श्यानता Viscosity

किसी द्रव या गैस की पर्त की दूसरी पर्त पर फिसलने पर उनके मध्य घर्षण बल लगता है, जो उनकी आपेक्षिक गति का विरोध करता है।

द्रव की प्रत्येक पर्त अपने नीचे वाली पर्त को आगे की ओर खींचना चाहती है, वे अपने ऊपर वाली पर्त को पीछे की ओर खींचना चाहती है। स्पष्ट है कि द्रव के विभिन्न पतों के बीच आन्तरिक स्पर्श-रेखीय बल (Internal Tangential Force) कार्य करते हैं, जो पताँ के बीच होने वाली आपेक्षिक गति को नष्ट करने का प्रयास करते हैं। इन बलों को श्यान बल कहते हैं। इस प्रकार किसी द्रव या गैस की दो क्रमागत पतों के बीच उनकी आपेक्षिक गति का विरोध करने वाले घर्षण बल को श्यान बल (viscous Force) कहते हैं।

अतः श्यानता द्रव का वह गुण है, जिसके कारण वह अपनी विभिन्न परतों में होने वाली आपेक्षिक गति का विरोध करता है। दैनिक जीवन में होने वाली अनेक घटनाओं में हमें श्यानता का प्रभाव देखने को मिलता है; जैसे जितनी तेजी से हम वायु में दौड़ सकते हैं, उतनी तेजी से जल में नहीं दौड़ सकते। इसका कारण यह है कि जल की श्यानता वायु से अधिक है।

श्यानता केवल द्रवों तथा गैसों का गुण है। द्रवों में श्यानता, अणुओं के मध्य लगने वाले संसंजक बलों के कारण होती है। जब द्रव की विभिन्न परतों के मध्य आपेक्षिक गति होती है, तो द्रव के अणुओं के बीच की दूरी बढ़ती है, जिसका संसंजक बल विरोध करता है, फलस्वरूप श्यानता की उत्पत्ति होती है। इसके विपरीत गैसों में श्यानता इसकी एक पर्त से दूसरी पर्त में अणुओं के स्थानान्तरण के कारण होती है। अतः गैसों में श्यानता, द्रवों की तुलना में बहुत कम होती है। ठोसों में श्यानता नहीं होती है, क्योंकि उसकी विभिन्न परतों में आपेक्षिक गति नहीं होती है।

श्यानता का दूसरा मतलब गाढ़ापन भी है। जो द्रव जितने अधिक गाढ़े होते हैं, वे उतने ही अधिक श्यान होते हैं। शहद और ग्लिसरीन की श्यानता पानी की तुलना में अधिक होती है। यदि एक बरतन में शहद एवं दूसरे बरतन में पानी लेकर बारी-बारी से हिलाकर छोड़ दें, तो शहद पानी की अपेक्षा जल्दी रुक जाता है। वायु की श्यानता के कारण ही बादल के कण बहुत धीरे-धीरे नीचे आ पाते हैं तथा बादल आकाश में तैरते प्रतीत होते हैं।

श्यानता पर ताप का प्रभाव

ताप बढ़ाने पर द्रव की श्यानता घट जाती है, परन्तु गैसों की बढ़ जाती है। एक आदर्श तरल की श्यानता शून्य होती है। व्यवहार में ऐसा द्रव असंभव है, परन्तु जल आदर्श द्रव के निकटतम है।


श्यानता गुणांक Coefficient of viscosity

किसी तरल की श्यानता को श्यानता गुणांक द्वारा मापा जाता है।

अतः किसी द्रव का श्यानता गुणांक उस द्रव के अन्दर एकांक क्षेत्रफल वाली दो परतों के बीच कार्य करने वाले श्यान बल के बराबर होती है, जब उन परतों के बीच एकांक वेग प्रवणता हो। श्यानता गुणांक का SI मात्रक डेकाप्वाइज (Decapoise) या प्वाइजली (Poiseuille-PI) है। इसे पास्कल सेकण्ड (Pa.s) भी कहते हैं। इसे प्रायः η (ईटा) द्वारा व्यक्त किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *