करके बनाया जाता है। आधुनिक डायनामाइट में नाइट्रोग्लिसरीन की जगह सोडियम नाइट्रेट का प्रयोग किया जाता है। जिलेटिन डायनामाइट में नाइट्रो सेलुलोस की भी मात्रा उपस्थित रहती है।
- टी० एन० पी० (T.N.P): टी० एन० पी० का पूरा रूप ट्राइनाइट्रो फिनॉल (Trinitro Phenol) होता है। इसे पिक्रिक अम्ल (Picric acid) के नाम से भी जाना जाता है। यह फिनॉल के साथ सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल एवं सान्द्र नाइट्रिक अम्ल की प्रतिक्रिया से बनाया जाता है। यह भी एक प्रचण्ड विस्फोटक है।