भारत का संविधान-उद्देशिका
भारत का संविधान
उद्देशिका
हम, भारत के लोग, भारत को एक[1][संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न
समाजवादी पंथनिरफेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य] बनाने के लिए,
तथा उसके समस्त नागरिकों को :
सामाजिक, आार्थिक और राजनैतिक न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म
और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्राप्त कराने के लिए,
तथा उन सब में
व्यक्ति की गरिमा और[2][राष्ट्र की एकता
और अखंडता] सुनिाश्चित करने वाली बंधुता
बढ़ाने के लिए
दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख
26 नवम्बर, 1949 ई0 (मिति मार्गशीर्ष शुक़्ला सप्तमी, संवत् दो
हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकॄत,
अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं ।