रेल बजट 2016-17 Railway Budget 2016-17
रेलवे योजना एवं निवेश संगठन की स्थापना की जाएगी, भारतीय रेल राष्ट्रीय रेल योजना-2030 विकसित करेगा
रेलमंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए हमारी योजना पद्धतियों में सुधार-सशक्तिकरण का शुभारंभ किया। श्री प्रभु ने कहा कि रेलवे योजना एवं निवेश संगठन विद्यमान अवसंरचना को विकसित करने और उसे अधिक मजबूत बनाने के लिए यह अत्यधिक उपयुक्त है कि उनके लिए निवेश की व्यवस्था अत्यधिक प्रभावशाली और पारदर्शी ढंग से की जानी चाहिए। इसके लिए रेल योजना एवं निवेश संगठन स्थापित किया जाएगा। इस संगठन का कार्य मध्यावधि (5 वर्ष) तथा दीर्घावधि (10 वर्ष) की कोरपोरेट योजनाओं की रूपरेखा तैयार करना और उसके आधार पर उन परियोजनाओं की पहचान करना है जो कोरपोरेट लक्ष्यों को पूरा करें। यह संगठन, स्वतंत्र रूप से बाजार के रूख और उसकी व्यावहारिकता का अध्ययन करेगा अथवा मानक कार्यविधि तथा अनुमानों के आधार पर विस्तृत परियोजना रिपोर्टों को तैयार करने में सहायता करेगा। इसके अलावा, यह चिह्नित परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण के अभिनव मैकेनिज्म का प्रस्ताव करेगा।
रेल मंत्री ने रेलवे नेटवर्क के विस्तार के लिए दीर्घावधि योजना परिदृश्य की व्यवस्था करने के लिए हमने राज्य सरकारों, जन-प्रतिनिधियों तथा अन्य संगत केन्द्रीय मंत्रालयों सहित सभी हितधारकों के परामर्श से ‘राष्ट्रीय रेल योजना’ (एनआरपी-2030) तैयार करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि एनआरपी-2030 में रेल नेटवर्क का परिवहन के अन्य साधनों में सामंजस्य स्थापित करने और उन्हें एकीकृत करने का प्रयास किया जाएगा ताकि देशभर में निर्बाध बहुआयामी परिवहन नेटवर्क का लक्ष्य हासिल करने के लिए सम्मिलित रूप से कार्य करने का वातावरण बने। इससे सुरंगों तथा मेगापुल के साथ-साथ नई रेल लाइनों और नए राजमार्गों को बिछाकर परिवहन नेटवर्क की एकीकृत योजना बनाने और लागत के इष्टतमीकरण का माननीय प्रधानमंत्री जी का विज़न भी हासिल होगा।
वृद्धों और दिव्यांगों की सहायता के लिए सारथी सेवा का विस्तार अन्य रेलवे स्टेशनों पर भी किया जाएगा, रेलवे स्टेशनों पर विश्रामालयों की घंटे के आधार पर बुकिंग, स्मार्ट सवारी डिब्बें शुरू किए जाएंगे
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए घोषणा की कि यात्रियों की सुविधा के लिए सभी परिचालनिक हॉल्ट स्टेशनों को वाणिज्यिक हॉल्ट में बदला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोंकण रेलवे में स्टेशनों पर वृद्धों और दिव्यांग यात्रियों की सहायता के लिए शुरू की गई सारथी सेवा का बहुत से और स्टेशनों पर विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्रियों के लिए उपलब्ध मौजूदा सेवाओं को सुदृढ़ किया जाएगा, जिनमें यात्री, मौजूदा पिक अप एंड ड्राप सेवा और व्हील चेयर सेवाओं के अलावा भुगतान आधार पर बैटरी चालित कारें, कुली सेवाएं आदि बुक कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि रेल यात्राओं के लिए बुकिंग करते समय वैकल्पिक यात्रा बीमा उपलब्ध कराने की दिशा में भारतीय रेल द्वारा बीमा कंपनियों के साथ काम कर रही है।
श्री प्रभु ने रेल यात्रियों की जरूरत को पूरा करने के लिए विश्रामालयों की बुकिंग मौजूदा न्यूनतम 12 घंटे के स्थान पर घंटे के आधार पर शुरू करने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विश्रामालयों को आईआरसीटीसी को सौंपा जाएगा, ताकि इनका पेशेवर तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।
श्री प्रभु ने कहा कि शिशुओं के साथ यात्रा करने वाली महिलाओं की कठिनाइयों को कम करने के लिए ट्रेन में बच्चों के लिए खानपान के पदार्थ उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा स्टेशनों पर शिशु आहार, गरम दूध और गर्म पानी उपलब्ध कराया जाएगा और गाड़ियों के शौचालयों में शिशुओं के लिए चेंजिंग बोर्ड भी मुहैया कराए जाएंगे।
रेल मंत्री ने कहा कि यात्रियों के आराम में वृद्धि करने की दृष्टि से, सवारी डिब्बों के डिजाइन और लेआउट में बदलाव करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि वहन क्षमता को बढ़ाया जा सके और ऑटोमेटिक दरवाजे, बार-कोड रीडर, बायो वैक्यूम टॉयलेट, वॉटर लेवल इंडिकेटर, कूड़ेदान की व्यवस्था, एर्गोनोमिक सीटें, बेहतर साज-सज्जा, वेंडिंग मशीनें, मनोरंजन स्क्रीन, विज्ञापन के लिए एलईडी लिट बोर्ड, पी ए सिस्टम और अन्य सुविधाओं सहित नई सुख-सुविधाओं की व्यवस्था हो। इन नए स्मार्ट (स्पेशली मॉडिफाइड इस्थेटिक रीफ्रेशिंग ट्रेवल) सवारी डिब्बों से हमारे ग्राहकों की बढ़ती आवश्यकताओं की पूर्ति होगी और उच्चतर वहन क्षमता के कारण परिचालन की यूनिट लागत की कमी भी सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि रेलवे की मंशा अजमेर, अमृतसर, बिहार शरीफ़, चेंगनूर, द्वारका, गया, हरिद्वार, मथुरा, नागपट्टनम, नांदेड़, नासिक, पाली, पारसनाथ, पुरी, तिरूपति, वेलंकन्नी, वाराणसी और वास्को जैसे धार्मिक महत्व के स्टेशनों के सौंदर्यीकरण तथा यात्रियों की सुविधाओं की व्यवस्था करने का का कार्य प्राथमिकता के आधार पर शुरू करने की है। उन्होंने कहा कि रेलवे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों को जोड़ने के लिए आस्था सर्किट गाड़ियां भी चलाना चाहता है।
श्री प्रभु ने राज्यों से अपील की कि वे आगे आएं और पीपीपी माध्यम से सैटलाइट टर्मिनल स्थापित करने में भागीदारी करें।
मुंबई उपनगरीय रेल प्रणाली के लिए दो नये गलियारे, दिल्ली में रिंग रेलवे प्रणाली की समीक्षा की जाएगी, बेंगलुरू और तिरूवंनतपुरम में उपनगरीय प्रणालियों का विकास किया जाएगा
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि मुंबई में उपनगरीय रेल प्रणाली के लिए चर्चगेट–विरार और सीएसटीएम-पनवेल खंडों के बीच दो नये गलियारों की योजना बनाई गई है। ये दोनों गलियारे ऐलीवेटिड होंगे और इनसे उपनगरीय गाडि़यों में भीड़-भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी। सीएसटीएम-पनवेल गलियारे को मेट्रो लाइनों के साथ छोड़ा जाएगा, ताकि उसे छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और प्रस्तावित नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ा जा सके। आगामी वित्त वर्ष में मुम्बई उपनगरीय स्टेशनों के निचली सतह के सभी प्लेटफार्मों की सतह को ऊँचा करना चाहते हैं ताकि इस वजह से यात्रियों की संरक्षा को होने वाले खतरे को दूर किया जा सके।
श्री प्रभु ने कहा कि कोलकाता में, जारी लगभग 100 किलोमीटर पर मेट्रो के निर्माण कार्य के पूर्ण हो जाने पर मौजूदा क्षमता चार गुनी हो जाएगी। रेल मंत्री ने कहा कि कि इस परियोजना के चरण-I का कार्य जून, 2018 में पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राज्य सरकार के साथ भागीदारी से 21 स्टेशनों वाली रिंग रेलवे प्रणाली की समीक्षा करने का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने निवेश का नया ढांचा तैयार करने का सुझाव दिया, जिसमें भारतीय रेल, परिचालन पर लागत की तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ इक्विटी अंशदान करेगी।
श्री प्रभु ने नया निवेश ढांचा लागू करते हुए अहमदाबाद, हैदराबाद और चेन्नई उपनगरीय रेल प्रणालियों के विकास का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि बेंगलुरू और तिरूवंनतपुरम के लिए एक व्यापक उपनगरीय प्रणाली की आवश्यकता है। उन्होंने उपनगरीय गाडि़यों में व्यस्त समय के दौरान भीड़-भाड़ को कम करने के लिए राज्य सरकारों से कार्यालय के काम के घंटों के लिए अलग-अलग समय रखने की अपील की।
इस वर्ष 100 स्टेशनों पर वाई-फाई सेवा प्रारंभ की जाएगी और अगले 2 वर्षो में 400 और स्टेशनों पर यह सुविधा उपलब्ध होगी।
रेलमंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए कहा कि रेलवे स्टेशनों पर विशेषकर युवा और कारोबारी यात्रियों के लिए वाई-फाई सेवाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 100 स्टेशनों पर और अगले 2 वर्षों में 400 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत गूगल के साथ साझेदारी का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) का एप्लीकेशन शुरु किया गया था। इससे रेलपथ निरीक्षण, निगरानी और अनुरक्षण के कार्यकलाप एक आईटी प्लेटफॉर्म पर आ गए हैं और एसएमएस. और ई-मेल के रूप में ऑटोमैटिक अलर्ट जारी किए जा रहे हैं। टीएमएस के इन्वेंटरी प्रबंधन मॉडयूल के परिणामस्वरूप इन्वेंटरी में 27,000 एमटी की कमी आई है, जिससे 64 करोड़ रु. की बचत हुई है और 53 करोड़ रुपए मूल्य के समकक्ष 22,000 एमटी स्क्रैप की पहचान हुई है। उन्होंने कहा कि 2016-17 के दौरान, संपूर्ण भारतीय रेल पर यह प्रणाली कार्यान्वित हो जाएगी।
टिकटिंग, शिकायत निवारण और अन्य समस्याओं के लिए अलग-अलग डिजिटल समाधानों के तहत दो मोबाइल ऐप होंगे। एक एप से टिकट संबंधी सभी कार्य किए जाएंगे और दूसरे से सभी सेवाओं से संबंधित शिकायतों के निवारण का प्रावधान होगा और सुझाव प्राप्त किए जाएंगे।
यात्री सुविधाओं में सुधार के लिए की गईं पहलें
रेलमंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए कहा कि भारतीय रेलवे की सभी पहलों में आम आदमी पर हमेशा ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक फीडबैक और शिकायत निवारण तंत्र के रूप में परिवर्तित किया गया है इससे ग्राहक की जरूरतों के प्रति भारतीय रेल की प्रत्युत्तरशीलता नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि यात्रियों से सीधे प्रतिक्रिया लेने के लिए एक समर्पित आई.वी.आर.एस. प्रणाली स्थापित की गई है। इसमें यात्रियों से जानकारी लेने के लिए प्रतिदिन 1 लाख से अधिक टेलीफोन किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन सब पूर्व उपायों से रेलवे ग्राहक को ‘मुखर’ करने में समर्थ हुआ है अब न सिर्फ उनकी शिकायत सुनी जाती है बल्कि उस पर कार्रवाई भी की जाती है। उन्होंने कहा कि इन चैनलों को न सिर्फ फीडबैक मांगने के लिए अपितु चिकित्सीय देखभाल, यात्रियों खासतौर पर महिलाओं की संरक्षा, और मानवीय देखभाल के अन्य पहलुओं को भी उपलब्ध कराने के लिए भी उपयोग किया जा रहा है। इन्होंने स्टेशनों पर और रेलगाड़ियों में स्वच्छता पर निगरानी रखने में भी मदद की है। श्री प्रभु ने कहा कि आम यात्रियों और रेलवे के बीच कोई अवरोधक नहीं है।
रेलगाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अनेक श्रृंखलावार उपायों का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि इसके लिए एमपीएलएडी और सीएसआर से निधि के माध्यम से सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि 124 संसद सदस्यों ने यात्री सुविधाओं के लिए अपना योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि लोकप्रिय मार्गों पर 884 सवारी डिब्बों का स्थायी आधार पर संवर्धन करके 65,000 से अधिक शायिकाओं का सृजन किया गया है। रेलवे स्टेशनों पर 2,500 वाटर वैंडिंग मशीनें लगाई हैं, सामान्य श्रेणी के सवारी डिब्बों में मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट दिए हैं, सभी नए गैर-वातानुकूलित सवारी डिब्बों में कूड़ेदान उपलब्ध कराए हैं, विश्रामगृहों की ऑनलाइन बुकिंग सक्षम बनाई गई है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ और स्वास्थ्यकर बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए मैकेनाइज्ड लांड्रियों को बढ़ाया है। श्री प्रभु ने बताया कि चुनिंदा स्टेशनों पर सभी श्रेणी के यात्रियों के लिए डिस्पोज़ेबल बिस्तर भी उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि आधुनिक साज-सज्जा वाले सवारी डिब्बों के साथ एक नई रेलगाड़ी, ‘महामना एक्सप्रेस’ का भी शुभारंभ किया गया है।
भारतीय रेल किराये से इतर स्रोतों से राजस्व बढ़ाएगी
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारतीय रेल किराये से इतर स्रोतों से प्राप्त होने वाले राजस्व में बढ़ोतरी करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किराए से इतर स्रोतों के जरिए 5 प्रतिशत से भी कम राजस्व अर्जित होता है और इसे अगले 5 वर्षों में बढ़ाकर 10 प्रतिशत की विश्व औसत तक लाया जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाये जाएंगे-
- स्टेशन पुनर्विकास: खाली भूमि और स्टेशन की इमारतों के ऊपर के स्थान के अधिकारों के वाणिज्यिक उपयोग के जरिए भूमि और इमारतों के मौद्रीकरण के लिए स्टेशनों के पुनर्विकास का एक बड़ा कार्यक्रम शुरू किया गया है।
- रेलपथ के आस-पास की भूमि का मौद्रीकरण: रेलवे द्वारा बागवानी तथा वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए रेल नेटवर्क के आस-पास उपलब्ध भूमि को पट्टे पर दिया जाएगा। इससे वंचित वर्गों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग आदि को रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, भोजन सुरक्षा में सुधार होगा। रेलवे भूमि पर अतिक्रमणों की भी रोकथाम होगी। इस ट्रैक का इस्तेमाल करके सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की संभावना की भी जांच की जाएगी।
- सॉफ्ट परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण: भारतीय रेलवे यात्री की प्राथमिकता, टिकटिंग के पैटर्न, जिंस, गाड़ी चालन तथा अन्य विभिन्न सेवाओं तथा परिचालनों से संबंधित संकलित डाटा का मौद्रीकरण डाटा करेगी। आईआरसीटीसी की वेबसाइट के बड़ी संख्या में इस्तेमाल के मद्देनजर इस साइट पर भी ई-कामर्स गतिविधियों का लाभ प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध हो जाते हैं।
- विज्ञापन: भारतीय रेलवे द्वारा अपनी विशाल भौतिक और प्राकृतिक अवसंरचना का विज्ञापन के माध्यम से वाणिज्यिक उपयोग किया जाएगा। स्टेशनों, गाडि़यों और बड़े स्टेशनों के रेलपथ के आस-पास की भूमि पर विज्ञापन संबंधी संभावनाओं का इस्तेमाल करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- पार्सल व्यवसाय को ओवरहॉल करना: रेलवे किराये से इतर राजस्व के स्रोतों में वृद्धि करने के लिए अपनी वर्तमान पार्सल नीतियों को उदार बनाएगा। वह अपनी सेवाओं की पेशकश के दायरे, खासतौर पर ई-कामर्स जैसे उदयीमान क्षेत्र में सेवाओं के दायरे की पेशकश को बढ़ायेगा।
- विनिर्माण कार्यकलापों से राजस्व: रेलवे घरेलू तथा अन्तरराष्ट्रीय बाजार में अर्थपूर्ण भागीदार बनने के लिए उत्पादकता बढ़ाने और बेहतर विनिर्माण पद्धतियां अपनाने पर ध्यान केन्द्रित करेगा। इसका 2020 तक लगभग 4,000 करोड़ रुपए तक वार्षिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य है।
भारतीय रेलवे अपने समस्त कामकाज में 100 प्रतिशत पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा है कि पारदर्शिता इस सरकार का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेल का मिशन अपने समस्त कामकाज में 100 प्रतिशत पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने 2015-16 में ऑनलाइन भर्ती करने की प्रक्रिया प्रारंभ की थी और अब सभी पदों के लिए इस प्रकिया को अपनाया जा रहा है। रेलवे के दिन-प्रतिदिन के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल एक साधन के रूप में किया जा रहा है। निर्माण कार्यों के लिए खरीद सहित सभी प्रकार की खरीद ई-प्लेटफॉर्म पर की जा रही है। मंत्री महोदय ने कहा कि रेलवे कागज रहित प्रबंधन व्यवस्था को अपनाकर एक नए जमाने को लाना चाहती है, जिसमें न केवल बोलियां ऑनलाइन आमंत्रित की जाएंगी, बल्कि एक निविदा दिए जाने तक की समस्त प्रक्रिया भी इलेक्ट्रॉनिक विधि से संपन्न की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए परीक्षण संचालन पूरा कर लिया गया है और रेलवे अगले वित्त वर्ष के दौरान इसे देश भर में अपनाना चाहती है।
रेल मंत्री ने कहा कि कार्यात्मक स्तर पर सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने निविदा और प्राक्कलन संबंधी सभी अधिकार क्षेत्रीय रेलों को हस्तांतरित कर दिए हैं। उपर्युक्त निर्णय के फलस्वरूप रेलवे यह सुनिश्चित करने में समर्थ हुई है कि परियोजनाएं 6-8 माह की अवधि के अंदर ही स्वीकृत हो जाएं, जबकि पहले इस प्रक्रिया में 2 साल से भी अधिक समय लग जाया करता था। उन्होंने कहा कि अधिक अधिकारों के हस्तांतरण से अधिक जवाबदेही आती है और इस नई संस्कृति को स्थापित करने हेतु महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों के लिए मुख्य परिणाम क्षेत्रों (केआरए) को परिभाषित किया गया है। ये क्षेत्र स्पष्ट रूप से उन पैमानों को तय कर देते हैं, जिनके आधार पर अधिकारियों का मूल्यांकन किया जाएगा। इससे कार्यप्रदर्शन के मूल्यांकन में वस्तुनिष्ठता और मध्यावधि सुधार सुनिश्चित होंगे। मंत्री महोदय ने कहा कि कुछ क्षेत्रीय रेलों के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिनमें कार्यप्रदर्शन संबंधी पैमानों के बारे में परिमाणात्मक लक्ष्य स्पष्ट रूप से निर्धारित थे। इससे इन क्षेत्रीय रेलों की ओर से निर्दिष्ट लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सुदृढ़ प्रतिबद्धता सुनिश्चित हुई। उन्होंने कहा कि अगले साल सभी क्षेत्रीय रेलों के लिए इस पर अमल किया जाएगा।
मंत्री महोदय ने कहा कि रेलवे ने अपनी कार्य प्रणालियों में कुशलता लाने के लिए अपनी आंतरिक लेखा प्रणालियों का भी पुनर्गठन किया है। विशेषज्ञता प्राप्त टीमों को निर्दिष्ट क्षेत्रों में रेलवे के कामकाज की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि अक्षमता का पता लगाया जा सके और अपव्यय को रोका जा सके। सभी क्षेत्रीय रेलों को वर्तमान वर्ष में ऐसी दो रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। आईटी आधारित आंतरिक ऑडिट व्यवस्था पर विशिष्ट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं, ताकि आंतरिक ऑडिट टीमों की व्यावसायिक कुशलता बढ़ाई जा सके।
ई-खान पान सेवाओं को ए-1 श्रेणी और ए श्रेणी के 408 स्टेशनों तक बढ़ाया जाएगा यात्रियों की पसंद के स्थानीय व्यंजन उपलब्ध कराए जाएंगे।
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि आईआरसीटीसी खानपान सेवाओं को चरणबद्ध आधार पर शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी भोजन तैयार करने और भोजन वितरित करने में खानपान सेवाओं में सुधार करेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल, गाड़ियों में वैकल्पिक खानपान सेवाएं शुरू करने के लिए संभावनाओं का पता लगाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रियों के लिए स्थानीय व्यंजन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि ई-खानपान सेवाएं ए-1 श्रेणी और ए श्रेणी के 408 स्टेशनों तक बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि गाड़ियों में ताजा और स्वच्छ भोजन सुनिश्चित करने के लिए आईआरसीटीसी द्वारा परिचालित, मशीनीकृत और उन्नत 10 अन्य बेस किचन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी स्टेशनों पर मौजूदा एकल उद्देश्य स्टॉलों के स्थान पर बहु-उद्देशीय स्टालों की नई नीति शुरू की जाएगी।
रेल मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला और दिव्यांग के लिए खानपान इकाइयों में आरक्षण लागू करने का प्रस्ताव किया गया है। स्थानीय स्वामित्व और सशक्तिकरण के लिए श्री प्रभु ने स्टेशनों पर जिला निवासियों को वाणिज्यिक लाइसेंस देने में प्राथमिकता देने की प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रेल ग्राहकों को कुल्हड़ में चाय देने के विकल्प की व्यवहार्यता का पता लगा रही है।
समर्पित माल गलियारा परियोजना को उच्च प्राथमिकता दी जाएगी
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा है कि समर्पित माल गलियारा परियोजना, जो देश की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना है, गति पकड़ रही है। संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि निम्नलिखित माल गलियारों (फ्रेट कॉरिडोर) यथा दिल्ली को चेन्नई से जोड़ने वाले उत्तर-दक्षिण, खड़गपुर से मुंबई को जोड़ने वाले पूर्व-पश्चिम और खड़गपुर से विजयवाड़ा को जोड़ने वाले पूर्वी तट गलियारों को शुरू करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को उच्च प्राथमिकता प्रदान किए जाने का प्रस्ताव है, ताकि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) सहित अभिनव वित्तपोषण व्यवस्था के जरिए इन परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार करने, ठेके देने और समयबद्ध तरीके से इनका क्रियान्वयन करना संभव हो सके। चालू वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले सिविल इंजीनियरी निर्माण कार्यों से जुड़े लगभग सभी ठेके दिए जा चुके होंगे। श्री प्रभु ने कहा कि उनके द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद से लेकर अब तक 24,000 करोड़ रुपये मूल्य के ठेके दिए जा चुके हैं, जबकि पिछले 6 वर्षों में 13,000 करोड़ रुपये मूल्य के ठेके दिए गए थे।
मंत्री महोदय ने कहा कि माल यातायात व्यवसाय के तीव्र विस्तार पर विशेष बल को देखते हुए सवंर्धित यातायात के लिए कई और समर्पित माल गलियारों का निर्माण करना आवश्यक है जो अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए भी हितकारी साबित होंगे।
रेलवे के विद्युतीकरण के लिए परिव्यय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी
वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए कहा कि बिजली कर्षण अधिक पर्यावरण हितैषी होने के अलावा अधिक किफायती भी है। सामान्य कामकाज की रीति के अनुसार ही चलने पर आवश्यक विद्युतीकरण पूरा करने में 10 से 15 साल लग सकते हैं, अत: इसके मद्देनजर सरकार ने इसे आगामी कुछ वर्षों में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे वित्तपोषण और परियोजना प्रबंधन की अभिनव विधियों से इस प्रक्रिया में कई गुना तेजी लाएगी, जिसमें विद्युत मंत्रालय के साथ भागीदारी करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकारी राजकोष पर दबाव कम करने के लिए सरकार एक बुनियादी ढांचा तैयार करेगी, जिसके अंतर्गत विद्युतीकरण से होने वाली शुद्ध बचत से पूंजीगत व्यय का वित्तपोषण हो सकेगा। इस साल भारतीय रेलवे 1,600 किलोमीटर को चालू करना चाहती है, जो अभी तक का सर्वाधिक है। अगले वित्त वर्ष के लिए रेलवे ने रेल विद्युतीकरण हेतु परिव्यय को लगभग 50 प्रतिशत बढ़ाया है और इसके साथ ही रेलवे ने 2,000 किलोमीटर का विद्युतीकरण करने का प्रस्ताव किया है।
पूर्वोत्तर और जम्मू–कश्मीर के लिए बेहतर रेल कनेक्टिविटी
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा है कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी (संपर्क व्यवस्था) भारतीय रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने असम में बड़ी लाइन पर चिर-प्रतीक्षित लमडिंग-सिलचर खंड को खोल दिया है और इस प्रकार बराक घाटी को शेष देश के साथ जोड़ दिया गया है। इसने त्रिपुरा की राजधानी अगरतला को भी बड़ी लाइन वाले नेटवर्क पर ला दिया है। उन्होंने कहा कि कटखल-भैराबी और अरुणाचल-जीरीबाम की आमान परिवर्तन परियोजनाओं के कार्यान्वयन के साथ ही मिजोरम और मणिपुर राज्य भी देश के बड़ी लाइन वाले मानचित्र पर आ जाएंगे।
मंत्री महोदय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कठिन भूभाग और अनिश्चित भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के कटरा-बनिहाल खंड पर कामकाज संतोषजनक ढंग से प्रगति पर है और कुल 95 किलोमीटर में से 35 किलोमीटर सुरंग कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि जालंधर-जम्मू लाइन, जो इस घाटी के लिए एक महत्वूपर्ण लिंक है, का संकुलन दूर करने के लिए कार्य पूरी तेजी से चल रहा है। श्री सुरेश प्रभु ने यह भी कहा कि दो पुलों का दोहरीकरण मार्च 2016 तक पूरा हो जाएगा, जबकि दो अन्य पुलों को 2016-17 तक पूरा कर लिया जाएगा।
‘रेलवे विजन 2020’ आम आदमी की लंबे समय से चली आ रही आशाओं को पूरा करेगा
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा है कि वर्ष 2020 तक भारतीय रेलवे आम आदमी की लंबे समय से चली आ रही आशाओं को पूरा कर सकेगी, जिनमें गाडि़यों में मांग के अनुसार आरक्षण उपलब्ध होना, विश्वसनीय सेवा प्रतिबद्धता के साथ माल गाडि़यों को समय-सारणी के अनुसार चलाना, संरक्षा रिकॉर्ड में उल्लेखनीय सुधार के लिए उच्चस्तरीय तकनीक, बिना चौकीदार वाले सभी समपारों को समाप्त करना, समय पालन को बढ़ाकर लगभग 95 प्रतिशत तक पहुंचाना, मालगाडि़यों की औसत गति को 50 किलोमीटर प्रति घंटे एवं मेल/एक्सप्रेस गाडि़यों की औसत गति को 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाना, स्वर्णिम चतुर्भुज पर सेमी हाई स्पीड गाडि़यां चलाना और गाडि़यों से मल-मूत्र के सीधे डिस्चार्ज को समाप्त करना शामिल हैं।
संसद में रेल बजट 2016-17 पेश करते वक्त अपने विजन का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि रेलवे को भारत के नागरिकों को एक ऐसी रेल सेवा मुहैया करानी चाहिए जिस पर वे गर्व कर सकें- ऐसी सेवा जो सीमित क्षमता और गति के अवरोधों से मुक्त हो, ऐसी सेवा जो कुशल और लोगों की आकांक्षाओं पर खरी उतरने वाली हो, ऐसी सेवा जो शानदार एवं यादगार हो, जहां इस देश के लोग आराम महसूस करें, जहां कार्यकलाप के प्रत्येक क्षेत्र में अनेक विकल्प हों और समूची रेलवे प्रणाली में आसानी से कामकाज सुनिश्चित हो अर्थात् ऐसी प्रणाली जो अपनी वित्तीय और अन्य जरूरतें पूरी करने में सक्षम हो।
मंत्री महोदय ने कहा कि वह डॉ. विवेक देबरॉय की अध्यक्षता वाली समिति सहित विभिन्न समितियों के आभारी हैं, जिनकी सिफारिशें हमारे विजन का आधार रही हैं।
दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों और महिला यात्रियों के लिए सुविधाएं
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि भारतीय रेल दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिकों और महिला यात्रियों के प्रति अपने सामाजिक दायित्य का निर्वाह कर रही है। संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए ऑन-लाइन टिकट बुक करते समय छूट लेने के वास्ते एक बार पंजीकरण करवाने और व्हील चेअर तथा ब्रेल लिपि वाले नये कोचों की ऑन-लाइन बुकिंग की शुरूआत की गई है।
उन्होंने कहा कि डिब्बों में वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए नीचे की बर्थ का आरक्षण बढ़ाया गया है। आगामी वित्त वर्ष में, रेलवे प्रत्येक सवारी डिब्बे में वरिष्ठ नागरिकों के आरक्षण को 50% बढ़ा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप प्रत्येक रेलगाड़ी में वरिष्ठ नागरिकों के लिए लगभग 120 नीचे की बर्थ उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए बीच की बर्थ उनके लिए आरक्षित की जाएंगी।
समय-सारणी के अनुरूप फ्रेट/कंटेनर/पार्सल ट्रेन इसी साल चलाई जाएगी
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने माल ढुलाई में भारतीय रेल के घटते हिस्से की समस्या के निराकरण के लिए तीन समाधान पेश किए हैं– भारतीय रेल द्वारा लदान की जा रही सामग्री को बढ़ाना, दर संरचना को युक्तिसंगत बनाना और टर्मिनल क्षमता का निर्माण करना।
भारतीय रेल के माल यातायात में 10 थोक कमोडिटी (पण्य) की प्रधानता है, जिनका हिस्सा लगभग 88 प्रतिशत है। अपने राजस्व आधार का विस्तार करने के लिए भारतीय रेलवे को इससे आगे बढ़ने की जरूरत है। एक परिपूर्ण बाजार का अध्ययन किया जा रहा है और विस्तृत मांग एवं आपूर्ति परिदृश्य, सेवा स्तर और अवसंरचनात्मक आवश्यकताओं का आकलन किया जाएगा, ताकि या तो कंटेनरीकरण के जरिए इस यातायात को वापस प्राप्त करने के लिए एक कार्य योजना बनाई जा सके या तो इसके लिए नए डिलीवरी मॉडल अर्थात रॉल ऑन-रॉल ऑफ आदि को विकसित किया जा सके और फिर इसका कार्यान्वयन किया जा सके।
नेटवर्क क्षमता की सीमाओं के कारण फिलहाल समय-सारणीबद्ध मालगाडि़यां चलाना संभव नहीं हो पा रहा है, लेकिन इस वर्ष से पॉयलट आधार पर समय-सारणीबद्ध फ्रेट–कंटेनर, पार्सल और विशेष कमोडिटी वाली गाडि़यां चलाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि कोयला और विनिर्दिष्ट खनिज अयस्कों को छोड़कर समस्त यातायात के लिए कंटेनर सेक्टर को खोल दिया जाएगा और गैर-व्यस्त अवधि के दौरान आंशिक रूप से भरी हुए गाडि़यां चलाने की अनुमति दी जाएगी। सभी मौजूदा टर्मिनलों/शेडों, जहां कहीं भी व्यावहारिक पाया जाए, को कंटेनर यातायात की अनुमति प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेल की मौजूदा भाड़ा संरचना से माल यातायात बाजार में अन्य सेवाओं के मुकाबले इसकी सेवाएं महंगी हो गई हैं। यातायात के अन्य साधनों के मुकाबले एक प्रतिस्पर्धी भाड़ा संरचना तैयार करने, मल्टी-प्वाइंट लदान/उतराई और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग बढ़ाने हेतु भिन्न-भिन्न भाड़ा दरें लागू करने के लिए टैरिफ नीति की समीक्षा की जाएगी।
सभी स्टेशनों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाया जाएगा
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि सुगम्य भारत अभियान के उद्देश्य का अनुसरण करते हुए भारतीय रेल पुन: विकसित किए जा रहे सभी स्टेशनों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष के दौरान ए1 श्रेणी के स्टेशन के प्रत्येक प्लेटफार्म पर दिव्यांगों के लिए कम-से-कम एक शौचालय का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने दिव्यांगों के लिए ऑन-लाइन टिकट बुक करते समय छूट लेने के वास्ते एक बार पंजीकरण करवाने की घोषणा की। दिव्यांगों के लिए व्हील चेअर और ब्रेल लिपि वाले नये कोचों की ऑन-लाइन बुकिंग भी शुरू की जाएगी। उन्होंने डिब्बों में वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए नीचे की बर्थ का आरक्षण बढ़ाने और बीच की बर्थ महिलाओं के लिए आरक्षित करने की भी घोषणा की।
देश के आयात और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रेलवे का पोर्ट कनेक्टिविटी पर विशेष जोर
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा है कि देश के आयात और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्बाध लॉजिस्टिक्स सुनिश्चित करने हेतु पोर्ट कनेक्टिविटी (बंदरगाह संपर्क व्यवस्था) एक महत्वपूर्ण घटक है। संसद में रेल बजट 2016-17 पेश करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल रेलवे ने एक तटीय कनेक्टिविटी कार्यक्रम शुरू किया था और इस साल टूना बंदरगाह को खोल दिया गया तथा जयगढ़, दीघी, रेवास एवं पारादीप बंदरगाहों के लिए रेल कनेक्टिविटी परियोजनाओं का क्रियान्वयन जारी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 के लिए भारतीय रेलवे ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के अंतर्गत नारगोल और हाजिरा बंदरगाहों के लिए रेल कनेक्टिविटी के क्रियान्वयन का प्रस्ताव किया है। रेल मंत्री ने कहा कि 7,517 किलोमीटर लंबी तट रेखा पर हमारे बंदरगाहों तक कनेक्टिविटी मुहैया कराने की तात्कालिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए रेलवे भागीदारी संबंधी किसी भी पेशकश पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी।
अनारक्षित यात्रियों के लिए अंत्योदय एक्सप्रेस और दीन दयालु डिब्बे चलाए जाएंगे आरक्षित यात्रियों के लिए हमसफर, तेजस और उदय रेल सेवाएं शुरू की जाएंगी
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए आम आदमी के लिए लंबी दूरी की पूर्णतया अनारक्षित सुपरफास्ट रेलगाड़ी- ‘अंत्योदय एक्सप्रेस’ चलाने का प्रस्ताव किया, जो व्यस्ततम मार्गों पर चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अनारक्षित यात्रा के लिए कुछ लंबी दूरी की रेलगाड़ियों में दो से चार दीन दयालु डिब्बे भी लगाए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग यात्रा कर सकें। इन डिब्बों में पीने के पानी की सुविधा और अधिक संख्या में मोबाइल चार्जिंग पाइंट होंगे।
श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि ‘हमसफ़र’ और ‘तेजस’ रेलगाडि़यां किराया दरसूची और गैर-किराया दरसूची उपायों के माध्यम से लागत वसूली सुनिश्चित करेंगी। ‘हमसफ़र’ पूर्णतया वातानुकूलित तृतीय एसी श्रेणी की होगी, जिसमें भोजन की व्यवस्था वैकल्पिक होगी। दूसरी ओर, ‘तेजस’ देश में भावी रेल यात्राओं की रूपरेखा दर्शाएगी। उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए 130 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक गति से चलने वाली इस रेलगाड़ी में मनोरंजन, स्थानीय भोजन, वाई-फाई जैसी सेवाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि सबसे व्यस्त मार्गों पर रात्रिकालीन डबल डेकर, उत्कृष्ट एयर कंडीशन्ड यात्री (उदय) सेवा भी शुरु की जाएगी, जिससे लगभग 40% अधिक लोग यात्रा कर पाएंगे।
रेलवे के 5 अस्पतालों में शुरू होगी आयुष चिकित्सा प्रणाली, गैंगमैनों को मुहैया कराये जाएंगे ‘रक्षक’ उपकरण
हर साल इंजीनियरिंग और एमबीए स्कूलों के 100 विद्यार्थियों को 2 से 6 महीने के लिए इंटर्नशिप, नीतिगत क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देने के लिए होगी 2 पीठों की स्थापना
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट में पेश करते हुए मानव संसाधन और कौशल विकास की दिशा में कई कदम उठाने की घोषणाएं कीं। रेलवे के नए कदमों के तहत इसके सभी गैंगमैनों को ‘रक्षक’ उपकरण दिया जाएगा। वायरलैस समर्थित यह उपकरण उन्हें आने वाली गाड़ियों के बारे में सूचना देगा। रेलवे रक्षकों द्वारा पैदल पैट्रोलिंग के समय ढोए जाने वाले औजारों का भार भी कम करेगा। साथ ही लोको पायलटों के लिए कैब में प्रसाधन (शौचालय और नहाने आदि की सुविधाएं) और एयर कंडीशन (वातानुकुलन) की व्यवस्था करेगा।
रेलवे अपने अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों के बीच आदान-प्रदान सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से समझौता करेगा। साथ ही पांच रेलवे अस्पतालों में आयुष प्रणाली शुरू की जाएगी।
मानव संसाधन के बेहतर इस्तेमाल और कौशल विकास के लिए रेलवे हर साल इंजीनियरिंग और एमबीए स्कूलों के 100 छात्रों को 2 से 6 महीने के लिए इंटर्नशिप देगा। रेल कारखाने उत्पादन इकाइयों में कौशल विकास के लिए बेरहतीन केंद्र शुरू किए जाएंगे। साथ ही रेलवे कर्मियों के आश्रितों सहित दूरस्थ क्षेत्रों प्रतिष्ठित एनजीओ के साथ मिल कर काम करेगा।
रेलवे महत्वपूर्ण नीतिगत क्षेत्रों के लिए दो पीठों की स्थापना करेगा। इसमें से एक सी टी वेणुगोपाल पीठ रणनीतिक वित्त, शोध और नीति विकास और दूसरा कल्पना चावला पीठ जीयो स्पेटल प्रौद्योगिकी से संबंधित होगी।
रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन के पक्ष में है भारतीय रेलवे
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में रेल बजट 2016-17 पेश करते हुए रेलवे में संगठनात्मक पुनर्संरचना की घोषणा की। रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल के विभिन्न कार्यात्मक अंगों में समन्वय के अभाव और व्यावसायिक सोच की कमी के कारण यह उन ऊंचाइयों को हासिल नहीं कर सकी, जिन्हें हासिल करने में यह सक्षम है। एक साझा कॉरपोरेट लक्ष्य प्राप्त करने के लिए इस संगठन की कार्यप्रणाली को पुनः निर्धारित करना ही एकमात्र समाधान है। इस प्रयोजन के लिए रेल मंत्री ने रेलवे बोर्ड का व्यावसायिक तरीके से पुनर्गठन करने और इस संगठन का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करने के लिए अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड को समुचित अधिकार प्रदान करने का प्रस्ताव किया है।
मंत्री महोदय ने कहा कि इस दिशा में पहले कदम के रूप में किराए से इतर राजस्व, गति बढ़ाने, चालन शक्ति और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर ध्यान देने के लिए रेलवे बोर्ड के भीतर क्रॉस फंक्शनल निदेशालयों की स्थापना की जाएगी। अधिकारियों की नई भर्ती के लिए भारतीय रेलवे संवर्गों के एकीकरण की संभावना का पता लगाएगी।
पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बेहतर संपर्क व्यवस्था रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता – श्री सुरेश प्रभु
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए बेहतर संपर्क व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि असम में चिर-प्रतीक्षित बड़ी लाइन पर लमडिंग-सिलचर खंड को खोलकर बराक घाटी को शेष देश के साथ जोड़ दिया गया है। श्री प्रभु ने कहा कि त्रिपुरा की राजधानी, अगरतला को भी बड़ी लाइन नेटवर्क पर लाया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कटखल-भैराबी और अरुणाचल-जीरीबाम की आमान परिवर्तन परियोजनाएं जल्दी ही खोल दिए जाने पर मिजोरम और मणिपुर भी देश के बड़ी लाइन मानचित्र पर आ जाएंगे।
‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत दो रेल इंजन कारखाने लगाने के लिए बोलियों को अंतिम रूप दिया गया
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा है कि ‘मेक इन इंडिया’ पर प्रधानमंत्री के विशेष जोर को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे लगभग 40,000 करोड़ रुपये की आर्डर बुक (क्रयादेश बही) के साथ दो रेल इंजन कारखाने लगाने के लिए बोलियों को अंतिम रूप देने में समर्थ हुई है। उन्होंने कहा कि बोली प्रक्रिया पूर्णतया पारदर्शी थी और प्राप्त हुई दरें अत्यंत प्रतिस्पर्धात्मक थीं। संसद में रेल बजट 2016-17 पेश करते हुए उन्होंने कहा कि ये कारखाने अनेक फलती-फूलती लघु और मझौली अनुषंगी इकाइयों के एक पारिस्थितिकी तंत्र की रचना करेंगे, जो ग्लोबल सप्लाई चेन के साथ जुड़ जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि इससे समूचे पूर्वी क्षेत्र में रोजगार संभावनाओं में काफी वृद्धि होगी। श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे ने इसके बाद ‘राजधानी’ और ‘शताब्दी’ की सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले रेलगाड़ी सेटों के विनिर्माण, आपूर्ति और अनुरक्षण हेतु समान बोली प्रक्रिया आरंभ की है। वर्तमान खरीद को 30 प्रतिशत बढ़ाए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
पत्रकारों के लिए रियायती पासों पर टिकटों की ई-बुकिंग शुरू की जाएगी कम दूरी के यात्रियों के लिए हैंड हैल्डक टर्मिनलों से टिकटों की बुकिंग
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुजत करते हुए कहा कि भारतीय रेल उपनगरीय और कम दूरी के यात्रियों के लिए हैंड हैल्डी टर्मिनलों के जरिए टिकटों की बिक्री शुरू करना चाहती है। इससे कम से कम बुनियादी ढांचे के साथ कई टिकट बिक्री स्थल तैयार किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल टिकट वेंडिंग मशीनों के जरिए प्ले्टफार्म टिकटों की बिक्री भी शुरू करना चाहती है, जिसमें नकद राशि के अलावा क्रेडिट/डेबिट कार्डों से भी भुगतान किया जा सकता है।
श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने अगले 3 महीने में विदेशी पर्यटकों और प्रवासी भारतीयों के लिए विदेशी डेबिट/क्रेडिट कार्डों से ई-टिकटिंग सुविधा शुरू करने की भी घोषणा की। उन्होंने पत्रकारों को रियायती पासों पर टिकटों की ई-बुकिंग की सुविधा दिए जाने की भी घोषणा की।
श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने हेल्पलाइन 139 पर यात्रियों को पंजीकृत फोन नंबर पर भेजे गए ‘वन टाइम पासवर्ड’ का उपयोग करते हुए टिकट रद्द कराने के जरिए पीआरएस टिकटों को रद्द कराने की नई प्रक्रिया का भी प्रस्ताव किया। बगैर टिकट यात्रा की समस्या से निपटने के लिए प्रमुख स्टेशनों पर पायलट आधार पर बार कोड वाली टिकटें, स्कैकनर और एक्सेनस कंट्रोल शुरू किये जाएंगे और यात्रियों के लिए निर्बाध यात्रा सुनिश्चित की जाएगी।
सुबह के घंटों के दौरान, सेवाओं में सुधार के लिए तत्कालीन काउंटरों पर सीसीटीवी कवरेज की योजना बनाई जा रही है। पीआरएस वेबसाइट की सुरक्षा विशेषताओं के आवधिक रूप से थर्ड पार्टी ऑडिट और प्रमाणन की व्यवस्था करने की भी योजना तैयार की जा रही है।
अक्तूबर 2015 में शुरू की गई विकल्पी (वैकल्पिक गाड़ी एकोमोडेशन प्रणाली) योजना का विस्तार किया जाएगा, ताकि प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को निर्दिष्ट गाड़ियों में पसंद का स्थान प्रदान किया जा सके।
पिछले साल घोषित ‘ऑपरेशन पांच मिनट‘ का अनुसरण करते हुए रेल मंत्री ने 1,780 आटोमैटिक टिकट वैंडिंग मशीनें, मोबाइल एप्स और गो इंडिया स्मार्ट कार्ड की शुरूआत की। गो इंडिया स्माकर्ट कार्ड से यूटीएस और पीआरएस टिकट बिना नकद भुगतान के खरीद सकते हैं। अनारक्षित और प्लेाटफार्म टिकटें खरीदने के लिए मोबाइल एप शुरू किये गये हैं। ई-टिकटिंग मशीनों की क्षमता को 2000 टिकट प्रति मिनट से बढ़ाकर 7,200 टिकट प्रति मिनट की गई है। इससे एक ही समय पर 1,20,000 उपभोक्ता, इसका उपयोग कर सकते हैं जबकि पहले केवल 40,000 ही कर पाते थे।
भारतीय रेल पर्यटक सर्किट में ट्रेनें चलाने के लिए राज्य सरकारों के साथ करेगी भागीदारी
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट में पेश करते हुए कहा कि पर्यटन में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। लिहाजा रेलवे पर्यटक सर्किट ट्रेनें चलाने के लिए राज्य सरकारों से भागीदारी करेगा और राजस्व की भागीदारी की संभावनाओं का पता लगाएगा। भारतीय रेल ने हाल ही में राष्ट्रीय रेल संग्रहालय को अपग्रेड किया है। रेलवे का अपने संग्रहालयों और यूनेस्को विश्व धरोहर रेलों के जरिये पर्यटन को बढ़ावा देने पर विशेष जोर होगा।
उन्होंने कहा कि देश की संपन्न जीव विविधता एवं वन्यजीव, अतुल्य भारत अभियान का एक मुख्य आधार है। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे ने देश में खास कर पूर्वोत्तर में हाथियों की दुर्घटनाओं के मामले में कमी करने के लिए एक परियोजना शुरू की थी। इस साल रेलवे अपने राष्ट्रीय पशु बाघ के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ वाले वन्यजीव उद्यान को जोड़ते हुए एक पूरे पैकेज का प्रस्ताव देगा। जिसमें गाड़ी यात्रा, सफारी और आवास शामिल होगा।
आईआरसीटीसी ने कैंटरिंग और कुकिंग सेवा मुहैया कराने के लिए स्वयं सहायता समूहों के पैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू की, भारतीय रेल अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के उद्यमियों से उत्पाद खरीदने को देगी बढ़ावा
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए रेलवे की ओर से कई सामाजिक पहलों की घोषणा की है। इसके तहत आईआरसीटीसी ने कैटरिंग और कुकिंग सेवाएं मुहैया कराने के लिए स्वयं सहायता समूहों का पैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। इस सिलिसले में रेलवे राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के साथ भागीदारी कर रहा है, जिससे आईआरसीटीसी वेबसाइट की सहायता से तथा उसे एक्सेस करके इन स्वयं सहायता ग्रुपों द्वारा निर्मित उत्पादों की व्यापक ई-मार्केटिंग सुनिश्चित होगी। इससे ग्रामीण आय में बढ़ोतरी होगी।
रेलवे ने ग्रामीण भारत में आत्म- निर्भरता लाने के लिए खादी ग्रामोद्योग निगम के साथ भागीदारी की है। इससे 17 लाख श्रम दिवस का रोजगार उपलब्ध होगा। रेलवे उत्पाद तैयार करने तथा सेवाएं प्रदान करने के लिए उनके साथ निरंतर भागीदारी करेगा। अपने विशाल संसाधनों तथा परिसम्पत्ति का इस्तेमाल कर रेलवे इन उत्पादों और सेवाओं का विपणन करेगा। खास कर एससी/एसटी उद्यमियों से उत्पादों के स्रोत को प्रोत्साहित किया जाएगा।
स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत रेलगाडि़यों में 17000 जैविक शौचालय उपलब्ध कराए जाएंगे
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत मिशन का अनुसरण करते हुए इस वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले रेलगाड़ियों में 17,000 जैव-शौचालय और 475 रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त शौचालय उपलब्ध करा दिए जाएंगे। संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व का सर्वप्रथम जैव-वैक्युम शौचालय भारतीय रेल द्वारा तैयार किया गया है और इसका उपयोग डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 74 अतिरिक्त रेलगाड़ियों को ऑन-बोर्ड हाउसकीपिंग सेवा के अंतर्गत डाला गया है और अन्य 400 को जल्दी ही डाला जाएगा, जिससे इस योजना के अंतर्गत रेलगाड़ियों की कुल संख्या 1,000 हो जाएगी।
यात्री रेलगाड़ी के समयपालन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह कई दशकों से चिंता का विषय रहा है। रेल पटरियों पर भीड़भाड़, टर्मिनल क्षमता में कमी और परिसंपत्तियों की खराबी के कारण यह समस्या और गंभीर हो जाती है। उन्होंने कहा कि सबसे प्रभावित खंड गाजियाबाद से मुगलसराय खंड वाया इलाहाबाद और कानपुर है, जो तीन क्षेत्रीय रेलों में फैला हुआ है। इसके पूरे नेटवर्क के समग्र समयपालन पर प्रभाव पड़ता है। श्री प्रभु ने कहा कि उन्होंने निष्पादन में सुधार लाने के लिए इस खंड पर गाड़ी परिचालन ऑडिट आरंभ किया है और कुछ सुधार पहले से ही नजर आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आंतरिक कारणों के अलावा, पटरियों पर आंदोलन जैसे कई बाहरी कारण भी हैं जिनसे समयपालन नहीं हो पाता है। उन्होंने नागरिकों से इनसे दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि इससे न केवल राष्ट्र को बल्कि यात्रियों को भी नुकसान होता है।
टिकटिंग पर मंत्री महोदय ने कहा कि पिछले वर्ष उन्होंने अनारक्षित यात्रियों को कतारों में समय बर्बाद किये बिना टिकट खरीदने के लिए ‘ऑपरेशन पांच मिनट‘ की घोषणा की थी। इसी परिप्रेक्ष्य में, रेलवे ने 1,780 आटोमैटिक टिकट वैंडिंग मशीनें और 225 कैश-कॉयन और स्मार्ट कार्ड चालित टिकट वैंडिंग मशीनें लगाई हैं। रेलवे ने ई-टिकटिंग मशीनों की क्षमता को 2000 टिकट प्रति मिनट से बढ़ाकर 7,200 टिकट प्रति मिनट किया है, जिससे एक ही समय पर 1,20,000 उपभोक्ता इसका उपयोग कर सकते हैं, जबकि पहले केवल 40,000 लोग ही उपयोग कर पाते थे। उन्होंने कहा कि अनारक्षित और प्लेटफार्म टिकटें खरीदने के लिए मोबाइल एप तथा बिना नगद भुगतान किए यूटीएस और पीआरएस टिकटें खरीदने के लिए गो इंडिया स्मार्ट कार्ड योजना शुरू की गई है।
गैर कर्षण क्षेत्र में ऊर्जा खपत 10 से 15 प्रतिशत तक कम करने के लिए रेलवे ने किया ऊर्जा ऑडिट, अगले 2 से 3 सालों में सभी रेलवे स्टेशनों पर लग जाएंगी एलईडी लाइटें, अगले 5 साल में 1000 मेगावॉट सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता हासिल करने के लिए काम शुरू
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट में पेश करते हुए पर्यावरण सुरक्षा के कई कदमों की घोषणा की है। रेलवे ने इसके तहत ऊर्जा ऑडिट की है। जिससे पता चलता है कि गैर कर्षण क्षेत्र में ऊर्जा खपत 10 से 15 प्रतिशत तक कम हो सकती है। ऊर्जा खपत कम करने के लिए रेलवे ने केवल एलईडी लाइट ही लगाने का फैसला किया है। अगले 2 से 3 सालों में सभी स्टेशनों पर एलईडी लाइटें लगा दी जाएंगी।
भारतीय रेल स्टील के पुलों पर स्टील के स्लीपरों का इस्तेमाल करती है जिस पर मेंटेनेंस और उच्च गति प्रतिबंधित है। इसलिए प्लास्टिक कचरे की रीसाइकिलिंग के जरिये पर्यावरण अनुकूल संयुक्त स्लीपर विकसित किये गए हैं।
रेलवे 500 से अधिक सवारी डिब्बों को खड़ा करने के लिए बने प्रमुख कोचिंग डिपुओं में ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट लगाएगा। इससे पानी की कम खपत में कोचों की बेहतर धुलाई होगी। साथ ही वाटर रिसाइकिलिंग संयंत्रों की स्थापना के लिए 32 स्टेशन और 10 कोचिंग डिब्बों की पहचान की गई है।
रेलवे ने पर्यावरणीय मान्यता, जल प्रबंधन और कूड़े कचरे के लिए एक कार्ययोजना तैयार की है। अबतक रेलवे ने 2000 से अधिक स्थानों पर वर्षा जल संग्रहण (आरड्ब्ल्यूएच) की सुविधा मुहैया करायी है। नए कदमों के तहत 200 वर्ग मीटर से अधिक के सभी प्रतिष्ठानों में आरड्ब्ल्यूएच प्रणाली की चरणबद्ध ढंग से व्यवस्था की जाएगी।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने 1000 मेगावॉट की क्षमता वाले ऊर्जा संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा था। रेलवे ने 50 मेगावॉट संयंत्रों के लिए नीतिगत निर्देश और टेंडर दस्तावेज जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही 100 मेगावॉट सौर ऊर्जा की क्षमता स्थापित करने के लिए सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं। रेलवे ने जैसलमेर में 25 मेगावॉट का पवन चक्की बिजली संयंत्र लगा दिया है। अगले वर्ष 132.5 मेगावॉट चालू करने के लिए कार्य किया जा रहा है। रेलवे सौर माइक्रो ग्रिड का पायलट आधार पर स्थापना के लिए दूर-दराज में स्थित रेलवे स्टेशनों में अपनी बुनियादी ढांचा सुविधाओं का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव रख रहा है। इससे न केवल रेलवे स्टेशनों को सुदृढ़ और विश्वसनीय बिजली की सप्लाई की जा सकेगी बल्कि नजदीकी क्वार्टरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंच सकेगी।
रेलवे ने अपने सभी उत्पादन इकाइयों और प्रत्येक क्षेत्रीय रेलवे में कम से कम एक कारखाने को हरित औद्योगिक इकाई में बदलने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए जरूरी प्रमाणन हासिल किया जाएगा। साथ ही बेहतर ऊर्जा प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा की प्राप्ति, जल संरक्षण, हरित क्षेत्र में वृद्धि और कचरा निपटान के पर्यावरण अनुकूल कदम उठाए जाएंगे।
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने बताया कि रेलवे ने पर्यावरण महत्व को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए हैं। इसके तहत क्षेत्रीय रेलवे या उत्पादन इकाई को पर्यावरण के संबंध में बेहतर कार्य करने के लिए एक शील्ड देना शुरू किया गया है।
आगामी वित्त वर्ष तक स्टेशनों में 30,000 जैविक शौचालय शुरू किये जाएंगे
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुरत करते हुए स्टेरशनों और रेलगाड़ियों में साफ-सफाई में सुधार के लिए अनेक उपाय शुरू करने की घोषणा की। अखिल भारतीय स्तऔर पर क्लीड़न माई कोच सेवा शुरू की गई है, जिसमें यात्री एसएमएस के जरिए अपने कोच/शौचालय को साफ करने का अनुरोध कर सकते हैं और नियमित अंतराल पर तीसरी पार्टी ऑडिट और यात्रियों से फीडबैक के आधार पर ए1 और ए श्रेणी के स्टेरशनों का रैंक निर्धारित किया जा सकता है। उन्हों ने ए1 श्रेणी के प्रत्येहक स्टेयशनों पर चरणबद्ध आधार पर वेस्टा सेग्रीगेशन और रिसाइक्लिंग सेंटर की स्था पना करने का भी प्रस्तामव रखा। उन्होंरने अगले वित्तर वर्ष तक 30,000 जैविक शौचालय बनाने का लक्ष्यी रखा है।
रेल मंत्री ने चुनिंदा स्टे्शनों, पहुंच मार्गों और निकटवर्ती कालोनियों में साफ-सफाई के लिए ‘जागरूकता अभियान’ चलाने का भी प्रस्ता व रखा। उन्होंाने कहा कि वरिष्ठ् नागरिकों, दिव्यां गों और महिला यात्रियों की मांग को पूरा करने के लिए, चुनिंदा स्टेशनों के सभी प्लेटफार्मों पर पोर्टेबल जैव-शौचालय मुहैया कराए जाएंगे। विज्ञापन अधिकार, सीएसआर स्पांसरशिप आदि के जरिए शौचालय के रखरखाव के लिए नवीन उपाय शुरू किए जाएंगे।
अवतरण – सात मिशन मोड, गतिविधियों के जरिये रेलवे का होगा कायाकल्प
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट में पेश करते हुए कहा कि रेलवे को मजबूत करने और इसके कामकाज के तरीके में सुधार के लिए सात मिशन गतिविधियां – अवतरण शुरू की जाएंगी। ये मिशन इस प्रकार होंगे –
- मिशन 25 टन – राजस्व बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रेलवे अपनी ढुलाई क्षमता बढ़ाएगा। 2016-17 में 25 टन एक्सल लोड के जरिये 10-20% माल लदान शुरू किया जाएगा। वित्त वर्ष 2019-20 तक 70% मालवाही यातायात को उच्च एक्सल लोड (धुरा-भार) वाले वैगनों में शिफ्ट किया जाएगा।
- मिशन जीरो दुर्घटना: इस समग्र मिशन के तहत दो खास उप सब-मिशन होंगे –
- बिना चौकीदार वाले लेवल क्रासिंगों को समाप्त करना: इस मिशन के तहत अगले 3-4 वर्ष में बड़ी लाइन के सभी लेवल क्रासिंगों को समाप्त कर दिया जाएगा। इसके लिए नए वित्त पोषण तंत्र की व्यवस्था की जा रही है।
- टीसीएएस (गाड़ी टक्कररोधी प्रणाली): गाड़ियों की आमने-सामने की टक्कर की रोकथाम के लिए देशी प्रौद्योगिकी विकसित की गई है। जिससे औसत खण्डीय गति बढ़ने के कारण थ्रूपुट भी बढ़ती है। रेलवे अगले 3 वर्षों में उच्च घनत्व वाले नेटवर्क में 100% टीसीएएस की व्यवस्था कर लेगा।
- मिशन पीएसीई (खरीद और खपत में कुशलता): रेलवे में माल तथा सेवाओं की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण बचत और सुधार लाने के लिए विभाग खरीद प्रक्रिया को सर्वोत्तम अन्तरराष्ट्रीय पद्धति के मुताबिक बनाएगा। इस प्रक्रिया के तहत रेलवे की खपत के मानदण्डों की समीक्षा की जाएगी और वेंडरों द्वारा परिचालित इन्वेंटरी, एचएसडी की सीधी खरीद आदि जैसे कार्य व्यवहार का अधिकतम इस्तेमाल करने की संस्कृति लाई जाएगी। इसमें एचएसडी की खरीद तथा खपत की व्यापक समीक्षा कर रहे हैं, जिसमें इसका रिसाव रोकना शामिल है। रेलवे स्क्रैप को चिह्नित करने और उसका निपटान करने की एक नई पद्धति भी बनाएगा। वर्ष 2016-17 में रेलवे ने 1500 करोड़ रुपये से अधिक बचत करने का लक्ष्य रखा है।
- मिशन रफ्तार: मिशन रफ्तार के तहत माल गाड़ियों की औसत रफ्तार दोगुनी की जाएगी। सुपरफास्ट मेल/एक्सप्रेस आदि गाड़ियों की रफ्तार को अगले 5 वर्ष में 25 किमी. प्रति घंटा तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। सभी लोको चालित पैसेंजर गाड़ियों के स्थान पर अगले पांच वर्षों में डीईएमयू/एमईएमयू गाड़ियां चलाने की कोशिश की जाएगी।
- मिशन शतक – रेलवे अगले 2 वर्षों में कम से कम सौ साइडिंगों को चालू कर देगा। इसके साथ ही वर्तमान साइडिंग/पीएफटी नीति को संशोधित किया जाएगा ताकि और ज्यादा निजी भागीदारी प्राप्त की जा सके और शक्तियों के विकेंद्रीकरण सहित सभी नए आवेदनों को स्वीकार किया जा सके। इन आवेदनों को स्वीकार करने और उन पर कार्यवाही करने के लिए ऑन-लाइन पोर्टल शुरू किया जाएगा।
- मिशन बुक कीपिंग से आगे: रेलवे एकल एन्ट्री से दोहरी एन्ट्री प्रणाली और कैश आधारित के स्थान पर पूर्णतया अर्जन आधारित प्रणाली को अपना रहा है। यह एक संरचनात्मक परिवर्तन है सही लेखांकन से सही लागत निर्धारण होता है और इस प्रकार सही मूल्य निर्धारण तथा सही परिणाम प्राप्त होते हैं। रेलवे की मंशा है कि इसका कार्यान्वयन मिशन मोड में शुरू हो और अगले कुछ वर्षों में यह पूरी तरह कार्यान्वित हो जाए।
- मिशन क्षमता उपयोग: इस मिशन के तहत 2019 तक दो डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोरों को चालू कर दिया जाएगा। इससे दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता के बीच भारी क्षमता में माल-यातायात की ढुलाई के लिए नई क्षमता पैदा होगी।
श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि प्रत्येक मिशन का प्रधान एक मिशन निदेशक होगा, जो समयबद्ध ढंग से परिणाम देने के लिए सीधे रेलवे बोर्ड के चेअरमैन को रिपोर्ट करेगा। किसी खास मिशन के लिए प्रत्येक रेलवे/उत्पादन इकाई/अ.अ.मा.सं./ केन्द्रीकृत प्रशिक्षण संस्थानों से नामित किए गए अधिकारी,फील्ड लेवल पर कार्यान्वयन कार्य में सहयोग करेंगे। सभी मिशनों का एक प्रदर्शन लक्ष्य होगा।
रेलवे ने अनुसंधान एवं विकास संगठन – ‘श्रेष्ठ‘ की स्थापना का प्रस्ताव किया, भारतीय रेलवे के स्वामित्व वाली अधिकांश कंपनियों को एक होल्डिंग कंपनी के अंतर्गत लाना
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए एक शोध और विकास संगठन – स्पेशल रेलवे इस्टेब्लिसमेंट फॉर स्ट्रेटेजिक टेक्नोलॉजी एंड हॉलिस्टिक एडवांसमेंट (श्रेष्ठ) का गठन करने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि अनुसंधान, अभिकल्प एवं मानक संगठन (अ.अ.मा.सं.) अब केवल रोजमर्रा के मामलों पर ही ध्यान केन्द्रित करेगा, जबकि श्रेष्ठ का लक्ष्य दीर्घकालिक शोध करना होगा। ‘श्रेष्ठ’ का प्रधान एक प्रख्यात वैज्ञानिक होगा, जो सीधे अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट करेगा, जिसमें वैज्ञानिक और सीमित संख्या में रेलवे के विशेषज्ञ होंगे। अनुसंधान, अभिकल्प एवं मानक संगठन का काम पूरी तरह से पारदर्शी तथा समयबद्ध परिणाम देने वाला होगा।
रेल मंत्री ने रेलवे की होल्डिंग कम्पनियों के एकीकरण का भी प्रस्ताव किया है। श्री प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे के स्वामित्व वाली कंपनियां उसकी परिसंपत्तियां है, जिनमें अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि वे इनमें से अधिकांश कंपनियों को एक होल्डिंग कम्पनी के अन्तर्गत लाने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करने का प्रस्ताव करते हैं, जिससे सम्मिलित संसाधनों का उपयोग करने और साथ ही प्रत्येक सहायक कंपनी की क्षमता का इस्तेमाल करने में अत्यन्त जरूरी लचीलापन मुहैया होगा।
रेल मंत्री ने कहा कि अपने ग्राहकों को गुणवत्तापरक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेलों के पास अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का होना आवश्यक है। हाई स्पीड रेल, हैवी हॉल, रोलिंग स्टॉक तथा सिगनल प्रणाली जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में भारतीय रेलवे के लिए दुनिया की सर्वोत्तम प्रणालियों से सहयोग प्राप्त करना अपेक्षित हो गया है। अल्पावधि में इन क्षेत्रों में स्वदेशी क्षमता के विकास के लिए हमने कुछ बेहतरीन रेलों के साथ भागीदारी की है। महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग को एक संस्थागत रूप देने तथा इससे आगे बढ़ाने के लिए सरकार, फॉरेन रेल टेक्नॉलोजी को-ऑपरेशन स्कीम (एफआरटीसीएस) को स्थापित करने का कार्य कर रही है।
रेलवे रेल विकास प्राधिकरण की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगा
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारतीय रेल सेवाओं की उचित कीमत निर्धारण, प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, ग्राहकों के हितों के संरक्षण और कार्यकुशलता के मानकों के निर्धारण के लिए रेल विकास प्राधिकरण की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगी। रेल विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा पिछले साल की गई थी।
रेल मंत्री ने कहा कि हितधारियों से विस्तृत परामर्श के पश्चात् ड्राफ्ट बिल तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पारदर्शी और सरल चयन प्रक्रिया के जरिए इस संस्थान की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाएगी तथा रेल मंत्रालय द्वारा इस पर निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रयास समस्त हितधारियों का मनोबल ऊंचा करने में सहायक होगा।
रेलवे निर्माण कार्यों का दायित्व वहन करने के लिए ईपीसी माध्यम लागू करेगा
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि बड़े व्यावसायिक भागीदारों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने और लागत तथा समय में वृद्धि को न्यूनतम करने के लिए कार्य का आवंटन करने के लिए अभियांत्रिकी खरीद एवं निर्माण (ईपीसी) माध्यम कार्यान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में इसके जरिए कम से कम 20 परियोजनाएं कार्यान्वित की जाएंगी और 300 करोड़ रूपये की लागत वाले सभी निर्माण कार्यों को ईपीसी ठेकों के जरिए प्रदान किया जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल ने सफाई, सुविधा प्रबंधन आदि जैसे आऊट-सॉर्सिंग ठेकों के जरिए गैर- परिचालनिक क्षेत्रों में निजी पार्टियों की सेवाएं लेती है। उन्होंने कहा कि परियोजना प्रबंधन और निगरानी के लिए प्रौद्योगिकीय समाधानों का सहारा लिया जाएगा। सभी बड़ी परियोजनाओं की वास्तविक प्रगति की कहीं से भी समीक्षा करने और समर्पित माल यातायात गलियारे की प्रगति की निगरानी करने के लिए नवीनतम ड्रोन और जियो स्पैटियल आधारित सैटलाइट प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
डेडीकेटेड क्रॉस फंक्शनल टीम-सूत्र का गठन किया जाएगा, आंतरिक और बाह्य नवरचना में सहायता प्रदान करने के लिए 50 करोड़ रूपये की राशि, श्री रतन टाटा की अध्यक्षता में अभिनवीनता समिति
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि निवेश और प्रक्रिया के संबंध में निर्णय लेने के लिए विस्तृत विश्लेषण करने हेतु एक डेडीकेटेड क्रॉस फंक्शनल टीम, स्पेशल यूनिट फॉर ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एण्ड एनॉलिटिक्स (सूत्र), का गठन किया जाएगा। इस टीम में पेशेवर विश्लेषक होंगे और इस क्षेत्र में उत्कृष्ट निर्णय लेने वालों की सहायता से इसका पूरा उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डाटा के आधार पर निर्णय लेना महान संगठनों की निशानी होती है। यद्यपि भारतीय रेलवे एक संगठन के रूप में 100 टेराबाइट्स से ज्यादा डाटा का संग्रहण करती है, इसके बावजूद इसमें अन्तर्निहित व्यवसाय के लिए इसका विश्लेषण ज्यादा नहीं किया जाता हैं।
श्री प्रभु ने कहा कि आन्तरिक तथा वाह्य नवरचना में सहायता प्रदान करने के लिए कर्मचारियों, स्टार्टअप्स तथा प्रगतिपरक छोटे व्यापारियों के लिए 50 करोड़ रुपए अलग से रख रहे हैं। वार्षिक आधार पर हम भारतीय रेलवे की सबसे कठिन समस्याओं का समाधान, अभिनवीनता संबंधी चुनौती के माध्यम से खोजेंगे। यह अभिनव कार्य एक अभिनवीनता समिति द्वारा किया जाएगा, जिसमें प्रतिष्ठित निवेशक, भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी, रेलवे बोर्ड और श्री रतन टाटा की अध्यक्षता में ”कायाकल्प” के साथ मिलकर कार्य करेगी। इस पहल कार्य के लिए एक कार्यक्रम प्रबन्धन संरचना तैयार की जाएगी। इस वर्ष के लिए, वार्षिक चुनौतियों के क्षेत्र निम्नानुसार हैं:
⇒ निचली सतह के प्लेटफार्मों से गाड़ियों में चढ़ना
⇒ सवारी डिब्बों की क्षमता बढ़ाना
⇒ स्टेशनों पर डिजिटल क्षमताएं
इसके अलावा, हमारे सभी कार्यशालाओं तथा उत्पादन इकाइयों में नवरचना प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी ताकि स्थानीय लोगों तथा कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले सृजनात्मक अभिनव कार्यों में सहायता प्रदान की जा सके।
रेल मंत्री ने कहा कि काफी लम्बे समय से परीक्षण ट्रैक विकसित करने की जरूरत महसूस की जा रही थी, जिससे परीक्षण की अलग-अलग स्थितियों में प्रोटोटाइप का शीघ्र परीक्षण किया जा सकेगा। यह परीक्षण इस समय मौजूदा रेलवे नेटवर्क में किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप परीक्षण की सभी स्थितियों में एकरूपता न लाए जा सकने के अलावा यातायात में भी विलम्ब होता है। हम परीक्षण ट्रैक तैयार करेंगे, जिसकी भारतीय रेलवे के अनुसंधान और विकास क्षमता को बढ़ाने के लिए काफी बड़ी भूमिका होगी।